राम मंदिर या लीकेज का मंदिर ? विपक्ष द्वारा भ्रष्टाचार के लगाए जा रहे हैं आरोप
पहली बरसात में ही राम मंदिर की छत से पानी टपकने की खबरें सामने आ रही है। मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास के बयान के बाद इस मुद्दे ने सुर्खियां बटोर ली है। उनका कहना है कि 2025 तक राम मंदिर का काम पूरा नहीं हो सकता, यहां ताकि मंदिर की छत से अभी पानी टपकने भी लग चुका है।
खबरी प्रशाद दिल्ली प्रेरणा ढींगरा
आपको बता दे की अयोध्या में मंदिर बने कुछ ही समय हुआ है कि उसके निर्माण को लेकर सवाल उठने लगे हैं। मंदिर को लेकर कहां जा रहा है कि वहां पानी टपकने की वजह से हर जगह पानी भर गया है। मंदिर व्यवस्थापकों का कहना है कि इस बात का जल्द ही समाधान किया जाएगा। आचार्य सत्येंद्र दास ने इस बात का खुलासा किया है। उन्होंने यह भी बताया कि जहां रामलला विराजमान हो रखे है वहां पहली बरसात के बाद से पानी की समस्या शुरू हो गई। छत से लगातार पानी बारिश की तरह बरस रहा है। इस से बरसात के मौसम में पूजा करना भी मुश्किल हो जाएगा। विपक्ष इस बात पर लगातार भारतीय जनता पार्टी को घेरता हुआ नजर आ रहा है। हालांकि निर्माण समिति ने इस बात पर अपना बयान दे दिया है।
राम पथ भी धसने लगा
मानसून का मौसम अभी शुरू भी नहीं हुआ है कि पानी की समस्या अयोध्या के मंदिर में मुश्किलें पैदा करने लगी है। छत से पानी टपकने के साथ रामपथ का भी बुरा हाल है। वहा की सड़क धसने लगी है। सहादतगंज से नया घाट तक लगभग साढे़ 13 किलोमीटर लंबी इस सड़क का काम हाल ही में पूरा हुआ है। सूत्रों के मुताबिक पता चला है कि सहादतगंज हनुमानगढ़ी, रिकाबगंज जेसे स्थानों पर सड़क धंसने वाली जगह में पीडब्ल्यूडी ने गिट्टी और मिट्टी डाल कर निर्माण कार्य में हुई अनियमितता पर पर्दा डालने की कोशिश करी गई है।
जानिए अध्यक्ष नृपेन्द्र मिश्रा ने क्या कहा?
राम मंदिर निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेन्द्र मिश्रा ने इन मुश्किलों के बारे में कहा है कि “अयोध्या में हूं। मैंने पहली मंजिल से बारिश के पानी को गिरते देखा है। यह स्वभाविक है क्योंकि गुरु मंडप दूसरी मंजिल के रूप में आकाश के संपर्क में है और शिखर के पूरा होने से यह बंद हो जाएगा। मैंने नाली से कुछ रिसाव भी देखा क्योंकि पहली मंजिल पर यह काम प्रगति पर है। पूरा होने पर, नाली बंद कर दी जाएगी।”
उन्होंने यह भी कहा कि “गर्भगृह में कोई जल निकासी नहीं है क्योंकि सभी मंडपों में पानी की निकासी के लिए ढलान को मापा गया है और गर्भगृह में पानी को मैन्युअल रूप से अवशोषित किया जाता है। इसके अलावा, भक्त देवता पर अभिषेक नहीं कर रहे हैं। कोई डिजाइन या निर्माण समस्या नहीं है। जो मंडप खुले हैं उनमें वर्षा का पानी गिर सकता है जिस पर बहस हुई थी लेकिन निर्णय उन्हें नागर वास्तुशिल्प मानदंडों के अनुसार खुला रखने का था।”
कांग्रेस में भारतीय जनता पार्टी पर बोला हमला
कांग्रेस पार्टी के उत्तर प्रदेश इकाई अध्यक्ष अजय राय ने भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा कि “शहीदों का ताबूत हो या फिर भगवान राम का मंदिर, भाजपा के लिए यह सभी भ्रष्टाचार के मौके बन गए हैं। देश में आस्था एवं पवित्रता के प्रतीक भी उनके लिए लूट के अवसर मात्र हैं। पुजारी सत्येंद्र दास के बयान से यह स्पष्ट हो गया है कि करोड़ों रुपये की लागत से बने राम मंदिर के गर्भ गृह में पहली बारिश से पानी का रिसाव हो रहा है और जल निकासी की कोई उचित व्यवस्था भी नहीं है।”
आम आदमी पार्टी ने क्या कहा?
आप के सांसद संजय सिंह ने अपने बयान में कहा है कि “इस मामले में तो महंत का बयान भी आया था। हमारे शंकराचार्य ने भी कहा था कि मंदिर अभी अधूरा है, लेकिन चुनावी फायदे के लिए आनन-फानन में उद्घाटन कर दिया। हमने कागजात रखे थे कि कैसे राम के नाम पर चंदा इकट्ठा हो रहा है। आप भगवान को भी नहीं बख्शेंगे तो भगवान आपको कैसे बख्शेंगे। जिन जिन रास्ते से श्री राम गुजरे उन सभी जगह बीजेपी हार गई। राम अब बीजेपी से नाराज हैं।
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