आखिरकार मिल ही गए पूर्व उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ! इंडियन एक्सप्रेस का बड़ा खुलासा
पूर्व उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के जयपुर में 8 मंजिला कॉम्प्लेक्स निर्माण को लेकर उठा विवाद
नई दिल्ली/जयपुर
पूर्व उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ को लेकर बीते कई हफ्तों से सोशल मीडिया पर “गायब होने” जैसी चर्चाएं तेज़ थीं। अब इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट ने इन अटकलों को नया मोड़ दिया है। रिपोर्ट के अनुसार, धनखड़ न तो गायब हुए हैं और न ही किसी राजनीतिक दबाव में, बल्कि वे जयपुर एयरपोर्ट के पास अपनी और परिवार के नाम पर दर्ज ज़मीन पर आठ मंजिला कमर्शियल कॉम्प्लेक्स बनवा रहे हैं।
जमीन और कॉम्प्लेक्स से जुड़े तथ्य
सूत्रों के अनुसार, सांगानेर रोड पर स्थित कामना फार्महाउस नाम की ज़मीन, जो पहले कृषि भूमि थी, उसे जयपुर विकास प्राधिकरण (JDA) ने 10 अप्रैल 2023 और 9 फरवरी 2024 को क्रमशः दो अलग-अलग प्लॉट्स का डीड बदलकर कमर्शियल लैंड में परिवर्तित किया। इन दोनों प्लॉट्स का कुल क्षेत्रफल लगभग 7,300 वर्गमीटर है। इन्हीं पर दो बड़े कॉम्प्लेक्स का निर्माण कार्य चल रहा है, जिनकी अनुमानित कीमत अरबों में बताई जा रही है।


राजनीतिक और प्रशासनिक सवाल
इस खुलासे ने कई गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं —
- क्या अगर धनखड़ उपराष्ट्रपति न होते तो JDA इतनी आसानी से कृषि भूमि को कमर्शियल में बदल देता?
- क्या यह पद के दुरुपयोग का मामला है?
- क्या जनता के टैक्स से मिलने वाली आजीवन सुविधाओं का लाभ ऐसे लोगों को मिलना चाहिए जो निजी तौर पर अरबों की संपत्ति खड़ी कर रहे हैं?
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि यह मामला केवल एक व्यक्ति का नहीं बल्कि सत्ता और तंत्र के आपसी समीकरणों को उजागर करता है। विपक्ष ने इस पर कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए धनखड़ के खिलाफ जांच और मुकदमा दर्ज करने की मांग उठाई है।
पूर्व उपराष्ट्रपति की सुविधाओं पर भी बहस
भारत में उपराष्ट्रपति को रिटायरमेंट के बाद लुटियंस ज़ोन में टाइप-7 बंगला, स्टाफ और पर्सनल सेक्रेटरी जैसी सुविधाएं मिलती हैं। आलोचकों का कहना है कि अगर कोई नेता निजी स्तर पर इतना बड़ा कमर्शियल साम्राज्य खड़ा कर रहा है, तो जनता के टैक्स से मिलने वाली सुविधाओं की आवश्यकता क्यों रह जाती है।
मौन पर सवाल
धनखड़ ने इस्तीफा “स्वास्थ्य कारणों” से दिया था, लेकिन एक महीने से अधिक समय बीत जाने के बाद भी स्वास्थ्य मंत्रालय ने उनकी स्थिति पर कोई बुलेटिन जारी नहीं किया। ऐसे में उनके मौन और अब सामने आए इस निर्माण कार्य ने कई तरह के संदेहों को जन्म दिया है।
अब देखना होगा कि यह मामला राजनीतिक विमर्श तक सीमित रहता है या फिर इस पर किसी स्तर पर आधिकारिक जांच भी शुरू होती है।
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