एयर इंडिया हादसा बना देश का सबसे बड़ा इंश्योरेंस क्लेम
3900 करोड़ रुपये तक पहुंचा दावा , इंजन और यात्रियों के परिवारों को भी मिलेगा मुआवज़ा
नई दिल्ली केशव माहेश्वरी
हाल ही में अहमदाबाद मे हुए एयर इंडिया विमान हादसे ने न केवल देश को झकझोर कर रख दिया, बल्कि एविएशन इंश्योरेंस क्षेत्र पर भी भारी आर्थिक दबाव डाल दिया है। इस भीषण हादसे में 270 से अधिक लोगों की मौत हुई और विमान पूरी तरह नष्ट हो गया। अब इस दुर्घटना से संबंधित बीमा दावों की कुल राशि लगभग 475 मिलियन डॉलर, यानी करीब 3900 करोड़ रुपये तक पहुंच सकती है — जो भारत के एविएशन इतिहास का सबसे बड़ा बीमा दावा होगा।
इंश्योरेंस क्लेम का ब्योरा: जनरल इंश्योरेंस कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया (GIC) के चेयरमैन रामास्वामी नारायणन ने पुष्टि की है कि यह क्लेम देश का सबसे बड़ा एविएशन इंश्योरेंस मामला बन सकता है।
विमान की बॉडी और इंजन के नुकसान के लिए 125 मिलियन डॉलर (करीब 1000 करोड़ रुपये) का दावा होगा।
मृत यात्रियों और ग्राउंड कैजुअल्टी के परिजनों को 350 मिलियन डॉलर (करीब 2900 करोड़ रुपये) की मुआवज़ा राशि दी जाएगी।
कैसे काम करता है एविएशन इंश्योरेंस: यह दावा भारत की एविएशन इंश्योरेंस इंडस्ट्री की सालाना प्रीमियम आमदनी से तीन गुना ज्यादा है। हालांकि, एयर इंडिया जैसी बड़ी एयरलाइनों का बीमा केवल भारतीय कंपनियों के भरोसे नहीं होता।
ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के मुताबिक, GIC और अन्य भारतीय कंपनियों ने केवल 5% तक जोखिम अपने पास रखा था, जबकि 95% से अधिक प्रीमियम वैश्विक रीइंश्योरेंस कंपनियों को ट्रांसफर कर दिया गया था। इसका मतलब यह है कि आर्थिक झटका विदेशी बीमा कंपनियों पर सबसे ज्यादा पड़ेगा।
ग्लोबल एविएशन इंश्योरेंस बाजार पर प्रभाव: विशेषज्ञों का मानना है कि इस बड़े दावे के बाद भारत में विमानों का बीमा महंगा होना तय है। यह प्रभाव भविष्य में बीमा नवीनीकरण के दौरान दिखाई देगा। इसके अतिरिक्त, वैश्विक बीमा बाजारों में भी भारतीय जोखिम को लेकर पुनर्मूल्यांकन संभव है।
विदेशी नागरिकों के क्लेम की प्रक्रिया अलग: इस हादसे में कई विदेशी नागरिकों की भी मृत्यु हुई है। उनके परिजनों को दी जाने वाली बीमा राशि उनके देश के कानूनों और मुआवजा निर्धारण प्रक्रिया के अनुसार तय की जाएगी, जो जटिल और समय लेने वाली हो सकती है। इससे कुल बीमा दावे की राशि और बढ़ सकती है।
यह हादसा केवल मानवीय त्रासदी ही नहीं, बल्कि भारत के इंश्योरेंस और एविएशन सेक्टर के लिए एक अभूतपूर्व आर्थिक चुनौती बन गया है। आने वाले समय में इससे जुड़े कानूनी और बीमा दावों की प्रक्रिया देश-विदेश की बीमा व्यवस्थाओं के लिए एक बड़ी परीक्षा साबित हो सकती है।
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