क्या डॉक्टर की जगह ले सकता है AI ?
क्या कहते है मेडिकल एक्सपर्ट्स ?
आज के डिजिटल युग में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) का उपयोग तेजी से हर क्षेत्र में बढ़ रहा है, और मेडिकल फील्ड भी इससे अछूता नहीं है। एक्स-रे, MRI स्कैन, ब्लड रिपोर्ट और यहां तक कि रोबोटिक सर्जरी जैसे क्षेत्रों में AI टूल्स बड़ी भूमिका निभा रहे हैं। डॉक्टरों के काम को आसान बनाने में AI की अहमियत भी लगातार बढ़ रही है। लेकिन एक अहम सवाल यह है कि क्या आने वाले समय में AI डॉक्टरों की जगह ले सकता है?
AI की सबसे बड़ी ताकत है स्पीड और डेटा विश्लेषण की क्षमता। यह हजारों मेडिकल रिपोर्ट, रिसर्च और केस स्टडीज़ को चंद सेकंड्स में स्कैन कर सकता है और बीमारी की पहचान, इलाज के विकल्प और जोखिम की भविष्यवाणी तक कर सकता है। आज कई ऐप्स, वर्चुअल हेल्थ असिस्टेंट्स और स्मार्ट वियरेबल्स भी ऐसे टूल्स से लैस हैं जो मरीज की स्थिति पर लगातार नजर रखते हैं और डॉक्टर से पहले चेतावनी देने में सक्षम हैं।
AI के उपयोग के प्रमुख क्षेत्र:
- डायग्नोसिस में मदद: एक्स-रे, CT स्कैन जैसे टेस्ट में AI पैटर्न पहचान कर डॉक्टर की सहायता करता है।
- शुरुआती सलाह: चैटबॉट्स और लक्षण जाँचने वाले ऐप मरीज को शुरुआती सुझाव देते हैं।
- रिमोट हेल्थ मॉनिटरिंग: स्मार्ट वॉच और हेल्थ डिवाइस BP, हार्ट रेट और ऑक्सीजन लेवल जैसे पैरामीटर लगातार ट्रैक करते हैं।
हालांकि, विशेषज्ञ मानते हैं कि AI डॉक्टरों की जगह नहीं ले सकता। दिल्ली के मौलाना आजाद मेडिकल कॉलेज के पब्लिक हेल्थ एक्सपर्ट डॉ. जुगल किशोर के अनुसार, “AI एक उपयोगी उपकरण है लेकिन यह डॉक्टर का विकल्प नहीं बन सकता। एक मशीन संवेदना, अनुभव और मरीज के साथ जुड़ाव नहीं समझ सकती। इलाज सिर्फ रिपोर्ट्स के आधार पर नहीं, बल्कि मरीज की भाषा, मानसिक स्थिति और पारिवारिक पृष्ठभूमि को समझकर किया जाता है, जो इंसानी डॉक्टर ही कर सकता है।”
वहीं जीटीबी अस्पताल में मेडिसिन विभाग के डॉ. अजीत कुमार मानते हैं कि सिर्फ AI पर निर्भर होना खतरनाक हो सकता है। “गलत डेटा एनालिसिस या तकनीकी त्रुटि से मरीज को गंभीर नुकसान हो सकता है। AI को सिर्फ एक सहायक उपकरण की तरह इस्तेमाल किया जाना चाहिए, न कि डॉक्टर का विकल्प मानकर।”
AI निश्चित रूप से मेडिकल फील्ड में क्रांति ला रहा है और डॉक्टरों के कार्य को अधिक प्रभावशाली और तेज़ बना रहा है। लेकिन यह एक ‘सहयोगी तकनीक’ है, न कि इंसान की जगह लेने वाली मशीन। आने वाले समय में भी डॉक्टर की संवेदना, निर्णय क्षमता और अनुभव की जगह कोई नहीं ले सकता। AI का संतुलित और विवेकपूर्ण उपयोग ही इसे वरदान बना सकता है।
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