व्यंग : व्यास पीठ पर हंस और कौवे !
एक कहावत है कि जिसका काम उसी को साजे यानी निपुण व्यक्ति ही अपना दायित्व बखूबी निभा सकता है, लेकिन यहाँ तो कौवा चला हंस की चाल, अपनी भी भूल बैठा जैसी कहावत पर अमल करने की होड़ मची है। जिसने पुस्तकों का गहन अध्ययन नहीं किया, वह दिव्य ज्ञान बाँटने का ठेकेदार है । […]