भाजपा का “ऑपरेशन लोटस” के बाद सीट जीतने का नया तरीका “ऑपरेशन निर्विरोध”
चंडीगढ़ में 8 वोट इनवेलिड वाला फार्मूला फेल होने के बाद अब भाजपा ने निकाला “निर्दलीय पटाओ फार्मूला”
भारतीय जनता पार्टी चुनाव जीतने के लिए एक-एक सीट पर बहुत बारीकी से नजर रखती है और बारीक नजर रखने का फायदा यह होता है कि उस सीट पर चुनाव लड़ने के लिए उतरने वाले हर एक उम्मीदवार के कहां-कहां पर कमियां नजर आती है उन्हें कर्मियों पर भारतीय जनता पार्टी की टीम काम करना शुरू कर देती है। नतीजा ऑपरेशन निर्विरोध के रूप में बाहर निकाल कर आता है जिस तरीके से भारतीय जनता पार्टी का ऑपरेशन लोटस कार्यक्रम चलता है उसी तरीके से यह भारतीय जनता पार्टी का चुनाव जीतने का नया फार्मूला है जिसे की ऑपरेशन निर्विरोध कहा जा रहा है। हालांकि कुछ दिन पहले भारतीय जनता पार्टी ने चंडीगढ़ के मेयर चुनाव में वोट इनवेलिड फॉर्मूला भी निकाला था मगर वह फार्मूला सुप्रीम कोर्ट में जाकर फेल हो गया।
अब बीजेपी के ऑपरेशन निर्विरोध में किस तरीके से फंसे निर्दलीय विधायक
भारतीय जनता पार्टी ने सूरत लोकसभा सीट बिना चुनाव लड़े ही अपने खाते में कर ली है। भविष्य के लिए इस सीट को भारतीय जनता पार्टी अपने लिए मॉडल सीट कह सकती है क्योंकि आने वाले भविष्य में इस सीट के अंदर ही चुनाव जीतने का फार्मूला छिपा हुआ है। इस सीट को जीतने के बाद मिली जानकारी के अनुसार इस सीट को निर्विरोध जीतने के लिए भारतीय जनता पार्टी ने साम दाम दंड भेद का इस्तेमाल किया। जहां कांग्रेस उम्मीदवार का पर्चा खारिज यूं ही नहीं हुआ है। कांग्रेस के उम्मीदवार ने भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार के साथ अंदर खाने गठबंधन कर लिया था जिसकी भनक तक कांग्रेस को नहीं लग पाई। कांग्रेस के उम्मीदवार निलेश कुमार ने अपने रिश्तेदारों को प्रस्तावक बनाया और डमी प्रत्याशी बना दिया। जबकि कोई भी रिश्तेदार चुनाव अधिकारी के सामने नहीं पहुंचा। दूसरी तरफ सभी प्रस्तावकों ने चुनाव अधिकारी के पास अपने हस्ताक्षर के फर्जी होने का शपथ पत्र दे दिया और खुद गायब हो गए । प्रशासन ने अपनी कागजी कार्रवाई की मगर किसी भी प्रस्तावक ने उस कार्यवाही का जवाब तक नहीं आया क्योंकि मामला सारा अंदर खाने सेटिंग का चल रहा था और इस तरह कांग्रेस उम्मीदवार का पर्चा खारिज हो गया। एक बड़ा गढ़ फतेह कर लेने के बाद अब भाजपा की निगाह लगी निर्दलीय उम्मीदवारों के ऊपर, निर्दलीय उम्मीदवारों को साम दाम दंड भेद की रणनीति अपनाते हुए सूरत के फाइव स्टार होटल ली मेरिडियन में लेकर आया गया। पूरी तरीके से समझा जा सकता है कि वहां पर किस तरीके से निर्दलीय विधायकों को साम दाम दंड भेद का पाठ पढ़ाया गया होगा। तो कुछ इस तरीके से भारतीय जनता पार्टी ने सूरत लोकसभा सीट पर ऑपरेशन लोटस की जगह ऑपरेशन निर्विरोध चला कर सूरत लोकसभा सीट जीत ली।
चंडीगढ़ में 8 वोट इनवेलिड वाला फार्मूला हो गया सुप्रीम कोर्ट में फेल
बीते कुछ महीने पहले चंडीगढ़ में मेयर चुनाव में विपक्ष द्वारा आरोप लगाए जाते हैं कि भारतीय जनता पार्टी द्वारा उनके 8 वोट इनवेलिड करवा कर अपना मेयर बनवा लिया गया था जबकि सुप्रीम कोर्ट ने उन आठ वोटो को वैलिड मानकर गठबंधन का मेयर बनवा दिया। इसीलिए कहा गया था कि इनवेलिड वोट वाला भाजपा का नया फार्मूला सुप्रीम कोर्ट में फेल हो गया था। इसलिए इस बार बिल्कुल फुल प्रूफ प्लान बनाया गया। किसी प्रकार की प्लान में कोई लीकेज नहीं रही और प्लान पूरी तरीके से सक्सेसफुल हो गया।
भारतीय जनता पार्टी सत्ता में बने रहने के लिए हर बार कुछ ना कुछ नए तरीके के प्रयोग करती रहती है। कभी इनवेलिड बोर्ड तो कभी ऑपरेशन निर्दलीय, तो कभी हेलीकॉप्टर से विधायकों को एक राज्य से दूसरे राज्य में ले जाती, तो कभी हवाई जहाज में बैठाकर विधायकों को हजारों किलोमीटर दूर लेकर जाया जाता है। तो अगली बार भारतीय जनता पार्टी कोई नया प्रयोग अगर लेकर के आ जाए तो इसमें कोई आश्चर्य करने वाली बात नहीं होगी क्योंकि यह भारतीय जनता पार्टी है और उनका नारा है मोदी है तो मुमकिन है।
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