भाजपा के लिए करो या मरो की स्थिति हो सकती है ,नगर निगम चंडीगढ़ की पहली बैठक मे टीटा ला सकते है ऐसा प्रस्ताव
खबरी प्रशाद रीतेश माहेश्वरी
सुप्रीम कोर्ट के फैसले के 24 घंटे के बाद भी भारतीय जनता पार्टी की कोई ऑफिशियल प्रतिक्रिया नहीं
देर रात पूर्व अध्यक्ष अरुण सूद की तरफ ने जारी किया था बयान भाजपा सदन में बहुमत में
नगर निगम चुनाव को लेकर देश की शीर्ष अदालत का भाजपा के खिलाफ एक फैसला क्या आया कि भाजपा के नेताओं ने फैसला आने के लगभग 24 घंटे से भी ज्यादा बीत जाने के बावजूद भी कोई ऑफिशियल प्रतिक्रिया नहीं व्यक्त की गई । क्या इसका मतलब यह माना जाए कि भाजपा को इस फैसले से गहरा आघात लगा है या उन्हें इस तरह के फैसले की उम्मीद नहीं थी ।
बीते कल देर रात भारतीय जनता पार्टी के पूर्व अध्यक्ष अरुण सूद की तरफ से एक प्रेस रिलीज जारी किया गया था , जिसमें उन्होंने कहा था कि सदन मे भारतीय जनता पार्टी बहुमत में है जबकि आम आदमी पार्टी के मेयर अल्पमत में है । अगर अरुण सूद की प्रतिक्रिया को ही भारतीय जनता पार्टी की आधिकारिक प्रतिक्रिया मान लिया जाए तो इसका सीधा-सीधा मतलब यह निकलता है कि आने वाले दिनों में आम आदमी पार्टी के चंडीगढ़ के में पहली बार मेयर पद की गद्दी संभालने वाले कुलदीप टीटा की राह आसान नहीं होने वाली । क्योंकि आज की तारीख की अगर बात की जाए तो भारतीय जनता पार्टी के पास में सांसद किरन खेर के वोट मिलकर कल 18 वोट है , अगर एक शिरोमणि अकाली दल के पार्षद का वोट भी जोड़ दें तो भारतीय जनता पार्टी के पास 19 वोट हो जाते हैं । शिरोमणि अकाली दल का जिक्र इसलिए क्योंकि मेयर पद के चुनाव में शिरोमणि अकाली दल के पार्षद का वोट भाजपा के खाते में गया था । और दूसरी तरफ 30 जनवरी को जिस दिन मेयर चुनाव हुआ था उस दिन आम आदमी पार्टी और कांग्रेस का गठबंधन था तब गठबंधन के पास 20 वोट थे । मगर तब से लेकर अब तक इस दरिया में बहुत पानी बह चुका है और अब गठबंधन की राहें भी अलग हो चुकी है । और उसके साथ-साथ आम आदमी पार्टी के तीन पार्षद भी आम आदमी पार्टी का साथ छोड़कर भाजपा का दामन थाम चुके हैं । इसीलिए भाजपा के पूर्व अध्यक्ष अरुण सूद ने लिखा कि भारतीय जनता पार्टी आज बहुमत में है और आम आदमी पार्टी के मेयर अल्पमत में है ।मगर यह सब पूर्व अध्यक्ष अरुण सूद का कहना है ना कि भाजपा के वर्तमान अध्यक्ष जितेंद्रमल्होत्रा का । वैसे भी सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद मल्होत्रा साहब की किरकिरी तो हो ही चुकी है । और सूत्र बताते हैं कि दिल्ली दरबार क्लास भी लगा चुका है ।
बीजेपी लाएगी अविश्वास प्रस्ताव
जैसा की सूत्रों से जानकारी मिली है , कि जल्दी ही भारतीय जनता पार्टी मेयर कुलदीप टीटा के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लेकर आ सकती है । मगर अविश्वास प्रस्ताव लाने के पहले भाजपा इस बार किसी प्रकार का कोई भी रिस्क मोल लेना नहीं चाहेगी जब पूरी तरीके से इस बात का विश्वास हो जाएगा की अविश्वास प्रस्ताव में भी हमें बहुमत प्राप्त है । तभी अविश्वास प्रस्ताव लाया जाएगा ।
आम आदमी पार्टी भी कर रही प्रेसिडिंग ऑफीसर अनिल मसीह के खिलाफ प्रस्ताव लाने की तैयारी , भाजपा फंसेगी असमंजस में
आम आदमी पार्टी भी भारतीय जनता पार्टी की राह पर चल सकती है और नगर निगम के नॉमिनेटेड काउंसलर और मेयर चुनाव मे प्रिजिडिंग ऑफिसर रहे अनिल मसीह के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट द्वारा की गई सख्त टिप्पणी को लेकर सदन की पहली बैठक में ही अनिल मसीह के खिलाफ प्रस्ताव ला सकती है । प्रस्ताव लाकर आप के दोनों हाथों में लड्डू होगा । क्योंकि अगर भाजपा प्रस्ताव के खिलाफ जाएगी तो आम आदमी पार्टी पूरे देश को बताएगी कि भाजपा का चाल चरित्र बेईमानों के साथ है और अगर भाजपा प्रस्ताव का साथ देगी तो भाजपा को अपने ही एक कार्यकर्ता के खिलाफ जाना पड़ेगा । प्रस्ताव पेश होने पर , ऐसी स्थिति में भाजपा के सामने असमंजस की स्थिति आ सकती है । और अगर बीजेपी प्रस्ताव को लेकर कोई खेला खेल जाती है तो ऐसी स्थिति मे मेयर साहब को दिक्कत भी आ सकती है क्योंकि अगर कांग्रेस गठबंधन धर्म निभाते हुए उनके साथ आ भी जाती है तो भी कुल वोट 17 ही होते है । ऐसे में आम आदमी पार्टी की कोशिश रहेगी कि जो अपने रूठ गए हैं उनको मनाने की उनके घर वापसी की । अगर आम आदमी पार्टी के अपने जिन्हें गैरों ने दिखाए होंगे सपने , उनको आम आदमी पार्टी के अपनों पर अगर विश्वास दोबारा लौट आता है तो ऐसी स्थिति में भाजपा के लिए एक बार फिर प्रस्ताव पर करो या मरो की स्थिति आ सकती है ।
तो आने वाले दिनों में नगर निगम में हाल फिलहाल शांति तो नजर नहीं आ रही है । जैसे ही पहली बैठक होगी , निगम रूपी समुद्र में ज्वारभाटा जरूर आएगा । और इस ज्वार भाटे की लहरों के भंवर में कौन फंसेगा और कौन बाहर निकलेगा यह तो आने वाला वक्त बताएगा ।
Leave a Reply
Want to join the discussion?Feel free to contribute!