आउटसोर्सिंग पालिसी को तर्कसंगत बनाकर मुख्यमंत्री ने दिया है कच्चे कर्मचारियों को मनोहर तोहफा
मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कच्चे कर्मचारियों को ठेकेदारों के चंगुल से बचाने के लिए आउटसोर्सिंग पालिसी को तर्कसंगत बनाकर लगभग 90 हजार से अधिक कर्मचारियों को विभिन्न विभागों में समायोजित करके मनोहर तोहफा दिया है। इसके अलावा कर्मचारियों के नाम पर राजनीति करने वाले सो कॉल्ड कर्मचारी यूनियनों के प्रधानों को करारा जवाब दिया है, जिसकी चर्चा देश भर में हो रही है।
कच्चे कर्मचारियों को ईपीएफ अंशदान व ईएसआई के नाम पर ठेकेदारों द्वारा किए जा रहे शोषण की शिकायतों को मुख्यमंत्री ने गंभीरता से लिया है और कर्मचारियों को एक ही छत्त के नीचे सभी सुविधाएं मुहैया करवाने के लिए हरियाणा कौशल रोजगार निगम का गठन करवाया है।
सरकार ने एक लाख से अधिक युवाओं को दी नौकरी
मुख्यमंत्री मनोहर लाल मानते हैं कि लोकतंत्र में कर्मचारी सरकार चलाने के लिए अहम कड़ी होता है। इसी को ध्यान में रखते हुए गत 9 वर्षों में सरकारी कर्मचारियों की नियमित भर्ती प्रक्रिया को पारदर्शी तरीके से मेरिट आधार पर पूरा कर 1 लाख 10 हजार से अधिक युवाओं को नौकरी दी हैं। इसके अलावा लगभग 60 हजार से अधिक पदों की भर्ती प्रक्रिया विभिन्न चरणों में है। जिन विभागों में तत्काल कार्य बल की आवश्यकता है ,उसे पूरा करने के लिए हरियाणा कौशल रोजगार निगम एक अहम भूमिका निभा रहा है। लगभग 20 दिनों में विभागों की आवश्यकता के अनुसार कर्मचारियों को नौकरी के जॉब ऑफर लेटर जारी किए जाते हैं।
ग्लोबल नेतृत्व भारत के ब्रेन-ड्रेन को अपनाने के लिए है प्रयासरत
विश्व की युवा जनसंख्या का लगभग 40 प्रतिशत प्रतिनिधित्व करने वाले भारत पर ग्लोबल नेतृत्व की निगाहें हैं। वे भारत के ब्रेन-ड्रेन को अपने देशों में लाने के लिए प्रयासरत हैं। वहीं प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने युवा शक्ति को वर्ष 2047 तक विकसित भारत का एक महत्वपूर्ण स्तंभ माना है। उन्होंने युवाओं से अपने ‘मन की बात’ कार्यक्रम के माध्यम से इनोवेटिव आइडिया देने का आह्वान किया है।
राजधानी चंडीगढ़ में पहली बार हरियाणा के मुख्यमंत्री के डिजिटल बोर्ड लगे हैं देश के प्रतिष्ठित विश्वविद्यालय पंजाब यूनिवर्सिटी के छात्र भी मुख्यमंत्री की भर्ती प्रक्रिया के कायल हैं। विगत 9 वर्षों की हरियाणा सरकार की उपलब्धियों के पहली बार चंडीगढ़ के प्रमुख चौराहों व सार्वजनिक स्थानों पर डिजिटल बोर्ड लगे हैं। रोज गार्डन, आर्ट कालेज, राक गार्डन अौर सुखना लेक सहित कई जगहों पर शैक्षिक भ्रमण आने विद्यार्थी भी डिजिटल विज्ञापनों पर दर्शाए गए बिन पर्ची- बिन खर्ची योग्यता के आधार पर सरकारी नौकरी के बारे गाइड से भी पूछते हैं। इसके अलावा देश-विदेश से आने वाले सैलानी भी इन विज्ञापनों में दिलचस्पी दिखा रहे हैं। बुद्धिजीवी वर्ग चाहे वह मीडिया से जुड़ा है या साहित्य से जुड़ा या फिर सिविल सोसाइटी से जुड़ा है, हर कोई ये जानकारी ले रहा है। कौन है मनोहर लाल।
मुख्यमंत्री सच कहना, सुखी रहना है मनोहर लाल की कार्यशैली
मुख्यमंत्री सार्वजनिक मंचों से पिछले 9 वर्षों से कहते आ रहे हैं कि जो काम संभव है, वे वहीं करते हैं चाहे इसके लिए उन्हें पार्टी के नेताओं की नाराजगी भी क्यों न झेलनी पड़े। सच कहना, सुखी रहना है मनोहर लाल की ही कार्यशैली है। कई बार मुख्यमंत्री पार्टी कार्यकर्ताओं के अलावा उद्योगपतियों को भी दो टूक जवाब देते हैं कि वह जमाना लद गया जब सफेदपोशों व बिचौलियों के माध्यम से मुख्यमंत्री से मिलने का समय मांगते थे। आज नागरिक की भी मुख्यमंत्री से पहुंच हुई है। सीएम विंडो व जन संवाद कार्यक्रम इस कड़ी में अहम भूमिका निभा रहे हैं। अब तक 30 लाख से अधिक लोगों की मुख्यमंत्री सीधी पहुंच हुई है। सीएम विंडों पर आई शिकायतों में से 10 लाख से अधिक का निपटान हो चुका है। लोगों में सरकार के प्रति विश्वास बढ़ा है।
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