आप और कांग्रेस का हरियाणा में होगा मधुर मिलन !
आप बोली अभी जीरो मिलकर बनाएंगे कांग्रेस को हीरो
क्यों पड़ रही कांग्रेस और आप को हरियाणा में गठबंधन की जरूरत ?
अगर होगा गठबंधन तो उसका क्या होगा असर !
कांग्रेस ने बनाई कमेटी तो आप ने किया स्वागत , भाजपा ने कसा तंज
हरियाणा की राजनीति में हुआ बदलाव, कांग्रेस और आप क्या मिलाएगी एक दूसरे से हाथ ?
खबर लिखे जाने के समय कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के नेताओं के बीच हरियाणा विधानसभा चुनाव में गठबंधन को लेकर बातचीत शुरू हो चुकी थी । और जिस समय आप खबर पढ़ रहे होंगे हो सकता है आप और कांग्रेस के बीच में गठबंधन का ऐलान हो चुका हो ।
कांग्रेस नेता राहुल गांधी आगामी हरियाणा विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी के साथ गठबंधन करके चुनाव जीतने के समर्थन में आ गए है। खबर आ रही है कि इस बार लोकसभा की तरह विधानसभा में भी कांग्रेस और आप का गठबंधन देखने को मिल सकता है, यानी गठबंधन के आसार नजर आने लगे हैं। पर पहले गठबंधन के लिए इनकार कर देने वाली पार्टियों ने आखिर यह फैसला क्यों लिया? क्या उन्हें बीजेपी की जीत का डर है?
आपको बता दें की हरियाणा विधासभा चुनाव को लेकर कांग्रेस ने एक बड़ा सियासी दांव चलने की तैयारी कर चुकीं है। लोकसभा मे नेता प्रतिपक्ष और कांग्रेस सांसद राहुल गांधी की इच्छा हैं कि हरियाणा मे कांग्रेस आगामी विधानसभा चुनाव आम आदमी पार्टी के साथ गठबंधन मे लड़े । पर यह भी सच है कि उनकी यह चाहत काफी हैरान कर देने वाली है। यह फैसला हरियाणा की राजनीति में एक नया मोड़ ला सकता है। इसकी सुगबुगाहट सोमवार को कांग्रेस की केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक के बाद से शुरू हुई। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने अपने नेताओं से इस गठबंधन को लेकर राय मांगी । दोनों दलों का आपस में हाथ मिलाने का फैसला इस ओर भी इशारा करता है कि उन्हें भारतीय जनता पार्टी की जीत का डर सता रहा है। खबर आ रही है कि हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा आप को 3 से 4 सीटे देने पर सहमति जता चुके हैं। जबकि आम आदमी पार्टी कांग्रेस से 15 सीटों की मांग कर रही है।
राहुल गांधी ने नेताओ से मांगी राय
सूत्रों के अनुसार दिल्ली में सोमवार को कांग्रेस की केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक में हरियाणा उम्मीदवारों को लेकर चर्चा शुरू हुई और करीब 30 से अधिक नाम फाइनल किए जा चुके हैं। इन नाम की घोषणा होती , उसके पहले ही आम आदमी पार्टी और कांग्रेस के गठबंधन की बात चलनी शुरू हो गई है । इसी बैठक में गठबंधन की बात भी रखी गई और राहुल गांधी ने पार्टी के सभी लोगों से राय मांगी है। हालांकि, कांग्रेस ने इस विषय में अभी तक आधिकारिक तौर पर कुछ कहा नहीं है।
गठबंधन को लेकर आप नेताओ का क्या है कहना?
आप नेता संजय सिंह ने गठबंधन की बातचीत का स्वागत किया है। आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद संजय सिंह का कहना है कि “उनके इस बयान का मैं स्वागत करता हूं। निश्चित रूप से बीजेपी को हराना हम सबकी प्राथमिकता है। उनकी नफरत की राजनीति, उनकी जन विरोधी, किसान विरोधी, नौजवानों के खिलाफ बीजेपी की नीति और महंगाई को लेकर हमारा मोर्चा है। निश्चित रूप से उनको हराना हमारी प्राथमिकता है। लेकिन, इसके बारे में आधिकारिक तौर पर हमारे हरियाणा के प्रभारी और प्रदेश अध्यक्ष आगे की बातचीत के आधार पर इसकी सूचना अरविंद केजरीवाल को देंगे और फिर इस पर कुछ बात आगे की जाएगी।”
वहीं आम आदमी पार्टी हरियाणा के प्रमुख सुशील कुमार गुप्ता ने कहा है कि “आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय नेतृत्व के आदेशानुसार हम सभी 90 सीटों पर तैयारी कर रहे हैं। हर विधानसभा में हमारी बैठकें हो रही हैं, हम लगातार कार्यक्रम आयोजित कर रहे हैं। हम 15 दिनों में 40 और कार्यक्रम आयोजित करेंगे।आम आदमी पार्टी 90 सीटों पर पूरी तैयारी कर रही है। पार्टी बहुमत की सरकार बनाने के लिए, सत्ता परिवर्तन के लिए, बीजेपी की अहंकारी और तानाशाही सरकार को उखाड़ फेंकने के लिए संघर्ष कर रही है” और जब उनसे गठबंधन के बारे में पूछा गया तब उन्होंने कहा “ये फैसला हाईकमान करेगा।”
गठबंधन को लेकर बीजेपी ने कसा तंज
अब कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के गठबंधन पर भारतीय जनता पार्टी ने खुलकर वार किया। इस विषय पर बीजेपी सांसद मनोज तिवारी का बयान आ चुका है और उनका कहना है कि “अगर कांग्रेस को हरियाणा में गठबंधन की जरूरत महसूस होती है, तो यह दर्शाता है कि हरियाणा के लोग लगातार तीसरी बार बीजेपी पर भरोसा करते हैं। जहां तक कांग्रेस का सवाल है, फारूक अब्दुल्ला के साथ गठबंधन करने के बाद हरियाणा में उनका बचा-खुचा प्रभाव भी खत्म हो गया है।”
गठबंधन पर तंज कसते हुए मनोज तिवारी ने कहा कि “इससे हमें कोई चुनौती नहीं है। इन्होंने दिल्ली में गठबंधन किया था, वहां सातों सीटें हारे और जितना दोनों को अलग अलग मिला उतने मार्जिन से हम दिल्ली में जीते हैं।”
क्यों पड़ रही कांग्रेस और आप को हरियाणा में गठबंधन की जरूरत
दरअसल इस बात के कयास काफी पहले से लगाए जा रहे थे कि हरियाणा विधानसभा चुनाव में आप और कांग्रेस गठबंधन कर सकती हैं। हालांकि दोनों तरफ के नेताओं की तरफ से चुनावी माहौल होने के बावजूद कोई भी विरोधाभासी बयान एक दूसरे के खिलाफ नहीं दिए जा रहे थे। लोकसभा चुनाव में जहां भारतीय जनता पार्टी 400 पर के नारे के साथ उतरी थी वहीं इंडिया गठबंधन ने मजबूती के साथ चुनाव लड़कर भाजपा के रथ के घोड़े को 240 पर रोक दिया था। हालांकि कांग्रेस के अपने प्रदर्शन में भी लोकसभा चुनाव में बहुत सुधार हुआ था। जहां 2019 के लोकसभा चुनाव में हरियाणा में जीरो सीट आई थी। वही 2024 के चुनाव में हरियाणा में ही कांग्रेस को पांच सीटों पर फ़तेह हासिल हुई और वहीं अगर पूरे देश की बात की जाए तो 99 सीट पर जीत हासिल हुई थी। जबकि 2019 के चुनाव में कांग्रेस 50 सीटों के आसपास थी। अगर हरियाणा में आम आदमी पार्टी और कांग्रेस अलग-अलग चुनाव लड़ते तो ऐसी स्थिति में कांग्रेस के मजबूत वोट बैंक में आम आदमी पार्टी सेंध मारी करती और नुक्सान कांग्रेस को हो सकता था। वही आम आदमी पार्टी दिल्ली और पंजाब के बीच में बसने वाले इस राज्य में पिछले काफी समय से पांव पसारने में लगी हुई है। उसे भी लगता है कि अकेले दम पर पांव पसारना बहुत मुश्किल काम है। कांग्रेस के कंधे पर पैर रखकर विधानसभा चुनाव 2024 में कुछ सीटों पर फ़तेह हासिल की जा सकती है। जिसका असर दिल्ली विधानसभा चुनाव में भी पड़ेगा क्योंकि अगले साल के शुरुआती महीने में ही दिल्ली में विधानसभा के चुनाव होने हैं। अगर हरियाणा में कुछ सीटें आम आदमी पार्टी की झोली में विधानसभा चुनाव में आती है, तो कहीं ना कहीं दिल्ली विधानसभा चुनाव में इस बात का भोपू आम आदमी पार्टी बजाएगी की केजरीवाल की नीतियों को हरियाणा ने भी स्वीकार कर लिया है।
कांग्रेस ने गठबंधन के लिए बनाई कमेटी
खबर लिखे जाने के वक्त तक कांग्रेस की तरफ से जो सूचना प्राप्त हुई है उसके अनुसार कांग्रेस ने आम आदमी पार्टी के साथ गठबंधन को लेकर एक कमेटी बनाई है। के.सी. वेणुगोपाल की देखरेख में बनी यह कमेटी हरियाणा में आम आदमी पार्टी के साथ गठबंधन की संभावनाओं को तलाश करेगी। स्क्रीनिंग कमेटी के अध्यक्ष अजय माकन नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा, प्रभारी दीपक बाबरिया इस कमेटी के सदस्य बनाए गए हैं। यह कमेटी आम आदमी पार्टी के साथ-साथ समाजवादी पार्टी के साथ भी गठबंधन की संभावना की तलाश करेगी।
अगर होगा गठबंधन तो उसका क्या होगा असर
यह तो निश्चित माना जा रहा है की एक कदम कांग्रेस ने बढ़ाया है तो एक कदम आम आदमी पार्टी भी बढ़ाएगी क्योंकि जरूरत जितनी कांग्रेस को हरियाणा में सरकार बनाने की है उससे कहीं ज्यादा जरूरत इस समय आम आदमी पार्टी को हरियाणा में अपने पैर जमाने की है। जब जरूरत दोनों पक्षों की हो तो ऐसी स्थिति में सौदे बन ही जाते हैं।
Leave a Reply
Want to join the discussion?Feel free to contribute!