महिला सुरक्षा के नाम पर आश्वासनों की मात्र औपचारिकता नहीं निभाई जाए
संस्कृत में बड़े ही खूबसूरत शब्दों में नारी/स्त्री के बारे में कहा गया है कि-‘ नारीणां तु विशेषेण गुणान् संकीर्तयाम्यहम्। या यथा शक्तितः पूज्या धर्मे पन्थाः स एव सः।।’ इसका मतलब यह है कि स्त्रियों के गुणों का वर्णन विशेष रूप से करना चाहिए। वे जैसे भी हों, जिस शक्ति से युक्त हों, पूजनीय हैं […]

