भाजपा की अगवाई वाली नरेन्द्र मोदी सरकार देशभर में छोटे साहिबजादों को समर्पित ‘वीर बाल दिवस ‘ मनाएगी – तरुण चुघ
भाजपा की तरफ से हर विधानसभा क्षेत्र में एक बड़ा प्रोग्राम किया जाएगा – चुघ
21 दिसंबर () भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव तरूण चुघ ने गुरुवार को जारी एक प्रेस नोट में कहा कि ‘वीर बाल दिवस’ छोटे साहिबजादों की शहादत को याद करने का दिन है। बीजेपी राष्ट्रीय महासचिव ने कहा कि 2022 में श्री गुरु गोबिंद सिंह जी के प्रकाश पर्व वाले दिन प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने घोषणा की थी कि हर साल 26 दिसंबर को बाबा जोरावर सिंह जी और बाबा फतेह सिंह जी की शहादत के दिवस को मोदी सरकार पूरे देश में वीर बाल दिवस के रूप में मनाएगी। जिसकी शुरूआत पिछले साल 3000 बच्चों ने एक साथ दिल्ली में परेड करके की थी । चुघ ने कहा कि इस बार भी इस दिवस को मनाने की तैयारी शुरू हो गई है। इस बार केंद्र सरकार और बीजेपी छोटे साहिबजादों का शहीदी दिवस पूरे देश में ओर भी बड़े पैमाने पर मनाने जा रही है । चुघ ने कहा कि बीजेपी की तरफ से हर मंडल में सहजपाठ, सुखमनी साहिब शब्द, कीर्तन, कथा के रूप में कार्यक्रम आयोजित किए जायेगे । सभी जिला केंद्रों में डिजिटल प्रदर्शनियों व सामूहिक रूप से लंगर लगाए जाएंगे। प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र में एक बड़ा कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा।
चुघ ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने सबसे पहले संगत के लिए श्री करतारपुर साहिब के दर्शन के लिए पाकिस्तान जाने का रास्ता खोला, 1984 के सिख दंगों के दोषियों को सजा देने का प्रयास किया और गुरु गोबिंद सिंह जी के दोनो छोटे साहिबजादों की शहादत को नमन किया । मोदी ने राष्ट्रीय स्तर पर गुरु गोबिंद सिंह जी को श्रद्धांजलि दी और घोषणा की कि छोटे साहिवजादों की शहादत को याद करने के लिए हर साल इस दिन को बाल दिवस के रूप में भी मनाया जाना चाहिए ताकि हर देशवासी मानवता और प्राचीन संस्कृति को बचाने के लिए गुरु जी द्वारा दिए गए योगदान को याद कर सके। चुघ ने कहा कि पिछली किसी भी सरकार ने इस ओर ध्यान नहीं दिया था लेकिन जब से नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में सरकार आई है तब से सरकार ने सिखों के साथ भाईचारिक सांझ बढ़ाने के कई प्रयास किए है और कई ऐसे काम किए हैं जो पिछली किसी सरकार ने नहीं किए। चुघ ने कहा कि 26 दिसंबर को हर देशवासी को छोटे साहिबजादों की शहादत को श्रद्धांजलि देनी चाहिए। तथा आसपास के किसी भी गुरुद्वारा साहिब में जाकर उन्हें नतमस्तक होना चाहिए।
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