भ्रामक विज्ञापन मामला : अपनी गलती का ठीकरा बाबा ने मीडिया विभाग के सिर फोड़ा
कोर्ट ने फिर 10 तारीख को व्यक्तिगत तौर पर हाजिर होने को कहा
रामदेव और बालकृष्ण को सुप्रीम कोर्ट से कड़ी फटकार। 10 अप्रैल को दोबारा पेश होने का आदेश।
पतंजलि के भ्रामक विज्ञापनों को लेकर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई
➡रामदेव और बालकृष्ण सुप्रीम कोर्ट में पेश हुए
➡पतंजलि के रवैये पर सुप्रीम कोर्ट ने नाराजगी जताई
➡आपका माफी मांगना पर्याप्त नहीं है – सुप्रीम कोर्ट
➡आप परिणाम के लिए तैयार हो जाएं – सुप्रीम कोर्ट
➡आपने कोर्ट में सिर्फ एक हलफनामा दिया- सुप्रीम कोर्ट
➡कंपनी, MD से हलफनामे के लिए कहा गया था- सुप्रीम कोर्ट
➡आप लोगों ने एक्ट का उल्लंघन किया है- सुप्रीम कोर्ट.
कोर्ट में पड़ी बाबा रामदेव को फटकार
पतंजलि आयुर्वेद के भ्रामक विज्ञापन मामले में आज जस्टिस सीमा कोहली और जस्टिस अहसानुद्दीन अमानुल्लाह की बेंच में व्यक्तिगत तौर पर बाबा रामदेव सुनवाई के लिए पहुंचे । सुप्रीम कोर्ट में बाबा रामदेव को देखते ही जज ने पूछा कि अपने पिछले नोटिस का जवाब क्यों नहीं दिया क्यों ना कंपनी और मैनेजमेंट के खिलाफ कंटेंप्ट आफ कोर्ट का केस चल दिया जाए ।
कोर्ट में आने के पहले बाबा के वकील ने का कोर्ट में कहा की रामदेव कोर्ट में है मगर भीड़ की वजह से हम उन्हें कोर्ट में नहीं ला सके । इस पर न्यायाधीश ने कहा आप उनको कोर्ट में लेकर आई हम उनसे सवाल जवाब खुद कर लेंगे ।
कोर्ट में बाबा के वकीलों की तरफ से दलील दी गई की कंपनी के मीडिया डिपार्टमेंट को या नहीं पता था की नवंबर 2023 में सुप्रीम कोर्ट का कोई आदेश आया हुआ है जिसके बारे में वह अनजान थे । इस पर माननीय न्यायाधीश हिमा कोहली ने कहा यह बात कैसे मान ली जाएगी कि मेरा डिपार्टमेंट को नहीं पता कि कोर्ट में क्या चल रहा है क्या यहां पर कोई आइलैंड है यह सिर्फ जुबानी बात है , और पिछली ही सुनवाई में पतंजलि की तरफ से कहा गया था कि भ्रामक विज्ञापनों को कंपनी के मीडिया विभाग द्वारा मंजूरी दी गई थी । जो कि कोर्ट के आदेश से अनजान था ।
झूठी गवाही देने का केस भी चलेगा
जस्टिस हिमा कोहली ने आज सख्ती दिखाते हुए कहा कि क्यों ना आपके ऊपर झूठी गवाही का केस दर्ज कर दिया जाए ।
क्या है पूरा मामला
दर्शन 17 अगस्त 2022 को इंडियन मेडिकल एसोसिएशन द्वारा कोर्ट में किया चुका तैयार की गई थी उसने बताया गया था कि पतंजलि ने कोविद वैक्सीनेशन और एलोपैथी के खिलाफ नकारात्मक प्रचार किया और आयुर्वेदिक दवोंऔ से कुछ बीमारियों के इलाज का झूठा दावा किया । इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने कोर्ट के आदेश के बाद भी पतंजलि द्वारा मीडिया को जारी किए गए विज्ञापनों को कोर्ट के सामने रखा इसके अलावा बाबा की प्रेस कॉन्फ्रेंस का भी जिक्र कोर्ट में रख किया गया जिसमें बताया गया था कि विज्ञापनों से डायबिटीज और अस्थमा को पूरी तरीके से ठीक किया जा सकता है । यह प्रेस कॉन्फ्रेंस भी सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई के ठीक बाद लगभग 2 घंटे के अंदर कर दी गई थी । मीडिया ट्रायल को लेकर भी आज सुप्रीम कोर्ट में नाराजगी जाहिर की गई और कहा गया कि आप लोग जैसे ही यहां से जाते हैं तुरंत प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हैं । 21 नवंबर 2023 की सुनवाई में कोर्ट ने कहा था कि सभी भ्रामक विज्ञापनों को पतंजलि को बंद करना होगा अगर नहीं बंद किया गया तो कोर्ट हर एक प्रोडक्ट के झूठे दावे पर एक करोड रुपए तक का जुर्माना लगाया जा सकता है ।
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