अबकी बार मशीह नीति से नहीं बल्कि सुप्रीम नीति से चुना जाएगा चंडीगढ़ का मेयर
कांग्रेस के एक पार्षद ने पकड़ा कमल , गठबंधन के कुछ और पार्षद जल्द छोड़ सकते हैं साथ
चंडीगढ़ मेयर चुनाव की वीडियोग्राफी होगी, रिटायर्ड जज होंगे ऑब्जर्वर
चंडीगढ़ केशव महेश्वरी
30 जनवरी को होने वाले चंडीगढ़ नगर निगम के मेयर चुनाव में अबकी बार सुप्रीम नीति से मेयर चुना जाएगा ना कि मसीह नीति से । 2024 के चंडीगढ़ मेयर चुनाव में मशीह नीति लागू हुई थी जिसकी वजह से भाजपा नाजायज तरीके से अपना मेयर बनवाने में कामयाब हुई थी यह मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा था उसके बाद में सुप्रीम कोर्ट में मसीह नीति से बने हुए मेयर को गलत मारा था और उन्हें इस्तीफा देना पड़ गया था और बाद में आम आदमी पार्टी के मेयर कुलदीप टीटा मेयर बने थे ।
इस बार चंडीगढ़ नगर निगम के मेयर चुनाव में वीडियोग्राफी कराई जाएगी। सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार, 27 जनवरी को इस मामले में सुनवाई करते हुए चुनाव की पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए रिटायर्ड जज को स्वतंत्र ऑब्जर्वर नियुक्त करने का निर्देश दिया। कोर्ट ने चुनाव प्रक्रिया में किसी भी प्रकार की गड़बड़ी से बचने के लिए यह कदम उठाने का आदेश दिया है।
इससे पहले, चंडीगढ़ नगर निगम में मेयर चुनाव के दौरान अधिकारियों द्वारा गड़बड़ी का आरोप लगाया गया था, जिसके कारण कांग्रेस और AAP के गठबंधन के बावजूद बीजेपी का उम्मीदवार मेयर बन गया था। इस मामले में चुनाव अधिकारी अनिल मसीह की भूमिका पर सवाल उठाए गए थे, जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट में पुन: सुनवाई हुई थी और वोटों की गिनती दोबारा की गई थी।
सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस एनके सिंह की बैंच ने चंडीगढ़ प्रशासन से पूछा था कि क्या चुनाव के दौरान निष्पक्षता बनाए रखने के लिए ऑब्जर्वर नियुक्त किया जा सकता है। इस पर कोर्ट ने आदेश दिया कि रिटायर्ड जज को चुनाव प्रक्रिया की देखरेख के लिए नियुक्त किया जाएगा।
कांग्रेस को झटका , गुरबख्श रावत ने छोड़ा हाथ
मेयर चुनाव के नामांकन के बाद जैसे प्रयास लगाए जा रहे थे कुछ वैसा ही सोमवार को हुआ । कांग्रेस की पार्षद गुरबख्श रावत ने कांग्रेस का हाथ छोड़ कर बीजेपी जॉइन कर ली है। रावत, जो 27 नंबर वार्ड से कांग्रेस की पार्षद हैं, ने बीजेपी कार्यालय पहुंचकर पार्टी का दामन थाम लिया। इस मौके पर बीजेपी के वरिष्ठ नेता संजय टंडन, मेयर पद की उम्मीदवार हरप्रीत कौर बबला और पार्टी के अध्यक्ष जोगिंद्र मल्होत्रा भी मौजूद थे।
48 घंटे के अंदर भाजपा पलट सकती है पूरा गेम
चंडीगढ़ नगर निगम के लिए चुनाव 30 जनवरी को है और महज 48 से 72 घंटे का वक्त बचा है । और इतने ही कम वक्त में भाजपा का थिंक टैंक पूरा गेम प्लान बदलने पर काम कर रहा है । भाजपा सूत्रों के अनुसार जल्दी ही गठबंधन के कुछ और चेहरे भाजपा का दामन थाम सकते हैं । जिससे भाजपा का मेयर बनने की राह आसान हो सकती है ।
चंडीगढ़ नगर निगम में वर्तमान में बीजेपी के पास 16 पार्षद हैं, जबकि कांग्रेस के पास 6 और AAP के पास 13 पार्षद हैं। इसके अलावा एक वोट संसद का भी है जो गठबंधन के खाते में ही जाएगा। हालांकि, कांग्रेस और AAP का गठबंधन अभी भी बहुमत में है, लेकिन राजनीतिक घटनाक्रमों ने हालात को और जटिल बना दिया है।
दल बदलते ही भड़की कांग्रेस और फूंका पुतला , और यह बोली
इन्होंने तो अपने वार्ड के निवासियों के साथ कर दिया है विश्वासघात
चंडीगढ़ कांग्रेस ने मेयर चुनाव से तीन दिन पहले कांग्रेसी पार्षद गुरबक्श रावत के भाजपा में शामिल होने को सेक्टर 40, 39 और 38 वेस्ट के निवासियों के साथ विश्वासघात करार दिया है। इन क्षेत्रों के लोगों ने कांग्रेस की नीतियों और कार्यक्रमों के आधार पर उन्हें लगातार तीन बार पार्षद चुना था, और अब उनके इस निर्णय से जनता में निराशा फैल गई है।
पार्टी के मुख्य प्रवक्ता राजीव शर्मा ने आज एक आधिकारिक बयान में कहा कि पार्षद गुरबक्श रावत का विदेश प्रवास और अपने वार्ड के प्रति अनदेखी से पार्टी पहले ही परेशान थी। इसके कारण वार्ड के लोग अपनी समस्याओं के समाधान के लिए कांग्रेस कार्यालय जाने या अन्य वार्डों के कांग्रेसी पार्षदों से मदद लेने को मजबूर थे। पार्टी ने रावत को जनता की सेवा के लिए समय देने के सख्त निर्देश दिए थे, लेकिन उन्होंने भाजपा के साम्प्रदायिक और भ्रष्टाचारी प्रलोभनों के सामने झुककर कांग्रेस छोड़ दी। इस कदम ने न केवल उनके वार्ड के लोगों के विश्वास को तोड़ा, बल्कि पार्टी के कर्मठ कार्यकर्ताओं के साथ भी धोखा किया, जिन्होंने उन्हें जीताने के लिए कड़ी मेहनत की थी।
कांग्रेस पार्टी ने भाजपा पर आरोप लगाया कि वह मेयर चुनाव जीतने के लिए भ्रष्ट और अनैतिक तरीकों से अन्य पार्टियों के पार्षदों को अपनी ओर आकर्षित कर रही है। भाजपा द्वारा मेयर चुनावों से पहले इस प्रकार के दलबदल को शहर के शिक्षित और प्रबुद्ध नागरिकों का अपमान बताया गया है।
कांग्रेस ने शहर के निवासियों से अपील की कि वे आगामी चुनावों में ऐसे दलबदलुओं को उचित जवाब दें और उन्हें सख्त सजा दिलवाएं।
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