बहुत कठिन है “डगर” कुर्सी की
I N D I A “की चाहत” कुर्सी पाने की
मेयर चुनाव में अबकी बार
चंडीगढ़ मेयर चुनाव को लेकर अब राजनीतिक चौसर बिछ चुकी है । जहां भारतीय जनता पार्टी की निगाह कांग्रेस और आम आदमी पार्टी की शतरंज की चाल पर लगी हुई है । कि हाथी इस बार घोड़े को मात देता है या फिर घोड़ा रानी को अपने साथ लेकर चला जाएगा । शतरंज की इसी बिसात पर सब की निगाह लग चुकी है । पहले भी कई मीडिया समूहों के द्वारा अंदेशा लगाया जा रहा है कि इस बार मेयर चुनाव में कांग्रेस और आम आदमी पार्टी का गठबंधन हो सकता है । मगर कांग्रेस के वरिष्ठ सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार अब तक चंडीगढ़ कांग्रेस के अंदर मेयर चुनाव को लेकर ही कोई चर्चा ही नहीं हुई है , गठबंधन तो दूर की बात है । इस बार मेयर पद अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित है । जिसमें भारतीय जनता पार्टी से एक उम्मीदवार , कांग्रेस में भी एक उम्मीदवार मगर आम आदमी पार्टी में चार उम्मीदवार है । और भाजपा की नजर सबसे ज्यादा आम आदमी पार्टी पर लगी हुई है। हालांकि आम आदमी पार्टी के नेता भी इस बात को समझ रहे हैं कि जिस किसी का भी नाम मेयर के लिए दिया गया , तो बाकी के तीन को संभालना मुश्किल रह सकता है । और भाजपा इसी का फायदा उठाने की जुगत में लगी हुई है ।
मल्होत्रा को मिली बैटिंग के लिए नई टीम , मगर चाणक्य की कमी पड़ सकती है भारी
अध्यक्ष पद की ताजपोशी होने के बाद चंडीगढ़ के नवनियुक्त अध्यक्ष जितेंद्र मल्होत्रा लगातार दिल्ली दरबार के चक्कर काट रहे थे । और वहां से हरी झंडी मिलने के बाद मल्होत्रा ने अपनी नई टीम की घोषणा कर दी है । मल्होत्रा की टीम में टंडन गुट का दबदबा नजर आ रहा है । ऐसा लगता है की सूद गुट के ज्यादातर लोगों को मार्गदर्शक मंडल की राह दिखा दी गई है । लोकसभा चुनाव के पहले मल्होत्रा को चंडीगढ़ में भाजपा का मेयर बनवा कर अपनी पहली परीक्षा भी पास करनी है । हालांकि ऐसा लग रहा है की भारतीय जनता पार्टी के लिए इस बार भी मुश्किलें नहीं होने वाली । मगर यह राजनीति है रातों-रात कौन किस पाले में जाकर बैठ जाए कुछ कहा नहीं जा सकता । अगर कांग्रेस और आम आदमी पार्टी का गठबंधन हो गया तो बीजेपी को थोड़ी मुश्किल हो सकती है । अगर कहीं गठबंधन अंदरखाने ही हो गया तो ऐसी स्थिति में चंडीगढ़ भाजपा को ” चाणक्य ” की कमी खल सकती है । जो अल्पमत में होने के बावजूद पिछले दो सालों से अपना मेयर बनवाने में कामयाब हो गए थे ।
नोटा को भी करो शामिल : हरदीप सिंह
शिरोमणि अकाली दल चंडीगढ़ अध्यक्ष हरदीप सिंह ने चंडीगढ़ के उपायुक्त विनय प्रताप सिंह से मुलाकात कर चंडीगढ़ मेयर के चुनाव में ” नोटा ” को भी शामिल करने की मांग की है । नोटा शामिल होने का मतलब है की अगर कोई पार्षद किसी भी उम्मीदवार को वोट नहीं देना चाहे तो वह नोटा पर अपने दस्तखत कर सकता है । वर्तमान स्थिति में नगर निगम के चुनाव में ऐसी कोई भी व्यवस्था नहीं है । इस मांग को लेकर चंडीगढ़ के उपायुक्त विनय प्रताप सिंह ने कहा है नियमानुसार इस मांग पर विचार किया जाएगा ।
कांग्रेसी तो पहले ही महाराजा चेयर पर , कुर्सी की क्या जरूरत ?
बीते दिनों चंडीगढ़ कांग्रेस के कद्दावर नेताओं ने कार्यक्रम में शिरकत की थी । कार्यक्रम कॉलोनी के लोगों की समस्याओं से जुड़ा हुआ था । मगर कांग्रेस के कद्दावर नेता वहां पर महाराजा चेयर पर बैठे हुए नजर आए । यह हाल तब है जब कांग्रेस के पास पिछले 10 साल से चंडीगढ़ से संसद की कुर्सी दूर है । कांग्रेस के ही एक नेता ने नाम न छापने की शर्त पर हमसे बताया कि इन हालात में किस तरह से हम लोग जनता से जुड़ पाएंगे जब हमारे नेता ही जनता से जुड़ना नहीं चाहते । उनका कहना था कि जनता की समस्याओं के लिए जनता के बीच बैठकर जब तक हम जनता के नहीं बनेंगे तब तक जनता हमारी कैसे बनेगी ।
I N D I A “की चाहत” कुर्सी पाने की
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