हरियाणा में अब कोचिंग देना नहीं रहेगा आसन ,करना पड़ेगा रजिस्ट्रेशन
खबरी प्रशाद चंडीगढ़ केशव माहेश्वरी
आने वाले बजट सत्र में हरियाणा सरकार कुकुरमुते की तरह फैले कोचिंग संस्थानों की मनमानी पर लगाम लगाने जा रही है । और इसी बजट सत्र में कोचिंग संस्थानों के लिए नया कानून लाने की तैयारी हो रही है जिसमें जुर्माने के साथ-साथ कोचिंग संस्थान का रजिस्ट्रेशन रद्द भी किया जा सकता है ।
पहले आपको बताते हैं आखिर इस की कानून की जरूरत क्यों पड़ी
आए दिन हमें अखबारों में और सोशल मीडिया पर विभिन्न कोचिंग संस्थानों के एडवर्टाइजमेंट दिखाई पड़ते जिसमें वह एक दूसरे से अपने आप को अच्छा दिखने की कोशिश करते हैं और अपने पुराने छात्रों की फोटो और वीडियो भी शेयर करते और बताते हैं कि हम ही सबसे अच्छे हैं । हमारी कोचिंग में पढ़े हुए बच्चे सबसे ज्यादा पास होते हैं इस तरह के इश्तहार नजर आते हैं जो कहीं ना कहीं लोगों को भ्रमित करते हैं और इससे बच्चों के साथ-साथ अभिभावकों के दिमाग पर साइकोलॉजिकल असर पड़ता है ।
क्या आ रहा नए कानून में
नए कानून के अनुसार सबसे पहले तो किसी भी कोचिंग संस्थान को चाहे वह घर में चले या व्यावसायिक स्थान पर उसको रजिस्ट्रेशन करना ही होगा ।
रजिस्ट्रेशन के बाद में हर एक इंस्टिट्यूट को एक साइकोलॉजिस्ट यानी मनोवैज्ञानिक रखना होगा ।
इंस्टिट्यूट छात्रों को अच्छे नंबर दिलाने वाले वादे जैसे इश्तहार नहीं दे सकेंगे ।
इंस्टिट्यूट ही बच्चों के मानसिक विकास पर भी ध्यान रखेगा ।
पुराने किसी भी छात्र के बारे में गुमराह करने वाला दावा नहीं किया जा सकेगा ।
छात्रों को जो अध्यापक पढ़ाएंगे उनकी योग्यता कम से कम ग्रेजुएशन होनी ही चाहिए ।
यदि किसी भी नियम का पालन नहीं होता है तो पहली बार 25000 का जुर्माना और दूसरी बार गलती पकड़े जाने पर कोचिंग इंस्टिट्यूट का रजिस्ट्रेशन रद्द कर दिया जाएगा मगर उसके पहले उसको कारण बताओं नोटिस और सुनवाई का मौका भी मिलेगा ।
कानून का क्या पड़ेगा लोगों पर असर
आने वाले नए कानून को लेकर कोचिंग संस्थान के कई मालिकों से जब हमने बात की तो कई लोगों का कहना था अभी उनको इस बारे में जानकारी नहीं है मगर जो जानकारी हमारे ( खबरी प्रशाद द्वारा ) उनको दी जा रही है उसके आधार पर उन्होंने बताया कि यह पूरी तरीके से गलत है इस कानून से कहीं ना कहीं बेरोजगारी बढ़ेगी । क्योंकि कभी-कभी ऐसी स्थिति होती की एक सामान्य घर का बच्चा जो किसी कारणवश पढ़ाई नहीं कर पाया अपने परिवार को चलाने के लिए घर में या किसी कोचिंग संस्थान में नौकरी कर लेता है तो कानून के आने के बाद में कोचिंग संचालक उसको नौकरी से निकलेंगे और ना ही वह अपने घर में रोजगार कर पाएगा तो कहीं ना कहीं यह कानून बेरोजगारी को बढ़ावा देने वाला साबित होगा । इसके साथ-साथ बहुत सी महिलाएं या बच्चियों अपने घरों में ट्यूशन भी देती हैं और अपने परिवार की कमाई में साथ देती हैं तो इस कानून के आने के बाद उन पर भी असर पड़ेगा ।
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