राम राज्य में होगा पहला चुनाव : किसको मिलेगा श्री राम का आशीर्वाद पता चलेगा 30 जनवरी को
अबकी बार , राम जी करेंगे बेड़ा पार
नई तारीख के बाद भाजपा खेमे में बढ़ी बेचैनी,,
बीजेपी के पास मौका सिर्फ 5 दिन का बहुमत जुटाने के लिए
विगत 22 जनवरी को अयोध्या के श्री राम मंदिर मे प्राण प्रतिष्ठा के आयोजन के बाद राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत ने वहां मौजूद लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि अब रामराज आ गया है। तो आप समझ लीजिए कि उसी रामराज में पहला चुनाव भारतीय जनता पार्टी और इंडिया गठबंधन के बीच में होने जा रहा है। हालांकि यह चुनाव है तो बहुत छोटा मगर इसके नतीजे चंडीगढ़, हरियाणा, पंजाब और हिमाचल प्रदेश की लोकसभा सीटों पर असर डालेंगे। इस चुनाव के नतीजे ही तय करेंगे कि प्रभु श्री राम का आशीर्वाद किसके साथ है।
नगर निगम चुनाव को लेकर कोर्ट से मिली तारीख
असमंजस भरे माहौल में पंजाब हरियाणा हाई कोर्ट की द्वारा आम आदमी पार्टी के मेयर पद के उम्मीदवार कुलदीप टीटा की याचिका पर सुनवाई करते हुए आज चंडीगढ प्रशासन को फटकार भी लगाई और साफ साफ शब्दों में कह दिया कि 30 जनवरी को किसी भी हालत में नगर निगम के मेयर चुनाव होने चाहिए। अगर प्रशासन को सुरक्षा संबंधी कोई समस्या है तो केंद्र सरकार को चिट्ठी लिख सकते हैं और सुरक्षा में मदद मांग सकते हैं। मेयर चुनाव वाले दिन चंडीगढ नगर निगम के अंदर पार्षदों के अलावा दूसरे कोई भी व्यक्ति निगम के अंदर नहीं जा सकेंगे।
गौरतलब है की 18 जनवरी को इसके पहले मेयर चुनाव घोषित किए गए थे। मगर अचानक से प्रीसाइडिंग ऑफिसर की तबीयत खराब हो जाने की वजह से इन चुनावों को 6 फरवरी तक के लिए टाल दिया गया था। तब आम आदमी पार्टी की तरफ से पंजाब हरियाणा हाई कोर्ट में याचिका लगाई गई थी मगर चंडीगढ़ प्रशासन की तरफ से आनन फानन में 6 फरवरी की तारीख चुनाव को लेकर घोषित कर दी गई थी। वही कोर्ट में भी प्रशासन की पूरी कोशिश रही कि 6 फरवरी को ही चुनाव करवाए जाय। प्रशासन ने 18 जनवरी की तारीख को लेकर कोर्ट मे सुरक्षा व्यवस्था का हवाला दिया था और कहा था कि पंजाब पुलिस के कुछ जवान जबरदस्ती निगम परिसर में घुस आए थे। हमारे पास 18 जनवरी को हंगामा होने जाने का इनपुट था इसी वजह से चुनाव रद्द कर आए गए।
नई तारीख के बाद बीजेपी खेमे की बढ़ी धड़कन
चंडीगढ़ मेयर चुनाव के लिए नई तारीखों का ऐलान हो गया है। अब चंडीगढ़ मेयर के लिए चुनाव 6 फरवरी के बजाय 30 जनवरी को कोर्ट के आदेश पर करवाए जाएंगे। 30 जनवरी का आदेश आते ही भाजपा खेमे में थोड़ी धड़कन बढ़ गई है। दरअसल इस बार चंडीगढ़ में पहली बार आम आदमी पार्टी और कांग्रेस ने गठबंधन में मेयर चुनाव लड़ने का ऐलान किया है। इसी वजह से गठबंधन के पास 20 पार्षद के वोट हैं जबकि भाजपा के पास सांसद किरण खेर का वोट मिलाकर 15 वोट है। जबकि नगर निगम मेयर के चुनाव में सांसद किरण खेर का वोट मिलकर कुल 36 वोट डाले जाएंगे। एक वोट शिरोमणि अकाली दल के पार्षद का है वह किसके खाते में जाएगा अभी यह निश्चित नहीं है।
अंतरात्मा की आवाज जगाने के लिए भाजपा के पास महज 5 दिन
लगातार भाजपा के बड़े नेताओं ने मीडिया के अलग-अलग प्लेटफार्म पर और अलग-अलग चैनल पर बोलते रहे कि हमारे पास बहुमत है। मगर जब पत्रकारों ने इस बात को लेकर सवाल पूछा कि सदन मे बीजेपी किस तरीके से बहुमत साबित करेगी तो सभी का सिर्फ एक ही जवाब था कि पार्षद अंतरात्मा की आवाज और विकास की बयार पर नगर निगम चुनाव में वोट डालेंगे। अब इस अंतरात्मा की आवाज को जगाने और विकास की बयार विपक्षी पार्षदों को समझाने के लिए महज 5 दिन का ही वक्त है। अगर इस दौरान किसी पार्षद की अंतरात्मा जाग गई और किसी पार्षद को विकास की बयार समझ में आ गई तो निश्चित तौर पर इंडिया गठबंधन का गणित गड़बड़ा जाएगा। वैसे भी राजनीतिक गलियारों में इस बात की चर्चा है की प्राण प्रतिष्ठा का कार्यक्रम संपन्न होने के बाद कई पार्षद प्रभु राम के आशीर्वाद से अपना मन बदलने को तैयार बैठे हैं बस सिर्फ उनको भी लड्डू के डब्बे का इंतजार है। अब पता नहीं, पिछले दिनों भाजपा ने सवा सौ कुंटल लड्डू तो बांटे थे, उन पार्षदों के पास वह लड्डू पहुंचे या नहीं पहुंचे यह तो राम ही जाने।
खैर चंडीगढ़ नगर निगम के निवासियों को इस बार मेयर चुनाव के लिए जो हंगामा देखने को मिल रहा है वह उन्हें बिल्कुल उसी तरीके से जैसे इंडिया और पाकिस्तान का जिस समय मैच होता है और कांटे की टक्कर होती है। तो दर्शकों की जो स्थिति होती है कुछ वैसे ही स्थिति इस बार नगर निगम चुनाव वाले दिन 30 जनवरी को होने वाली है। जहां इंडिया गठबंधन के नेताओं की भी धड़कने बड़ी रहेगी तो भाजपा नेताओं की भी धड़कने बढ़ी ही रहने वाली है।
Leave a Reply
Want to join the discussion?Feel free to contribute!