सिगरेट से सिकुड़ता है मस्तिष्क, जल्दी आता है बुढ़ापा: नई स्टडी से हुआ चौंकाने वाला खुलासा
धूम्रपान की बुरी आदत न केवल शरीर के अंगों को प्रभावित करती है, बल्कि दिमाग पर भी गहरा असर डालती है। एक नई स्टडी में यह सामने आया है कि सिगरेट पीने से मस्तिष्क सिकुड़ने लगता है और बुढ़ापा जल्दी आ जाता है। सबसे चिंताजनक बात यह है कि स्मोकिंग छोड़ने के बाद भी मस्तिष्क अपने पुराने आकार में नहीं लौटता।
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की एक रिपोर्ट के अनुसार, भारत में हर साल 13 लाख 50 हजार लोगों की मौत स्मोकिंग के कारण होती है। यह संख्या न केवल स्वास्थ्य के लिहाज से भयावह है, बल्कि समाज और अर्थव्यवस्था पर भी इसका गहरा असर पड़ रहा है।
सिगरेट में छुपा है ज़हर: हर कश में खतरा
सिगरेट में इस्तेमाल होने वाले रसायनों को लेकर जो तथ्य सामने आए हैं, वे और भी ज्यादा चौंकाने वाले हैं। सिगरेट में वो ही खतरनाक रसायन पाए जाते हैं, जो चूहे मारने की दवा और टॉयलेट क्लीनर में होते हैं। हर साल लाखों लोग इस खतरनाक आदत की वजह से अपनी जान गंवा रहे हैं। सिगरेट से होने वाले नुकसान किसी से छिपे नहीं हैं, लेकिन फिर भी इसका सेवन करने वाले जानते हुए भी इसे छोड़ नहीं पाते।
सिगरेट से अर्थव्यवस्था को नुकसान: टैक्स से ज्यादा बढ़ रहा बोझ
सिगरेट और शराब जैसे नशे से होने वाले टैक्स का हवाला देकर अक्सर इन पर प्रतिबंध लगाने की मांग को नजरअंदाज किया जाता है। लेकिन हकीकत यह है कि सिगरेट से होने वाली बीमारियों का इलाज देश की अर्थव्यवस्था पर भारी बोझ डाल रहा है। बीमारियों की वजह से स्वास्थ्य सेवाओं पर पड़ने वाला आर्थिक दबाव टैक्स से मिलने वाले राजस्व से कहीं ज्यादा होता है।
फिल्मों ने बढ़ाया सिगरेट का ग्लैमर
सिगरेट पीने की शुरुआत अक्सर किशोरावस्था में होती है। अमेरिकन कैंसर सोसाइटी के मुताबिक, 10 में से 9 लोग टीनएज में ही स्मोकिंग शुरू करते हैं। इसका एक प्रमुख कारण फिल्मों में सिगरेट को ग्लैमर, रोमांच और बौद्धिकता से जोड़कर दिखाना है। यह समाज के युवा वर्ग को सबसे अधिक प्रभावित करता है। इस समस्या से निपटने के लिए पेरेंट्स और टीचर्स की भूमिका महत्वपूर्ण हो जाती है, जो बच्चों को इस आदत से बचाने के लिए जागरूक करें।
स्मोकिंग से बढ़ती बीमारियां: कैंसर और हार्ट डिजीज का खतरा
स्मोकिंग के कारण 10 से अधिक प्रकार के कैंसर, हार्ट डिजीज, स्ट्रोक और अस्थमा जैसी गंभीर बीमारियों का खतरा रहता है। पूरी दुनिया में हर साल लगभग 6 करोड़ लोगों की मौत होती है, जिनमें से 1.80 करोड़ लोग हार्ट डिजीज और 1 करोड़ लोग कैंसर से मरते हैं। सिगरेट इन बीमारियों के सबसे बड़े कारणों में से एक है।
स्मोकिंग छोड़ने के टिप्स: कैसे बनाएं खुद को मजबूत
स्मोकिंग छोड़ने के लिए सबसे पहले अपने जीवन में एक उद्देश्य खोजें। यह उद्देश्य आपके परिवार, बच्चों, या अपनी सेहत को बेहतर बनाने से जुड़ा हो सकता है। धूम्रपान छोड़ने के दौरान अक्सर खालीपन और स्ट्रेस इसका सबसे बड़ा ट्रिगर होते हैं। इसलिए खुद को व्यस्त रखना जरूरी है।
खाली समय में म्यूजिक सुनें, फिल्में देखें या घर की साफ-सफाई करें। खुद को किसी और नशे की ओर न ले जाएं, क्योंकि यह एक समस्या से निकलकर दूसरी समस्या में फंसने जैसा होगा। स्मोकिंग छोड़ने के पहले दिन से लेकर एक हफ्ते, एक महीने और एक साल के माइलस्टोन बनाएं। इन माइलस्टोन तक पहुंचने पर खुद को किसी ट्रिप या पसंदीदा चीज से रिवॉर्ड करें।
धूम्रपान से होने वाले नुकसान और इसे छोड़ने के फायदे को समझते हुए अपनी सेहत की ओर ध्यान दें और एक नई शुरुआत करें।
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