खरी खरी : रिंग मास्टर का चाबुक तो ऐसे ही चलेगा !
जब चुना ही है हाथों में खंजर का हुनर देख कर, तो फिर क्यों हैरान होते हो लाशों का शहर देख कर शायर की ऐ पंक्तियां दूसरी बार लोकसभा स्पीकर चुने गए ओम बिरला के कार्य – व्यवहार में सटीक बैठती दिखाई दे रही है। 17 वीं लोकसभा में बतौर स्पीकर ओम बिरला का कार्यकाल […]