चंडीगढ़ ,हरियाणा,पंजाब , हिमाचल को पहली लिस्ट में जगह नहीं ?
लोकसभा चुनाव भाजपा की पहली लिस्ट जारी मगर हरियाणा पंजाब और चंडीगढ़ का नाम तक नहीं ?
मोदी सरकार की हैट्रिक के लिए भारतीय जनता पार्टी की पहली लिस्ट जारी हो चुकी है जिसमें 195 उम्मीदवारों के नाम घोषित कर दिए गए हैं इन उम्मीदवारों को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के द्वारा शुभकामना संदेश भी दे दिया गया है । मगर दिल्ली से के सबसे करीब हरियाणा को इस लिस्ट में तवज्जो नहीं मिली है और हरियाणा ही क्यों हरियाणा के साथ पंजाब चंडीगढ़ और हिमाचल के एक भी उम्मीदवार के नाम कल घोषित हुई लिस्ट में नहीं घोषित हुए हैं ।
आज चर्चा करते हैं कि आखिर क्या वजह है हरियाणा पंजाब चंडीगढ़ और हिमाचल के नाम पहली लिस्ट में क्यों नहीं आए
सबसे पहले चंडीगढ़
पहली लिस्ट में चंडीगढ़ से उम्मीदवारों का नाम न होने से उम्मीदवारों को थोड़ा झटका लगा है । भाजपा से जुड़े सूत्र बताते हैं कि चंडीगढ़ में भारतीय जनता पार्टी के अंदर गुटबाजी चल रही है । दो बड़े नेताओं के गुट बने हुए हैं यही वजह है कि चंडीगढ़ का नाम पहली लिस्ट में नहीं आया है गुटबाजी की वजह से भारतीय जनता पार्टी नेतृत्व चंडीगढ़ में पैराशूट उम्मीदवार उतारने की तैयारी में है । संभावना जताई जा रही कि यहां से किसी सितारे को उतारा जा सकता है । हालांकि 2014 से चंडीगढ़ लोकसभा सीट से किरण खेर सांसद हैं और वह फिल्म स्टार है आम जनमानस से उनकी दूरी के चर्चे लगातार अखबारों की सुर्खियां बनते रहते हैं चंडीगढ़ की जनता के मन की अगर बात की जाए तो अगर पैराशूट उम्मीदवार भारतीय जनता पार्टी उतरती है तो जीतने के लिए मुश्किल का सामना करना पड़ सकता है । हालांकि लिस्ट में कई नाम है जिन पर अभी भी चर्चा जारी है मगर जब तक फाइनल नाम कोई नहीं आता तब तक सिर्फ कयासों का ही दूर रहेगा ।
हरियाणा का नाम क्यों नहीं जबकि दिल्ली दरबार के बिल्कुल बगल में
दिल्ली अगर सबसे ज्यादा दौड़ होती है तो बस हरियाणा के मुख्यमंत्री की दौड़ होती है क्योंकि दिल्ली और हरियाणा की दूरी महज कुछ किलोमीटर की है । मगर पहली लिस्ट में हरियाणा से एक भी उम्मीदवार का नाम ना होना बहुत ही आश्चर्य की बात रही ।
जेजेपी भाजपा गठबंधन का रोड़ा पहली लिस्ट में
हरियाणा में 2019 से ही भारतीय जनता पार्टी और जननायक जनता पार्टी की गठबंधन की सरकार चल रही है । लोकसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी अपने दम पर दसों सीट जीतकर सत्ता में पहुंची थी । और यही ख्वाब 2024 के लोकसभा चुनाव के लिए भी भाजपा देख रही है । मगर साथ में सहयोगी के साथ चुनाव लड़ने के लिए मन में संशय है कि सहयोगी को साथ लेकर चुनाव लड़ा जाए या ना लड़ा जाए । यही वजह रही की भारतीय जनता पार्टी के मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल के लिए जो पहली लिस्ट जारी हुई उसमें हरियाणा को जगह नहीं मिली । हालांकि आज यानी इतवार 3 मार्च 2024 को जननायक जनता पार्टी की करनाल के घरौंडा में वरिष्ठ कार्यकर्ताओं के साथ मीटिंग भी है जिसमें हल्का स्तर तक के नेताओं को बुलाया गया है इस बैठक में इस बात पर चर्चा होगी कि अगर भाजपा साथ में चुनाव नहीं लड़ती है तो जननायक जनता पार्टी की लोकसभा चुनाव को लेकर क्या तैयारी है । क्या जेजेपी 2024 के चुनाव के रण में अकेले उतरने को तैयार है इस बात को लेकर भी चर्चा होगी ।
हालांकि यह भी जानकारी मिल रही है कि बहुत जल्द जेजेपी प्रमुख अभय चौटाला और दुष्यंत चौटाला की मुलाकात भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व से होगी वहां पर भी इस बात को लेकर चर्चा होगी के साथ चुनाव लड़ना है या नहीं ।
पंजाब का लिस्ट में नाम क्यों नहीं ?
भारतीय जनता पार्टी की पहली लिस्ट में पंजाब से भी किसी उम्मीदवार का नाम ना होना बहुत ही आश्चर्य का विषय रहा । क्योंकि अगर जमीनी हकीकत की बात की है तो पंजाब में भारतीय जनता पार्टी की जमीन पर जड़े कमजोर है । 2019 के चुनाव की अगर बात करें तो भाजपा और शिरोमणि अकाली दल के बीच गठबंधन था तब दो सीट भाजपा के पास और दो सीट अकलियों ने जीती थी । मगर 2024 आते-आते गठबंधन टूट चुका है । हालांकि चुनाव के कुछ दिन पहले शुरू हुए किसान आंदोलन से बीजेपी भी सहमी हुई है और यह भी एक वजह हो सकती है की पहली लिस्ट में पंजाब को तवज्जो नहीं दी गई उम्मीद की जा रही है कि जल्दी ही किसान आंदोलन खत्म हो जाएगा और उसके बाद शिरोमणि अकाली दल से गठबंधन की संभावना से भी इनकार नहीं किया जा रहा है अगर दोनों बातें पूरी हो जाती है तो 2024 के चुनाव में एक बार फिर शिरोमणि अकाली दल और बीजेपी पंजाब में एक साथ चुनाव साथ में लड़ने उतर सकते हैं । और यह सारा कुछ फाइनल तीन से चार दिनों के अंदर हो जाना है क्योंकि अगले हफ्ते ही भाजपा की दूसरी लिस्ट के भी जारी होने की संभावना है ।
पंजाब हरियाणा चंडीगढ़ तो ठीक मगर हिमाचल में क्या दिक्कत रही वहां का नाम क्यों नहीं आया ?
हाल ही में हिमाचल में राज्यसभा चुनाव हुए थे जिसमें भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार ने अप्रत्याशित जीत हासिल की थी । जबकि बहुमत सत्ताधारी दल कांग्रेस के पास था मगर कांग्रेस के 6 विधायकों ने क्रॉस वोटिंग करके भाजपा उम्मीदवार को जितवा दिया था । जिसकी वजह से वहां पर स्थितियां बदली है । हालांकि 2019 के लोकसभा चुनाव में भाजपा ने यहां की सभी सीटों पर फतेह प्राप्त की थी और 2024 के चुनाव में भाजपा को अगर 400 पार का आंकड़ा बरकरार रखना है तो हिमाचल की भी सभी सीटों पर एक बार फिर से फतह हासिल करनी होगी । कांग्रेस विधायकों के बागी होने से वहां की सभी सीटों पर समीकरण बिगड़े हैं संभावित जो विधायक बागी होकर बीजेपी के साथ आए है , उनको भी एडजस्ट किया जाना है यही वजह रही होगी कि हिमाचल को पहली लिस्ट में जगह नहीं मिल पाई है संभवतह अगली लिस्ट जो अगले हफ्ते आने की संभावना है उसमें हिमाचल को भी जगह मिल सकती है ।
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