I N D I A गठबंधन : अभी तो बारात चढ़ी भी नहीं , कि बाराती बिदकने लगे !!
ठेठ गांव की यह कहावत इंडिया गठबंधन पर पूरी तरीके से चरितार्थ होती है । मोदी सरकार को हराने के लिए विपक्षी दलों द्वारा 28 पार्टियों ने मिलकर एक गठबंधन का ऐलान किया था । जिसका शाब्दिक अर्थ था इंडिया । गठबंधन में शामिल सभी पार्टियों का सिर्फ और सिर्फ एक ही उद्देश्य था कि मोदी सरकार को सत्ता से उखाड़ फेंकना । मगर ऐसा लगता है की गठबंधन का उद्देश्य सिर्फ और सिर्फ सपना बनकर रह जाएगा । क्योंकि धीरे-धीरे हालात ऐसे बनते जा रहे हैं की गठबंधन में शामिल हर कोई अपने आप को कमतर समझने को तैयार ही नहीं है । अगर इसको शुद्ध देहाती या गांव की भाषा में कहा जाए तो बिल्कुल उसी तरीके से है कि जैसे किसी शादी में फूफा नाराज हो जाते हैं । कुछ ऐसी ही हालत गठबंधन में शामिल पार्टियों के नेताओं में चल रही है ।
पंजाब में आम आदमी पार्टी ने कर दिया ऐलान
इंडिया गठबंधन में शामिल आम आदमी पार्टी का चंडीगढ़ में मेयर चुनाव को लेकर तो एलाइंस हो गया है । चंडीगढ़ में मेयर चुनाव के लिए आम आदमी पार्टी और कांग्रेस एक साथ मिलकर पहली बार भाजपा के प्रत्याशी को हराने उतरे हुए हैं मगर मिल रही जानकारी के अनुसार लोकसभा चुनाव के लिए आम आदमी पार्टी सभी 13 सीटों पर चुनाव लड़ने का मन बना चुकी है और इंडिया गठबंधन को संभावित इस बात की भनक भी लग चुकी है कि आम आदमी पार्टी पंजाब में अकेले चुनाव लड़ने उतरेगी अगर ऐसा होता है तो इंडिया गठबंधन में शामिल कांग्रेस का क्या होगा और क्या कांग्रेस के नेता आम आदमी पार्टी के खिलाफ बोल पाएंगे या आम आदमी पार्टी के नेता कांग्रेस के खिलाफ राज्य में बोल पाएंगे यह भी एक बड़ा सवाल है ।
पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी ने कर दिया ऐलान
सिर्फ पंजाब में आम आदमी पार्टी ही नहीं पश्चिम बंगाल में इंडिया गठबंधन में शामिल तृणमूल कांग्रेस की मुखिया ममता बनर्जी ने इंडिया गठबंधन से अलग कदम उठाकर कह दिया है कि वह पश्चिम बंगाल में अपने दम पर चुनाव लड़ेगी । ममता बनर्जी ने कहा मैं इंडिया गठबंधन में तो बनी रहूंगी मगर पश्चिम बंगाल में चुनाव अकेले लडूंगी । क्योंकि कांग्रेस ने सीट शेयरिंग को लेकर मेरा प्रस्ताव ठुकरा दिया है । इसको भी अगर ठेठ गांव की भाषा में कहें तो बिल्कुल उसी तरीके से किसी बारात में बुआ जी काम शगुन मिला है उसे पर नाक फूला कर बैठ जाती हैं , और फिर सारा घर बुआ को मनाने में लग जाता है ।
आपको बता दे आखिर तृणमूल कांग्रेस ने पश्चिम बंगाल में अकेले लड़ने का फैसला किया क्यों दरअसल कांग्रेस लोकसभा चुनाव में पश्चिम बंगाल में करीब करीब 12 सीटों की मांग कर रही है जबकि तृणमूल दो या तीन सीट देने पर ही अड़ी है । यह दो सीटे वही सीटे हैं जिन्हें 2019 में कांग्रेस ने जीता था तो तृणमूल का कहना है कि दो सीटे आप में जीती थी सिर्फ वही दो सिम आप ले लीजिए ।
उत्तर प्रदेश में भी इंडिया गठबंधन में सब कुछ ठीक नहीं
पंजाब के बाद पश्चिम बंगाल और पश्चिम बंगाल के बाद में इंडिया गठबंधन की गाड़ी उत्तर प्रदेश में भी जाकर हिचकुले खा रही है । यहां पर भी मामला समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव के बीच में अटका हुआ है हालांकि अभी यह मामला खुलकर सामने नहीं आया है मगर जिस तरीके से पंजाब और पश्चिम बंगाल ने आज लाल आंखें इंडिया गठबंधन को दिखाई है तो समाजवादी पार्टी का तो टोपी का रंग ही लाल है वह तो लाल रंग कभी भी दिखा सकते हैं ।
भाजपा समझाएगी वोटरों को की चुनाव के पहले यह हाल तो जीतेंगे तो क्या होगा
इंडिया गठबंधन में चल रही उठा पटक को लेकर भारतीय जनता पार्टी के नेता बहुत खुश हैं हालांकि वह खुलकर इस मामले पर कुछ बोलते नहीं है क्योंकि उनका कहना है यह उनका अंदरूनी मामला है मगर उनको पता है कि जितना वह लड़ेंगे उतना ही उनका फायदा होने वाला है । तो भाजपा के नेता प्रभु श्री राम से राम राज्य में भी इंडिया गठबंधन के नेताओं के बीच झगड़े की मांग करते हुए नजर आ जाए तो कोई आश्चर्य की बात नहीं होगी ।
कुल मिलाकर ठेठ देहाती गांव की भाषा में अगर कहा जाए तो बारात चढ़ने के पहले ही अगर किसी बारात में झगड़ा हो जाए तो उस विवाह के सफल होने की संभावना कम होती है । बाकि जनता खुद समझदार है क्योंकि यह पब्लिक है सब कुछ जानती है ।
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