सोशल मीडिया रील, बन रहा अश्लीलता का नया अड्डा
पापा कहते हैं बड़ा नाम करेगी, बेटी हमारा ऐसा काम करेगी
प्रेरणा धीमान दिल्ली
सोशल मीडिया जिसे एक समय पर लोग एक दूसरे तक अपनी बात पहुंचाने के लिए या ज्ञान प्राप्त करने के लिए इस्तेमाल करते थे । पर आजकल सोशल मीडिया का उपयोग ना तो अपनी बात पहुंचाने के लिए हो रहा है ना ही ज्ञान पहुंचने के लिए हो रहा है तो अश्लीललता फैलाने के लिए हो रहा है । और अश्लीलता फैलाने का लोगों ने नया तरीका ईजाद कर लिया है जिसको रील कहा जा रहा है । लोगों का मानना है कि सोशल मीडिया पर मौज मस्ती के बहाने 1 मिनट की रील के जरिए अश्लीलता फैलाई जा रही है। जबकि रील बनाने वालों का मानना है कि वह ना तो अश्लीलता फैला रहे हैं ना ही कोई फूहड़ कम कर रहे हैं वह तो सिर्फ मनोरंजन करते हैं और इसी मनोरंजन से अपना पैसा कमाते हैं । जबकि हकीकत यह है कि उनके द्वारा बनाई गई बहुत से ऐसे वीडियो को जिसे रील कहा जाता है । परिवार के साथ बैठकर नहीं देखा जा सकता ।
आज के जीवन में सामाजिक मीडिया यानी सोशल मीडिया एक अच्छा रास्ता है अपने दोस्तों या प्रियजनों से संपर्क बनाने के लिए। एक तरफ लोगों का सोशल मीडिया पर झुकाव बढ़ता ही जा रहा है तो वहीं दूसरी और कंटेंट के नाम पे सोशल मीडिया पर वल्गैरिटी बढ़ती जा रही है। लोग अक्सर फेमस होने के लिए सोशल मीडिया पर रील डालते हैं पर इनमें से कई रील ऐसी होती है जिससे समाज में गंदगी फैलती है । कुछ लोग अश्लील कंटेंट डालकर जल्द से जल्द फेमस या पॉपुलर होना चाहते हैं। लड़कियां आधे अधूरे कपड़ों में चित्र या वीडियो डालकर फॉलोअर्स प्राप्त करने की कोशिश करती हैं और हैरानी की बात तो यह है कि ऐसी अश्लील पोस्ट या रील को सोशल मीडिया पर बढ़ावा भी लोगों द्वारा मिलता है। गंदे गानों पर नाच, ठुमके मारना या अपने कपड़ों को उठाकर अंतः वस्त्रों को दिखाकर अश्लीलता फैलाना आज के समय में आम बात सी बनती जा रही है । सामाजिक कार्यकर्ताओं का मानना है कि इस तरह की हरकतों के दूरगामी परिणाम बहुत ही भयावह होने वाले हैं ।
दिल्ली मेट्रो के अंदर बनाई गई अश्लील वीडियो हो रही वायरल
अभी कुछ समय पहले ही दिल्ली मेट्रो के अंदर होली के अवसर पर एक वीडियो वायरल हुई, जिसने सबको सोचने पर मजबूर कर दिया । और ऐसी वीडियो कोई दिल्ली मेट्रो की ही नहीं वायरल हो रही है ऐसी अनेक जगह है जहां पर लोग उल्टी सीधी हरकतें करते हुए वीडियो बनाते हैं और वायरल करते हैं । किसी ने सच ही कहा है पापा कहते हैं बड़ा नाम करेगी, बेटी हमारी रोशन नाम करेगी। ऐसा कुछ हमें उसे वीडियो में देखने को मिला सच में बेटियों ने पिता का नाम क्या खूब रोशन किया। उसे वीडियो के अंदर दो लड़कियां दिल्ली मेट्रो में अश्लील तरीके से एक दूसरे को रंग लगाती हुई नजर आ रही थी। उसे वीडियो के अंदर एक महिला ने साड़ी पहनी थी और दूसरी ने सूट। दोनों महिलाएं रंग से रंगी हुई थी और एक दूसरे के बदन को छूकर रंग लग रही थी। पहले भी ऐसी कई वीडियो हम सबको सोशल मीडिया पर देखने को मिल चुकी है लेकिन फर्क सिर्फ इतना है कि दिन पर दिन इस तरह की वीडियो में अश्लीलता बढ़ती ही जा रही है क्योंकि कानून ने अभी तक इन वीडियो पर रोक नहीं लगाई। कभी ट्रेन के अंदर तो कभी मेट्रो बस जगह बदलती है पर इन लोगों की सोच नहीं।
ऐसे वीडियो डाले जा रहे हैं, परिवार के साथ देखना हो गया मुश्किल
कंटेंट के नाम पर लोग आज के समय में ऐसे वीडियो डाल रहे हैं की परिवार के साथ उन्हें देखना तक मुश्किल हो गया है। एक परिवार में जहां बच्चे से लेकर बड़े बुजुर्ग सब लोग होते हैं वहां सोशल मीडिया चलाना तक दुश्वार हो चुका है। गंदे गाने , गाली गलौज , अश्लील नाच गाना या छोटे कपड़े पहनकर वीडियो को ऐसे लोग कंटेंट का नाम दे देते हैं। सोशल मीडिया पर टैलेंट के नाम पर लड़कियों के कपड़े भी छोटे होते जा रहे हैं। और लड़कियों के परिजन लड़की के अंतः कपड़ो पर भी तालिया ही नहीं बजाते बल्कि दुसरो को भी वीडियो भेजकर वीडियो को देखने की गुजारिश भी करते है , और कभी कभी तो यह भी कि हमारी गुड़िया का वीडियो कैसा लगा ।
भारतीय समाज और संस्कृति पर ऐसी वीडियो या रील सवाल उठाती है। सोशल मीडिया की चकाचौंध ने युवाओं का भविष्य अंधकार में डाल दिया है और संस्कारों पर भी एक सवाल उठा दिया है की पैसे और फेम के नाम पर लोग अपने शरीर से अश्लीलता कैसे फैला सकते हैं?
ना मंदिर छोड़ा ना हॉस्पिटल, स्कूटर हो या कार पर अश्लील विडियोज नही रुकेगी
अश्लीलता ने हद तक पार कर दी । जब लोगों ने सड़क, अस्पताल , मेट्रो , गली , चौराहे, मंदिर किसी भी जगह को नहीं छोड़ा। हम अक्सर मंदिरों के बाहर नाच गाने की वीडियो देखते हैं या किसी हॉस्पिटल के सामने इन वीडियो का मतलब क्या है? क्या यह वीडियो समाज में जागरूकता फैला रहे हैं? इन वीडियो का मकसद सिर्फ व्यूज पाना है लोगों ने भगवान तक को फेमस होने का एक जरिया बना दिया है। जितनी उनकी वीडियो अनुचित है उतनी ही वीडियो बनाने की जगह भी। आखिर यह युवा इस समाज को किस और ले जाना चाहते हैं?
ऐसी अश्लीलता भरी वीडियो देखकर आखिर बच्चों पर क्या असर पड़ता होगा। आजकल बच्चे भी सोशल मीडिया पर होते हैं और वल्गर वीडियो का उन पर या उनके दिमाग पर बुरा प्रभाव पड़ता है। अमेरिकी सर्जन जनरल के मुताबिक, 8 से 12 साल के करीब 40% बच्चे और 13 से 17 साल के 95% बच्चे सोशल मीडिया ऐप्स का इस्तेमाल करते हैं और ऐसे में अनुचित रील उनके ऊपर बुरा असर डालती है।
दिन पर दिन अश्लीलता बढ़ते जाने पर एक सवाल मन में आता है की क्या भारत मे कोई कानून है जो इन्हें रोक सकता है? अगर नहीं है तो भारत सरकार को चाहिए ऐसी रियल या अश्लील भरे कंटेंट पर पर उसने वाले लोगों के लिए जल्द से जल्द सख्त कानून की जरूरत है । लेकिन कानून ऐसा हो जो सिर्फ कागजों में ना रहे हकीकत में जमीन पर भी उतरे । यह तो निश्चित ही हो चला है कि धीरे-धीरे सोशल मीडिया सॉफ्ट पोर्न का अड्डा बनती जा रही है ।
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