कांग्रेस ने मंदिर उद्घाटन में जाने से क्यों मना किया ? दीपा दुबे चंडीगढ़ महिला कांग्रेस
चंडीगढ़ महिला कांग्रेस की अध्यक्षा दीपा दुबे ने कहा कि कुछ अल्पज्ञानी और अंधभक्त चिल्ला रहे हैं कि कांग्रेस ने राममंदिर उद्घाटन का बायकॉट किया है। ये खबर आपको भी सुनाई गई होगी, मगर इसका सच क्या है वो जानिए…….
दुबे ने कहा सच ये है कि कांग्रेस पार्टी ने कहा कि राम इस देश के आराध्य हैं। राम की पूजा इस देश के करोड़ों लोग करते हैं। राम कण-कण में वास करते हैं। मगर भाजपा ने राम के नाम पर जो प्रोपेगेंडा तैयार किया है, कांग्रेस उस प्रोपेगेंडा का हिस्सा नहीं बनना चाहती। इसलिए ये निमंत्रण उसे सम्मानसहित अस्वीकार कर रही है।
इसमें राम विरोध की बात कहां से आ गई…. कांग्रेस ने तो बिल्कुल धर्म और संस्कृति के हिसाब से काम किया है। क्योंकि-
खरमास में तो कोई हिंदू रूमाल नहीं खरीदता, शुभ काम करना तो छोड़ ही दीजिए। मगर भाजपा यहां घर-घर मंदिर उद्घाटन का अक्षत और कार्ड खरमास में बांटा जा रहा है।
दीपा ने कहा कि बुजुर्ग और धर्माचार्य कहते हैं कि अर्धनिर्मित मंदिर का उद्घाटन महापाप होता है। मगर यहां यही हो रहा है। प्रधानमंत्री को पता है कि जब तक पूरा मंदिर तैयार होगा, तब तक 2024 का चुनाव बीत जाएगा। राम के नाम पर वोट नहीं मांग पाएंगे। इसीलिए आधे-अधूरे मंदिर का उद्घाटन कर हिंदू धर्म की परंपरा को तोड़ा जा रहा है।
दुबे ने बोलो की शास्त्रों में साफ लिखा है कि मंदिर में प्राणप्रतिष्ठा धर्म,शास्त्र और पुराणों का ज्ञान रखने वाले धर्माचार्य को ही करना चाहिए। मगर यहां धर्माचार्य तो छोड़िए, चारों शंकराचार्यों को भी कोई नहीं पूछ रहा है। धर्म के नाम पर ज्ञान देने वाले लोग भी चुप हैं। ये कोई बता सकता है कि मोदी किस हैसियत से प्राण प्रतिष्ठा कर रहे हैं, धर्म और शास्त्र के कितने बड़े ज्ञानी हैं कि वो मंदिर का उद्घाटन कर रहे हैं। .जिस निर्मोही अखाड़े ने सदियों से राम लला का पूजन किया, उस अखाड़े को दरकिनार कर उनका अधिकार क्यों छीना गया?
ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय कहते हैं कि मंदिर रामानंद संप्रदाय का है, शैव शाक्त और संन्यासियों का नहीं है। मतलब राम की पूजा शैव,शाक्त एवं सन्यांसी नहीं कर सकते। जबकि भगवान राम के सबसे अनन्य भक्त और महकवि तुलसीदास ने कहा है कि- लिंग थापि बिधिवत करि पूजा। शिव समान प्रिय मोहि न दूजा।।
शिव द्रोही मम भगत कहावा। सो नर सपनेहुँ मोहि न पावा।।
अर्थात भगवान राम स्वयं कहते हैं कि जो व्यक्ति शंकर को नहीं मानता, वो उन्हें सपने में भी नहीं पा सकता। क्योंकि राम को शिव सबसे प्रिय हैं।
अब ये बात चंपत राय को कौन समझाए…
दीपा दुबे ने कहा कि हिंदू धर्म के सबसे बड़े ध्वजवाहक यानी चारो शंकराचार्यों ने भी मंदिर उद्घाटन में जाने से मना कर दिया। उन्होंने साफ-साफ कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने हिंदू समाज को मूर्ख बनाने और 2024 चुनाव से पहले प्रोपेगेंडा फैलाने के लिए इस कार्यक्रम का आयोजन किया है।
अंत में महिला कांग्रेस की अध्यक्षा ने कहा अब देश की जनता खुद तय कर गई कि कौन सही है कौन गलत ?
Leave a Reply
Want to join the discussion?Feel free to contribute!