व्यंग लेख शीर्षक – क्या लोकसेवकों के यहां भरा भण्डार है
छोटे मोटे दुबले पतले कैसे भी कर्मचारी हों कोई से भी विभाग में उनका कुनबा हो भ्रष्ट तंत्र की दीमक उस पर अपना काम दिखा ही देती है। उसको धन सम्पदा की कोई कमी नहीं रहती है। उनका खाजाना मानों स्वयं कुबेर देवता ही बड़े बड़े घड़ों में भर रहें होते हैं। आज कल जहां […]