हरियाणा विधानसभा चुनाव : हर पार्टी को चाहिए मैच जिताऊ उम्मीदवार
भाजपा लोकसभा का मैच हारने के बाद सदमे से उबर की कोशिश में
कांग्रेस अंतर कल से जूझ रही
जेजेपी , इनेलो और आम आदमी पार्टी फिलहाल भगवान भरोसे
लोकसभा चुनाव समाप्त होने के बाद हरियाणा में आगामी कुछ महीनों में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। सभी पार्टियां मैच जिताऊ उम्मीदवारों की तलाश में जुटी हुई हैं। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पांच सीटें हारने के सदमे से उबरने की कोशिश कर रही है, जबकि कांग्रेस, सीटें जीतने के बावजूद आंतरिक कलह से जूझ रही है। जननायक जनता पार्टी ने अपनी कार्यकारिणी भंग कर दी है और नए सिरे से गठन में जुटी है, जबकि इंडियन नेशनल लोकदल इस चुनाव में अपनी पहचान बढ़ाने पर ध्यान दे रही है।
कांग्रेस और भाजपा के पांच हारे हुए पांडवों पर फिर से दांव
सूत्रों के अनुसार, भाजपा और कांग्रेस, लोकसभा चुनाव में अपने हारे हुए पांचों पांडवों ( उम्मीदवारों ) को विधानसभा चुनाव में फिर से उतारने की इच्छुक हैं । इन उम्मीदवारों पर दोनों पार्टियां फिर से भरोसा जताने की तैयारी कर रही हैं।
आम आदमी पार्टी केजरीवाल की गारंटी के भरोसे
लोकसभा चुनाव में INDIA गठबंधन के तहत आम आदमी पार्टी और कांग्रेस ने मिलकर चुनाव लड़ा था, लेकिन विधानसभा चुनाव में दोनों पार्टियां अलग-अलग चुनाव लड़ेंगी। कांग्रेस राहुल गांधी की ‘भारत जोड़ो यात्रा’ और ‘न्याय यात्रा’ का लाभ लेने की कोशिश करेगी, जबकि आप अरविंद केजरीवाल की गारंटी के भरोसे चुनाव में उतरेगी। हालांकि, केजरीवाल की गारंटी लोकसभा चुनाव में प्रभावी नहीं रही, अब देखना होगा कि विधानसभा चुनाव में जनता इसे कितना स्वीकार करती है।
INLD और JJP किस्मत के भरोसे
भाजपा, कांग्रेस और आप के बाद, इनेलो और जेजेपी भी विधानसभा चुनाव में अपनी किस्मत आजमाने के लिए तैयार हो रही हैं। लोकसभा चुनाव में इन दोनों ( इनलो और जेजेपी ) पार्टियों के प्रत्याशियों की जमानत जब्त हुई थी, जिसका असर विधानसभा चुनाव पर भी पड़ सकता है। दोनों पार्टियों के नेता कैमरे के सामने तो अच्छे प्रदर्शन की उम्मीद जता रहे हैं, लेकिन अंदर की हकीकत उन्हें भी पता है।
निर्दलीय उम्मीदवार का खतरा
हर पार्टी को बागी उम्मीदवारों से भी निपटना होगा। हर सीट पर 4-5 उम्मीदवार टिकट के लिए कतार में हैं, लेकिन टिकट तो केवल एक को ही मिलेगा। कई नेता पार्टी से बागी होकर निर्दलीय चुनाव लड़ने की योजना बना रहे हैं, जिससे पार्टी के आधिकारिक उम्मीदवार को नुकसान हो सकता है।
चुनाव की तैयारी
विधानसभा चुनाव में अभी लगभग 100 से 125 दिन बाकी हैं। सभी पार्टियां अपनी-अपनी रणनीति बना रही हैं और चुनावी शतरंज की बिसात पर जोर-आजमाइश में लगी हुई हैं। अब देखना होगा कि किस पार्टी की रणनीति कामयाब होती है और कौन उम्मीदवार जनता का विश्वास जीतने से पहले अपनी पार्टी का विश्वास जितने में सफल हो पाता है ।
Leave a Reply
Want to join the discussion?Feel free to contribute!