ये कैसी अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता ?
इन दिनों देश में कामेडी(हास्य) के नाम पर फूहड़ता और अश्लील सामग्री पेश करने की लगातार बढ़ रही प्रवृत्ति को लेकर बहस छिड़ी हुई है। वास्तव में डिजिटल प्लेटफॉर्मों के नियमन हेतु सख्ती बहुत ही जरूरी और आवश्यक हो गई है। कहना ग़लत नहीं होगा कि आज डिजिटल प्लेटफॉर्मों के नियमन पर सख्ती नहीं होने […]