आखिर प्रशासन के अधिकारियों के चरण इस दुकान पर क्यों नहीं पड़ते
दीपावली का समय है और दीपावली में लोग अपने घरों में पूजा वगैरह करने के बाद पटाखे जलाते हैं । यू तो प्रशासन की सट्टा आदेश है कि सिर्फ और सिर्फ ग्रीन पटाखे ही जलाया जा सकते हैं अगर कोई लाल पटाखे जलता हुआ पाया जाता है या बेचता हुआ पाया जाता है तो उसके ऊपर प्रशासनिक कानूनी तौर पर जो कार्रवाई बनती है वह की जाती है । हाल ही में कुछ दिन पहले पंचकूला प्रशासन के द्वारा पंचकूला में पटाखे की एक दुकान पर छापेमारी की गई थी और जहां पर तमाम पटाखे जप्त किए गए थे जिन्हें की बताया गया था कि यह रेड पटाखे है । मगर क्या रेट पटाखे सिर्फ उसी एक दुकान पर बिक रहे थे या है । बाजार में और भी ऐसी कई दुकानें हैं खास तौर से एक ऐसी दुकान है जो भारतीय जनता पार्टी के एक बड़े नेता के परिवार से जुड़ी हुई है वहां पर किसी भी अधिकारी के चरण नहीं पहुंचते और अगर पहुंचने भी है तो खानापूर्ति करने के लिए कभी इस दुकान से रेट पटाखे जप्त नहीं किए जाते क्या यहां पर रेट पटाखे नहीं बिकते बिकते यहां भी है साहब मगर यह दुकान भाजपा से जुड़े हुए बड़े नेता जी की परिवार की है इसलिए रेड पटाखे देखने के बावजूद भी यहां पर अधिकारियों को वह रेड पटाखे नजर नहीं आते ।
और बाजार में और भी कई जगहों पर छोटी-छोटी दुकानों पर भी बिना लाइसेंस के पटाखे बेचे जा रहे हैं मगर प्रशासनिक अमला वहां पर अभी तक नहीं पहुंचा है शायद किसी हादसे का इंतजार है जब हादसा होगा मातम बनाने के लिए प्रशासन का पूरा जस्ता पहुंच जाएगा मगर उसके पहले संभावित प्रशासन को या तो जानकारी नहीं होगी या जानकारी अगर है भी तो उसे जानबूझकर अनदेखा किया जा रहा है पंचकूला में पतली पतली गलियों में पटाखे अवतार पर बेची जा रहे हैं । प्रशासन को वहां भी निगाह रखनी चाहिए ।
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