निर्दलीय उम्मीदवार प्रताप सिंह राणा पर भाजपा डाल रही डोरे
संजय टंडन का नाम लेकर किसी व्यक्ति ने किया राणा को फोन
रिकॉर्डिंग में बोला कर लो समझौता इज्जत बच जाएगी आपकी भी और उनकी भी , जो अब तक खर्च हुआ है वह भी दे देंगे और जो आपके काम है वह लिखवा कर दे देंगे जीते ही वह काम करवा दिए जाएंगे
खबरी प्रशाद अखबार के पास वह रिकॉर्डिंग मौजूद
लोकसभा चुनाव के सातवें और अंतिम दौर के चुनाव प्रचार के अंतिम दिन भारतीय जनता पार्टी ने चुनाव जीतने के लिए साम दाम दंड भेद अब अपना लिया है । बीते कल ही भाजपा की तरफ से एक प्रेस नोट जारी किया गया था जिसमें बताया गया था कि पोऋष दा पंजाब पार्टी के उम्मीदवार ने संजय टंडन को समर्थन दे दिया है जबकि उम्मीदवार की तरफ से देर रात इस बात को लेकर खंडन कर दिया गया था । उनकी तरफ से कहा गया था कि संजय टंडन मेरे पास आए जरूर थे क्योंकि मैं संयासी आदमी हूं और हर कोई मेरे पास आशीर्वाद लेने आता है संजय टंडन आए थे मैंने उनको आशीर्वाद दिया है लेकिन उनका समर्थन नहीं किया है ।
इस बात को बीते अभी 24 घंटे भी नहीं बीते की एक और निर्दलीय उम्मीदवार से संजय टंडन के किसी खास व्यक्ति ने संपर्क किया है और उनसे कहा कि आप संजय टंडन को समर्थन कर दीजिए आपकी भी इज्जत बच जाएगी और संजय टंडन की भी इज्जत बच जाएगी । खबरी प्रशाद अखबार के पास में इस बातचीत की पूरी रिकॉर्डिंग मौजूद है । इस रिकॉर्डिंग में वह व्यक्ति राणा से कह रहा है कि आपका जो भी खर्चा अब तक हुआ है वह मिल जाएगा और आप के जो काम रहते हैं वह लिखवा लीजिए जीतते ही वह काम करवा दिए जाएंगे ।
तो क्या समझा जाए क्या बीजेपी का प्रेरणा कमजोर पड़ रहा
दो दिनों के अंदर दो निर्दलीय उम्मीदवारों से समर्थन मांगने को लेकर क्या यही समझा जाए कि भारतीय जनता पार्टी चंडीगढ़ चुनाव में कमजोर पड़ रही है या कुछ और बात है । वैसे तो भाजपा अध्यक्ष जितेंद्र मल्होत्रा का दावा था कि संजय टंडन एक लाख मतों से जीत रहे हैं । जब इतना भरोसा एक लाख मतों से जीतने का है उसके बावजूद निर्दलीय उम्मीदवारों पर डोरे डालने की जरूरत क्या है ?
पूरे चुनाव प्रचार के दौरान भाजपा की गुटबाजी आती रही सामने
लोकसभा चुनाव 2024 के पूरे चुनाव प्रचार के दौरान चंडीगढ़ भाजपा की गुटबाजी जग जाहिर रही । संजय टंडन के साथ ना तो भाजपा का कोई भी बड़ा नेता चुनाव प्रचार में उतर और कुछ डर भाजपा को भी था कि अगर वर्तमान सांसद किरण खेर को साथ लेकर चल दिए तो कहीं मुश्किलों का सामना न करना पड़ जाए ।
खैर अभी तो मतदान की तारीख 1 जून है और अभी मतदान होने में लगभग ( खबर लिखे जाने के वक्त से ) 30 घंटे का वक्त बाकी है । भाजपा किसी भी कीमत पर चंडीगढ़ की सीट हारना नहीं चाहती । क्योंकि कुछ महीना पहले भी चंडीगढ़ के लोगों ने देखा था कि नगर निगम चुनाव जीतने के लिए आठ वोटो को इनवेलिड करार करवाया गया था । उस समय भी आरोप भाजपा पर ही लगा था । और भाजपा को कई सालों के बाद में नगर निगम के मेयर की कुर्सी से हाथ धोना पड़ा था । और ऐसे में भाजपा कतई नहीं चाहेगी कि संसद की कुर्सी से भी हाथ धोना पड़ जाए । तो ऐसी स्थिति में साम दाम दंड भेद जो भी इस्तेमाल करना पड़े सब कुछ करके चुनाव जीतना ही है ।
रिकॉर्डिंग को लेकर क्या कहा भाजपा ने
इस कथित रिकॉर्डिंग को लेकर जब हमने भारतीय जनता पार्टी से संपर्क किया तो उनका कहना था की ना तो भारतीय जनता पार्टी की तरफ से ऐसा कोई फोन किसी को किया गया है , ना ही संबंधित व्यक्ति बीजेपी का व्यक्ति है । यह किसी विरोधी की संजय टंडन को बदनाम करने की साजिश हो सकती है ।
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