चंडीगढ़ बीजेपी असमंजस में फंसी , शायद इस बार श्रीराम भी ना बचा पाए नाव
चंडीगढ़ बीजेपी पिछले कई सालों के बाद असमंजस की स्थिति में पहुंच चुकी है । ड्रामा ही कुछ ऐसा चल रहा है । इंडिया गठबंधन की आहट का शोर सुनकर आनन फानन मे बीजेपी ने aap का एक पार्षद तोड़कर अपने गुट में शामिल कराया । मगर शेर के मुंह से बकरी छीनना वाले मुहावरे को चरितार्थ करते हुए पहली बार aap नेताओ ने बीजेपी का एक पार्षद तोड़कर ये जता दिया कि बाबू मोशाय ये खेल हमने तुमसे ही सीखा है । यह सारी बातें आपको पता ही है । तो नया क्या है इसमें ? बिलकुल आप सही सोच रहे है । अब आगे पढ़ते रहिए कि नया क्या होने वाला है । सिर्फ पढ़िए ही मत , पढ़ने के बाद दुसरो को भेज भी दीजिए ।
तो नया समीकरण , जो बीजेपी को हराने के लिए हो सकता है तैयार
फिलहाल मेयर पद के लिए कांग्रेस , बीजेपी & aap ने अपने उम्मीदवार उतार कर चुनाव को त्रिकोणीय बना दिया है । तो ऐसी स्थिति में बीजेपी का उम्मीदवार जीतेगा कैसे । जबकि भाजपा नेता अपनी जीत को पूरी तरह मानकर अस्वस्त हो रखे हैं कि इस बार भी मेयर बीजेपी का ही बनने जा रहा है । मगर पर्दे के पीछे खेल कुछ और चल रहा हो सकता है ।
आम आदमी पार्टी और कांग्रेस से की दिल्ली दरबार से जुड़े सूत्रों से जो हमें जानकारी मिली है ,वह कुछ इस तरह से मिल रही है कि पहले तो मुकाबला तीनों पार्टियों के बीच में होगा । हालांकि इंडिया गठबंधन में आम आदमी पार्टी और कांग्रेस दोनों शामिल है । तो क्या गठबंधन नहीं होगा ? संभवतह मेयर चुनाव के लिए आम आदमी पार्टी और कांग्रेस में गठबंधन नहीं होगा मगर दोनों एक दूसरे के कैंडिडेट को सपोर्ट करेंगे । ऐसी स्थिति में चुनाव त्रिकोणीय होगा और निश्चित तौर पर कांग्रेस वोटिंग की स्थिति में बाहर हो जाएगी । क्योंकि कांग्रेस के पास सात पार्षद है , ऐसी स्थिति में दोबारा वोटिंग होगी और उस स्थिति में कांग्रेस के पास आम आदमी पार्टी के मेयर कैंडिडेट को समर्थन देने का चांस हो जाएगा । तो इस तरह इंडिया गठबंधन का धर्म भी नही टूटेगा और बीजेपी को गठबंधन के नेता पटखनी भी दे देंगे । क्योंकि इंडिया ( विपक्षी नेताओं / पार्टियों का ) गठबंधन लोकसभा चुनाव के लिए हुआ है ना कि मेयर चुनाव के लिए ।
अगर ऐसा होता है तो बीजेपी के पास क्या है चांस ?
हमारे पक्के इनपुट / सूत्र के अनुसार अगर ऐसा ही हो जाता है तो ऐसी स्थिति में भाजपा अपना मेयर नहीं बना पाएगी । मगर यह भारतीय जनता पार्टी है , जिसका नारा है मोदी है तो मुमकिन है । भारतीय जनता पार्टी के नेता कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के पार्षदों के वोट क्रॉस करवाने की कोशिश करेंगे । जैसा विगत वर्षों में होता आया है । मगर अब यह उतना आसान नहीं है क्योंकि चंडीगढ़ भाजपा के अंदरूनी सूत्र बताते हैं कि कई कार्यकर्ता नए अध्यक्ष के कार्यशैली से संतुष्ट नहीं है । हो सकता है कि जिस पार्षद ने भाजपा छोड़ी है , उसकी aap ज्वाइनिंग मे किसी बीजेपी कार्यकर्ता का ही हाथ हो । यह बीजेपी के केंद्रीय नेतृत्व के लिए जांच का विषय हो सकता है ।
Aap के बड़े नेता का दावा , कि अबकी बार भाजपा के 2 पार्षद करेंगे क्रॉस वोट
एक पार्षद को भाजपा से तोड़कर आम आदमी पार्टी ज्वाइन करने के बाद आम आदमी पार्टी के नेता भी अब फुल फॉर्म में नजर आ रहे हैं । यही वजह है कि उनका दावा है की अबकी बार बीजेपी के पार्षद भी क्रॉस वोट करेंगे । हालांकि यह दावा है । क्रॉस वोट होगा या नहीं होगा , इसका पता तो वोटिंग वाले दिन ही चलेगा । लेकिन अगर मान ले कि aap भाजपा के पार्षद गुट मे सेंधमारी करने मे कामयाब हो जाती है , तो इसकी गूंज चंडीगढ़ से लेकर दिल्ली तक जाएगी । और असर लोकसभा चुनाव पर भी पड़ेगा ।
तो करिए इस पॉलिटिकल थ्रिलर ड्रामे का इंतजार सिर्फ 18 जनवरी तक , क्योंकि 18 जनवरी को इस पूरे नाटक से पर्दा उठ जाएगा । आम आदमी पार्टी और कांग्रेस में गठबंधन होगा या नहीं होगा और अगर नहीं होगा तो क्या कांग्रेस aap के उम्मीदवार को समर्थन करके बीजेपी को हराएगी या फिर जैसा आम आदमी पार्टी के नेता का दावा है बीजेपी के दो पार्षद वोट क्रॉस करेंगे और आम आदमी पार्टी का मेयर बनेगा ।
Leave a Reply
Want to join the discussion?Feel free to contribute!