पहली बार भाजपा को सता रहा डर ,कही हमारे पार्षद ना टूट जाए
चंडीगढ़ मेयर चुनाव में उठा पटक का दौर अभी भी जारी है । सुप्रीम कोर्ट से आम आदमी पार्टी की जीत के बाद गठबंधन की उम्मीदवार कुलदीप टीटा अब आधिकारिक रूप से चंडीगढ़ के मेयर बन चुके हैं । मगर अब पेंच सीनियर डिप्टी मेयर और डिप्टी मेयर चुनाव के लिए अटका हुआ है । कल देर शाम चंडीगढ़ प्रशासन को सुप्रीम कोर्ट के ऑर्डर की कॉपी भी मिल गई है । इस आर्डर में लिखा हुआ है कि सीनियर डिप्टी में और डिप्टी मेयर के चुनाव दोबारा से कराए जाएंगे मगर उम्मीदवार वही होंगे । सीनियर डिप्टी मेयर के लिए भारतीय जनता पार्टी से कुलजीत संधू तो गठबंधन से गुरप्रीत गावी ने अपना नामांकन किया था तो डिप्टी मेयर प्रत्याशी के लिए राजेंद्र सिंह भाजपा से और निर्मला देवी गठबंधन से अपनी ताल ठोकेंगे ।
भाजपा बहुमत में फिर भी सता रहा डर
बीते दिनों मे आम आदमी पार्टी के तीन पार्षद भारतीय जनता पार्टी में अपनी आस्था जीत चुके हैं । इसके बाद आम आदमी पार्टी के पास सांसद किरन खेर का वोट मिलकर 18 वोट हो जाते हैं । अगर शिरोमणि अकाली दल के पार्षद का वोट भी भाजपा को मिल जाता है तो कुल वोटो का गणित 19 हो जाता है । शिरोमणि अकाली दल का वोट इसलिए क्योंकि मेयर चुनाव में अकाली का वोट बीजेपी खाते में गया था । मगर अब भी ऐसा हो जाए इस बात को लेकर संदेह है । और अगर गठबंधन की बात करें तो वहां पर कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के मिलाकर सिर्फ 17 वोट है । जब कि भारतीय जनता पार्टी के पास बहुमत है फिर भी भाजपा नेताओं को इस बात का डर सता रहा है कि कहीं वह तीन पार्षद जिनको बड़े-बड़े सपने दिखाए गए होंगे , कहीं वह अपनी घर वापसी ना कर ले । और एक बार फिर बीजेपी के नए नए बने नेता जी की किरकिरी हो जाए । डर की यही वजह है कि भाजपा ने अपने पार्षदों को चंडीगढ़ किस से बाहर हरियाणा में रुकवाया हुआ है । दैनिक भास्कर डिजिटल के अनुसार भाजपा के सभी पार्षद पंचकूला के पीडब्ल्यूडी रेस्ट हाउस में है और सीधे हरियाणा के मुख्यमंत्री के साथ-साथ भाजपा हाई कमान के संपर्क में है । बिना इजाजत के इन पार्षदों से कोई नहीं मिल सकता ।
जल्दी ही जारी होगी चुनाव के लिए अधिसूचना
ऐसी संभावना व्यक्त की जा रही है कि सोमवार को आम आदमी पार्टी के प्रमुख अरविंद केजरीवाल चंडीगढ़ में एक जनसभा को संबोधित करेंगे और उसी दिन मेयर कुलदीप टीटा को केजरीवाल ही कुर्सी पर बैठाएंगे । जल्दी ही सीनियर डिप्टी मेयर और डिप्टी मेयर के लिए चुनाव की घोषणा होगी । और भाजपा की इच्छा रहेगी की भले मेयर चुनाव में उसकी हार हो गई हो मगर सीनियर डिप्टी मेयर ,डिप्टी मेयर उसका बन जाए तो वही गठबंधन चाहेगा कि यह दोनों पद भी किसी भी हालत में उनके पास ही वापस आए । इसके लिए जोड़तोड़ का खेल परदे के पीछे चल रहा है ।
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