भाजपा नेताओं का एक दिन का मंदिर सफाई अभियान फोटो खिंचवाई और हो गए गायब
मोदी ने किया आह्वान, देश के मंदिरों में चलाओ सफाई अभियान
धड़ाधड़ सभी नेता पहुंच गए मंदिरों में और फोटो खिंचवाकर चलते बने
22 जनवरी के प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 30 दिसंबर को अयोध्या में एक जनसभा को संबोधित करते हुए देशभर के नागरिकों से आह्वान किया था कि 15 जनवरी मकर संक्रांति के दिन से देश के सभी मंदिरों में सफाई अभियान चलाया जाए। 14 जनवरी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने आवास में गायों को चारा खिलाकर एक बार फिर से सभी नागरिकों से मंदिरों में साफ सफाई का आह्वान कर दिया।
भारतीय जनता पार्टी के नेताओ की तरफ से जितने भी प्रेस रिलीज इस आह्वान को लेकर जारी किए गए हैं ज्यादातर मे एक बात सभी में एक जैसी ही है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आह्वान पर मंदिरों की सफाई की जा रही है। तो क्या इसका यह मतलब निकाला जाए कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अगर आह्वान ना करते तो मंदिरों की साफ सफाई का अभियान भाजपा नेताओं की तरफ से नहीं छेड़ा जाता। इसका दूसरा मतलब भी निकलता है कि जो मंदिरों में सफाई का अभियान चल रहा है वह सिर्फ राजनीति से जुड़ा हुआ है। अपने आप को हिंदुत्व का चोला ओढ़ कर चलने वाले नेताओं को मंदिरों की साफ सफाई से कोई लेना नहीं है। सिर्फ और सिर्फ ऊपर का आदेश मान करके यह सफाई की जा रही है। इसमें भी ज्यादातर नेताओं ने सिर्फ फोटो सेशन ही कराया है। नेता जी पहुंचे झाड़ू पोछा लगाने की फोटो खिंचवाई और उसको अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर अपडेट कर दी गई और अपने केंद्रीय नेतृत्व तक फोटो भेजकर यह बता दिया गया कि साहब हमने तो आदेश का पालन कर दिया है जैसा हमें कहा गया था। बाल्मीकि रामायण में भी कहा गया है, हमारे आसपास अगर सफाई जरूरी है तो मन का मैल निकालना भी जरूरी है। क्या मंदिरों की सफाई अभियान के साथ-साथ नेताओं ने मन का मैंल भी निकाल दिया है। जिस किसी भी नेता ने सफाई अभियान के साथ-साथ मन का भी मेल निकाल दिया तो समझिए सही मायने में भगवान राम का सच्चा सेवक कहलाने लायक है।
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