अभिव्यक्ति पर पहरासोशल मीडिया पर एसजीपीसी की दो पोस्ट रोकी गई
केंद्र सरकार का ऑब्जेक्शन
एसजीपीसी प्रधान धामी ने साइबर सुरक्षा विभाग से मांगा स्पष्टीकरण
खबरी प्रशाद दिल्ली रीतेश माहेश्वरी
भारत में अभिव्यक्ति की आजादी पर अब पहरा लगने लगा है। यह बात आज सोशल मीडिया अकाउंट एक्स पर एक्स के फाउंडर द्वारा कही गई। उन्होंने लिखा कि भारत में नियम कायदे मानने के लिए मजबूर होना पड़ता है । जबकि अभिव्यक्ति की आजादी व्यक्ति का मौलिक अधिकार है। दरअसल मामला शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी की दो पोस्टों को सोशल मीडिया पर रोकने को लेकर जुड़ा हुआ है।
आखिर एसजीपीसी का मामला है क्या?
शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी की दो पोस्ट पर भारत सरकार को ऐतराज हुआ और भारत सरकार द्वारा सोशल मीडिया अकाउंट एक्स को दो पोस्टों को अकाउंट से हटाने के लिए कहा गया। भारत के नियम कायदे कानून को ध्यान में रखते हुए एक्स को वह पोस्ट हटानी पड़ी। मगर जैसे ही पोस्ट हटी विवाद खड़ा हो गया।
क्या है वह दोनों पोस्ट जिन पर हुआ है विवाद
दरअसल पहली पोस्ट एसजीपीसी के प्रधान एडवोकेट हरजिंदर सिंह धामी का एक बयान है। जबकि दूसरी पोस्ट नवंबर महीने की है जिसमें गुरु नानक देव जी के प्रकाश पर्व की सभी को शुभकामनाएं दी गई हैं। पहले पोस्ट में धामी की तरफ से लिखा गया था सरकार प्रदर्शनकारी किसानों पर बल प्रयोग करने के बजाय उनकी समस्याओं का समाधान करें। दरअसल इस समय पंजाब हरियाणा की सीमा पर किसान आंदोलन की वजह से किसान धरने पर बैठे हुए हैं। इसको लेकर एसजीपीसी प्रधान ने यह मांग केंद्र सरकार से की थी। एसजीपीसी ने सोशल मीडिया अकाउंट एक्स की तरफ से उठाए गए कदम को पूरी तरीके से गलत बताया है और उस पर कड़ी आपत्ति जताई है। एसजीपीसी ने लिखा है समुदाय के सदस्यों की चिंता व्यक्त करना हमारे संवैधानिक और संगठन की जिम्मेदारी है। सरकार के साथ लोकतांत्रिक तरीके से उनकी बात को रखना कुछ भी गलत नहीं है। जबकि दूसरी पोस्ट तो सिर्फ बधाई संदेश थी जिसमें गुरु नानक देव जी के प्रकाश गुरु पर्व के अवसर पर सचखंड श्री हरमंदिर साहिब में की जाने वाली अरदास का वह हिस्सा थी। एसजीपीसी प्रधान ने अपनी दोनों पोस्ट रोके जाने को लेकर भारत सरकार के साइबर सुरक्षा विभाग के सचिव को एक मेल भेज कर स्पष्टीकरण मांगा है और पूछा है कि क्या सिख तीर्थ स्थल की धार्मिक सामग्री को रोकने के लिए भारत सरकार ने कहा है।
इसके पहले भी भारत सरकार द्वारा कई बार सोशल मीडिया अकाउंट एक पहले ट्विटर किसान आंदोलन के वक्त कई पोस्ट हटाने का दबाव बनाया गया था और वर्तमान में चल रहे किसान आंदोलन में भी किसानों से जुड़े हुए कई सोशल मीडिया अकाउंट को भारत सरकार द्वारा जबरन बंद कराया गया । और सिर्फ किसानों के ही नहीं कई पत्रकारों के भी सोशल मीडिया अकाउंट जबरन बंद करवा दिए गए थे ।
भारतीय कानून को लेकर एक्स की प्रतिक्रिया
भारत सरकार ने कार्यकारी आदेश जारी किए हैं, जिसमें एक्स को विशिष्ट खातों और पोस्टों पर कार्रवाई करने की आवश्यकता है, जो महत्वपूर्ण जुर्माना और कारावास सहित संभावित दंड के अधीन है।
आदेशों के अनुपालन में, हम इन खातों और पोस्टों को केवल भारत में रोक देंगे; हालाँकि, हम इन कार्रवाइयों से असहमत हैं और मानते हैं कि अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता इन पदों तक विस्तारित होनी चाहिए।
हमारी स्थिति के अनुरूप, भारत सरकार के अवरुद्ध आदेशों को चुनौती देने वाली एक रिट अपील लंबित है। हमने अपनी नीतियों के अनुसार प्रभावित उपयोगकर्ताओं को इन कार्रवाइयों की सूचना भी प्रदान की है।
कानूनी प्रतिबंधों के कारण, हम कार्यकारी आदेशों को प्रकाशित करने में असमर्थ हैं, लेकिन हमारा मानना है कि पारदर्शिता के लिए उन्हें सार्वजनिक करना आवश्यक है। प्रकटीकरण की इस कमी के कारण जवाबदेही की कमी और मनमाने ढंग से निर्णय लेने की क्षमता में कमी आ सकती है।
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