राजनीति से नही “मसीह नीति” से बना बीजेपी का मेयर
36 वोट गिनने में प्रीसाइडिंग ऑफीसर ने किया गड़बड़ झाला और बन गया बीजेपी का मेयर : भगवंत मान, मुख्यमंत्री पंजाब
आश्चर्य की बात यह, बीजेपी के 16 के 16 वोट सही, मगर गठबंधन के 8 वोट रद्द कैसे हो गए : प्रेम गर्ग नेता आप चंडीगढ़
प्रीसाइडिंग ऑफीसर अनिल मसीह पर हो राष्ट्रद्रोह का केस दर्ज : राघव चड्ढा
चाहे ईवीएम से चुनाव कर लो या बैलेट पेपर से, गड़बड़ झाला करके जीतना बीजेपी को ही है : गुरप्रीत गाबी, डिप्टी मेयर पद उम्मीदवार
पंजाब हरियाणा हाई कोर्ट में इस काउंटिंग की हम ले जायेंगे वीडियो रिकॉर्डिंग और वहीं से हमें मिलेगा न्याय : राघव चड्ढा
आखिरकार वही हुआ जिसका गठबंधन के नेताओं को अंतिम समय तक डर सताता रहा। गठबंधन के नेता कहते रहे यह बीजेपी है चुनाव जीतने के लिए कुछ भी कर सकती है और हुआ भी वैसा ही वह भी तब जब भाजपा मेयर उम्मीदवार के पास में कल 15 वोट से मगर फिर भी जीत उन्होंने ही हासिल की जबकि गठबंधन के उम्मीदवार कुलदीप टीटा के पास 20 वोट थे। लेकिन कुलदीप की जीत में आड़े आ गई अनिल मसीह की वह कलम जिससे वह वैलेट पेपर पर कुछ अलग तरह से निशान बनाते हुए नजर आ रहे हैं जिसके वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे हैं। मजे की बात तो यह कि चुनाव के पहले ही भारतीय जनता पार्टी के नेता कहते थे कि मेयर हमारा ( बीजेपी ) ही बनेगा और मेयर भारतीय जनता पार्टी का ही बना। जब मीडिया कर्मी भारतीय जनता पार्टी के सभी बड़े नेताओं से इस बात को लेकर सवाल पूछते थे कि बहुमत आपके पास नहीं है तो किस तरीके से आपका मेयर बनेगा तो उस समय तो सवाल का जवाब नहीं मिलता था। मगर आज चुनाव के दौरान इस बात का भी जवाब सीसीटीवी कैमरे की फुटेज में रिकॉर्ड हो गया कि भारतीय जनता पार्टी ने अपना मेयर किस तरीके से बनाया है।
जो हमने किया वही सही, मानो तो तुम्हारी मर्जी ना मानो तो तुम्हारी मर्जी
एक प्रसिद्ध सीसीटीवी कंपनी का स्लोगन है, ऊपर वाला सब देख रहा है। आज उस समय पूरी तरीके से सही साबित हो गया जब चुनाव प्रक्रिया संपन्न होने के बाद प्रीसाइडिंग ऑफीसर अनिल मसीह ने मेयर पद के चुनाव लड़ रहे दोनों उम्मीदवारों के नामित सदस्यों के बिना ही वोटिंग डब्बा खोल करके खुद ही गिनती कर दी और खुद ही वोट रद्द बता दिए। ना तो बीजेपी के उम्मीदवार ना ही गठबंधन के उम्मीदवार को इस पूरी प्रक्रिया के दौरान बुलाया गया। जबकि गठबंधन के उम्मीदवार के साथ-साथ कई सदस्य भी इस प्रक्रिया पर सवाल उठाते ही रह गए।
साफ सुथरी चुनाव प्रक्रिया के लिए क्या है नियम?
चुनाव आयोग के नियमानुसार जब चुनाव प्रक्रिया शुरू होती है तो उम्मीदवारों से उनके नामित सदस्यों के नाम पूछ लिए जाते हैं और वही चुनाव प्रक्रिया खत्म होने के बाद में उन्हीं के सामने कुल पड़े वोटो की गिनती की जाती है। मगर हैरानी की बात तो यह रही की चंडीगढ़ नगर निगम के मेयर चुनाव में इस पूरी प्रक्रिया का कहीं पर भी पालन नहीं हुआ। वोटिंग खत्म होने के बाद कांग्रेस की पार्षद गुरबख्श रावत ने इस बात को लेकर एतराज भी जताया। मगर प्रीसाइडिंग ऑफीसर अनिल मसीह जो कि भारतीय जनता पार्टी के माइनॉरिटी सेल के सदस्य हैं और निगम में नॉमिनेटेड काउंसलर भी है। शायद उनके उपर भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार को जितवाने का दबाव रहा होगा। तभी जितने भी वोट रद्द हुए हैं वह सारे के सारे गठबंधन उम्मीदवार के कोटे से रद्द हुए हैं, एक भी वोट भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार का रद्द नहीं हुआ। शायद वोटो को रद्द करने के लिए ऊपर से आदेश आया रहा होगा। इतिहास बताता है कि जिस किसी भी व्यक्ति ने चुनावी प्रक्रिया में भारतीय जनता पार्टी की जितवाने में मदद की है उसको उसका इनाम जरूर मिला है तो आने वाले वक्त में अनिल मसीह को भी इस चुनाव का इनाम जरूर मिलेगा।
चुनाव चाहे किसी भी माध्यम से हो गड़बड़ झाला करके जीतेगी बीजेपी ही
भारत में वर्तमान में चुनावी प्रक्रिया इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन से होती है और लगातार विपक्ष की यह मांग रहती है की चुनाव पुरानी प्रक्रिया के अनुसार बैलेट पेपर से करवाए जाएं। मगर आज जो कुछ भी हुआ उससे तो ऐसा लगता है की चुनाव किसी भी प्रक्रिया से करवाया जाए बीजेपी ने गड़बड़ झाला करके चुनाव जीत ही लेना है। यह कहना है नगर निगम के सीनियर डिप्टी मेयर पद के उम्मीदवार गुरप्रीत गाबी का।
पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने मीडिया कर्मियों को डेमो करके दिखाया कैसे किया गड़बड़ झाला
गठबंधन के उम्मीदवार अपनी जीत को निश्चित मानकर बैठे हुए थे मगर कहीं ना कहीं मन में डर जरूर था। भारतीय जनता पार्टी का मेयर पद पर कब्जा होने के बाद पूरा विपक्ष सन्नाटे में पहुंच गया। पंजाब के मुख्यमंत्री भगवत मान ने मीडिया कर्मियों को आज हुई चंडीगढ़ मेयर चुनाव की भीम का डेमो करके दिखाया कि किस तरीके से अनिल मसीह ने सिर्फ और सिर्फ गठबंधन के उम्मीदवार को जाने वाले वोट पर ही क्रॉस लगाया जबकि भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार को मिले वोट पर किसी प्रकार का कोई भी क्रॉस निशान नहीं लगाया गया। तो क्या गठबंधन के उम्मीदवारों को वोट देना नहीं आता यह भी सवाल मुख्यमंत्री भगवान मान ने कड़े शब्दों में पूछा।
एक बार फिर मेयर चुनाव हाई कोर्ट की शरण मे
मेयर चुनाव में धांधली की शिकायत को लेकर गठबंधन के उम्मीदवार कुलदीप टीटा ने पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट में इस चुनाव कि गलत प्रक्रिया को लेकर याचिका दायर की है। इस पर सुनवाई आज सुबह 10:30 बजे होने की संभावना है। आपको बता दें इसके पहले भी इस बार मेयर चुनाव पंजाब हरियाणा हाई कोर्ट के आदेश पर ही प्रशासन को करवाना पड़ा है वरना प्रशासन की इच्छा तो 6 फरवरी को चुनाव करवाने की थी।
कई भाजपा कार्यकर्ताओं और नेताओं ने कहा, यह तरीका गलत
बड़े आश्चर्य की बात तो यह है कि भारतीय जनता पार्टी के अंदर से ही आज इस बात को लेकर सवाल खड़े किए गए हैं। कई कार्यकर्ताओं ने नाम न छापने की शर्त पर कहा कि जिस तरीके से चंडीगढ़ में मेयर चुनाव जीत गया है यह पूरी तरीके से गलत है। उनका कहना था कि इस तरीके से तो ऐसा लगता है कि भाजपा कभी चुनाव हारेगी ही नहीं। कई कार्यकर्ताओं ने हमसे कहा कि हम भाजपा में है जरूर मगर हम आज के इस चुनाव का समर्थन बिल्कुल भी नहीं करते। मगर साथ ही साथ गुजारिश भी की भाई साहब आप हमारा नाम बिल्कुल भी मत छाप देना। सिर्फ चंडीगढ़ के ही नहीं बगल के ही शहर पंचकूला और मोहाली के कार्यकर्ताओं की भी यही आवाज़ रही।
नियम के तहत कराए हैं मैं चुनाव अनिल मसीह प्रीसाइडिंग ऑफिसर
वहीं मेयर चुनाव में प्रीसाइडिंग ऑफिसर रहे अनिल मसीह ने अपने ऊपर लग रहे सभी आरोपी को सिरे से खारिज कर दिया है। उनका कहना है कि जो भी चुनाव का रिजल्ट आया है वह पूरी चुनावी प्रक्रिया के बाद निष्पक्ष तौर पर दिया गया है। मेरे ऊपर लगाए गए सभी आरोपी को मैं खारिज करता हूं और यह विपक्ष का काम है वह आरोप ही लगाते हैं। अपने पार्षदों को अगर उन्हें सही तरीके से सिखाया होता कि किस तरीके से वोट डाला जाना है तो वोट रिजेक्ट नहीं होता।
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