यह खेल नहीं आसान , बस इतना समझ लीजिए ,इक कुर्सी का मसला है ,और जीत कर आना है
मेयर चुनाव के पहले चंडीगढ़ में बड़ा पॉलिटिकल ड्रामा
भाजपा ने बिल्लू लिया ,और काला दिया
चंडीगढ़ में 18 जनवरी को होने वाले मेयर चुनाव में अगर इंडिया गठबंधन में शामिल आम आदमी पार्टी और कांग्रेस इकट्ठी हो गई तो निश्चित तौर पर इस बार भारतीय जनता पार्टी का मेयर नहीं बनने जा रहा। अगर ऐसा हो जाता है तो यह लोकसभा चुनाव के पहले चंडीगढ़ भारतीय जनता पार्टी की बड़ी किरकिरी होगी। आपको बताते चलें अभी 2 दिन पहले ही भारतीय जनता पार्टी ने आम आदमी पार्टी के वार्ड 31 से पार्षद बिल्लू को अपने खेमे में शामिल किया था। मगर ईंट का जवाब पत्थर से देते हुए आम आदमी पार्टी ने पिछले 10 साल के इतिहास में ऐतिहासिक घटना करते हुए भारतीय जनता पार्टी के पार्षद गुरचरण सिंह काला को अपनी पार्टी में शामिल करवा लिया। हालांकि कल ही सभी मीडिया अखबारों में इस बात की खबर छप गई थी कि भारतीय जनता पार्टी का एक पार्षद बीजेपी हाई कमान के संपर्क में नहीं है। तब भाजपा अध्यक्ष जितेंद्र मल्होत्रा ने कहा था ऐसा कुछ भी नहीं है, हमारे सारे पार्षद मेरे संपर्क में है। मगर आज इस दावे की पोल तब खुल गई जब गुरु चरण सिंह काला ने आम आदमी पार्टी ज्वाइन कर ली। हालांकि भारतीय जनता पार्टी से जुड़े हुए सूत्र बताते हैं कि पूर्व अध्यक्ष अरुण सूद को गुरुचरण सिंह काला को किसी भी हालत में 18 तारीख के पहले भाजपा ज्वाइन करने का जिम्मा दिया गया है। अब यह पूर्व अध्यक्ष अरुण सूद की भी अग्नि परीक्षा की घड़ी आ गई है। हालांकि भाजपा अपने पार्षद को वापस लाने के लिए साम दाम दंड भेद जैसे सभी उपाय करेगी ही करेगी।
सबने किया नामांकन अब परीक्षा की घड़ी
मेयर चुनाव के लिए आज नामांकन का दिन था और कांग्रेस आम आदमी पार्टी और भारतीय जनता पार्टी की तरफ से मेयर सीनियर डिप्टी मेयर और डिप्टी मेयर पद के लिए नामांकन दाखिल हो गए हैं। इंडिया गठबंधन में शामिल कांग्रेस और आम आदमी पार्टी दोनों की तरफ से उम्मीदवारों ने नामांकन दाखिल किए हैं। ऐसे कयास लगाए जा रहे हैं कि सोमवार शाम तक एक कदम कांग्रेस और एक कदम आम आदमी पार्टी पीछे ले सकती है। इस तरीके से मेयर चुनाव में दोनों मिलकर चुनाव लड़ेंगे ताकि भाजपा को पटखनी दे सकें।
अब इस पॉलिटिकल ड्रामा का द एंड तो 18 जनवरी को ही होगा । भाजपा अपना मेयर बनने के लिए कोई भी रास्ता अपनाने से चूकेगी नहीं और पहली बार इंडिया गठबंधन में शामिल आम आदमी पार्टी ने अपना दमखम दिखाया है तो वह भी मेयर बनाने के लिए कोई भी कसर छोड़ना नहीं चाहेगी ।
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