पंचकूला वासियों बटवाओ मिठाई और बजाओ ढोल क्योंकि स्वच्छता रैंकिंग में शहर 139 वे स्थान पर , दिल खोलकर करो स्वागत
करोड़ों रुपए खर्च होने के बाद मिली है यह रैंकिंग
सफाई व्यवस्था निम्नतम स्तर पर
139 वां स्थान तब ,जब सात सरोकार शहर में है लागू
पंचकूला शहर की गाड़ी में चारों पहिए बीजेपी के
कही चुनाव मे जनता हमारी रैंकिंग ना गिरा दे : बीजेपी से चुनाव लड़ने के इच्छुक एक नेताजी
देशभर की स्वच्छता रैंकिंग के नतीजे कल जारी हो गए हैं । जहां इंदौर ने लगातार सातवीं बार देश में पहला स्थान प्राप्त किया है तो चंडीगढ़ ने सफाई मित्र में पूरे देश में पहला स्थान प्राप्त किया है । और भी कई शहर है जिन्होंने अपनी स्वच्छता रैंकिंग में सुधार किया है । तो वहीं कुछ शहर ऐसे भी है जिनकी स्वच्छता रैंकिंग पिछली बार से इस बार नीचे गिर गई है । इन्हीं में एक शहर का नाम है हरियाणा का पंचकूला
53 रैंक गिरी पंचकूला शहर की स्वच्छता रैंकिंग पहुंची 139 पर
हरियाणा का पंचकूला शहर टॉप के शहरों में माना जाता है । पहला कारण तो यह चंडीगढ़ के नजदीकी है । दूसरा कारण मुख्यमंत्री के साथ-साथ अलग-अलग मंत्रियों का इस शहर में आना-जाना रहता है । तीसरा कारण हरियाणा के लगभग सभी विभागों के मुख्यालय पंचकूला में ही है । और चौथा कारण केंद्र में भी बीजेपी हरियाणा में भी भाजपा विधायक भी भाजपा का और मेयर भी भाजपा का । चुनाव के वक्त इस शहर में रहने वाले लोगों को सपने दिखाए गए थे कि इस शहर को विदेश की तर्ज पर बसाया जाएगा । मगर क्या ऐसा हुआ क्या पंचकूला विदेश की तर्ज पर प्रगति कर रहा है ? कागजों में जरूर हो सकता है पंचकूला विकास की राह पर दौड़ रहा हो मगर जमीनी हकीकत पंचकूला शहर की कहानी कुछ और ही बयां करती है । टूटी सड़के , कई सेक्टरों में कूड़े एवं गंदगी के ढेर लगे होना पंचकूला की शानो शौकत में चार चांद लगाते हैं । 16 सितंबर को हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने जन संवाद कार्यक्रम किया था उसे कार्यक्रम में खुद मुख्यमंत्री ने पंचकूला की सड़कों को लेकर कहा था कि पंचकूला की सड़क खराब है और वहां पर उन्होंने कमिश्नर से पूछा था कि कितने दिन में यह सड़के सही हो जाएंगे तो कमिश्नर का कहना था 30 दिन के अंदर हम पंचकूला के सड़कों की हालत सुधार देंगे । मगर 110 दिन बीत जाने के बाद भी पंचकूला की सड़कों की हालात और सुधारने के बजाय बदतर ही हुई है । पंचकूला में घर-घर से कूड़ा उठाने के लिए जो एजेंसी है उसे पर भी अक्सर आरोप लगाते हैं कि सही तरीके से वह काम नहीं कर रही है मगर सत्ता के करीबी लोगों का सिर पर हाथ होने की वजह से इस एजेंसी पर आज तक कोई कार्रवाई नहीं हो पा रही है ।
विधायक जी के सात सरोकार ,मगर ,,,,,
पंचकूला से विधायक एवं हरियाणा के विधानसभा स्पीकर का सपना है कि पंचकूला साफ सुथरा और सुंदर शहर बने । इसके लिए विधायक जी अपने शहर में साथ सरोकार लागू करवाने की पूरी कोशिश की है मगर यह कोशिश सिर्फ मीटिंगों तक ही नजर आती है जमीनी हकीकत से यह साथ सरोकार कोसों दूर नजर आते हैं । अब आपको बताते हैं कि विधायक जी के साथ सरोकार है क्या।
पंचकूला को नशा मुक्त करना पंचकूला को कैटल फ्री करना पंचकूला को प्लास्टिक फ्री करना
पंचकूला को आवारा कुत्तों से निजात दिलाना
पंचकूला को प्रदूषण मुक्त करना
पंचकूला को अतिक्रमण से मुक्त करना
हमारी रैंकिंग जरूर कम हुई है , मगर हमारे नंबर बढे हैं : मेयर कुलभूषण गोयल
गिरती रैंकिंग को लेकर पंचकूला के मेयर कुलभूषण गोयल का कहना है कि पिछली बार की तुलना मे स्वच्छता रैंकिंग में हमारे नंबर ज्यादा आए हैं । यह जरूर है कि हमारी रैंकिंग पिछली बार से कम हुई है मगर अगली बार हम इसमें सुधार करेंगे । पिछली बार पंचकूला के 4200 नंबर आए थे जबकि इस बार 5200 नंबर स्वच्छता रैंकिंग में पंचकूला को मिले हैं ।
करोड़ों रुपए खर्चने के बावजूद भी स्वच्छता रैंकिंग नीचे जाना चिंताजनक : ओपी सिहाग पूर्व जिला अध्यक्ष जेजेपी
पंचकूला की सुरक्षा रैंकिंग के नीचे जाने को लेकर सत्ता में ही सहयोगी दल के पूर्व जिला अध्यक्ष ओपी सिहाग ने कहा की पंचकूला में स्वच्छता अभियान पर करोड़ों रुपए खर्च होते हैं और उसके बावजूद अगर स्वच्छता में रैंकिंग नीचे आ रही है तो यह चिंता जनक है क्या पैसे धरातल पर खर्च हो रहे हैं या फिर पैसे सिर्फ कागजों में खर्च हो रहे हैं ।
इसी साल होने हैं लोकसभा और विधानसभा के चुनाव
लोकसभा चुनाव तो इस साल होने ही है हरियाणा विधानसभा के चुनाव भी इसी साल अक्टूबर में होने हैं । मकर संभावना जताई जा रही है कि इस बार एंटी इनकमबेंसी को देखते हुए हरियाणा सरकार लोकसभा चुनाव के साथ ही विधानसभा के चुनाव करवाने की इच्छुक है । भारतीय जनता पार्टी के ही एक नेता ने हमसे कहा कि अगर यही हाल रहेगा तो कहीं ऐसा ना हो जाए कि हम जिस तरह से स्वच्छता रैंकिंग में नीचे आए हैं चुनावी रैंकिंग में भी नीचे ना चले जाए ।
स्वच्छता रैंकिंग में पिछड़ने पर वार्ड 17 के पार्षद बोले
2023 स्वच्छता के मामले में पंचकुला 86 रैंक से नीचे आता आता 139 रैंक पर आ गया। देखा जाए तो कईं ग़लत आंकलन दिखाए जाने के बाद भी जैसे पब्लिक टॉयलेट 100% साफ़ मार्केट 99% साफ़ दिखाए गए फिर भी यह हाल है।डंपिंग ग्राउंड की इतनी शिकायत करने के बाद भी नगर निगम अधिकारियों द्वारा कोई संज्ञान नहीं लिया जा रहा और उसका साफ़ साफ़ नतीजा इन आँकलों में नज़र आ रहा है जहां डंप साईट्स को 0% दिया गया। मेयर कुलभूषण गोयल द्वारा ना कोई कारवाई करवाई गई और ना ही सफ़ाई के मामले में कोई ठोस बदलाव नज़र आया। बड़े बड़े वादे किए गए मगर सारे आज फेल हो गए। यह जनता के साथ सरासर धोका है। ना ही नगरनिगम के पास और ना ही हरियाणा सरकार के पास इस नाकामयाबी का कोई जवाब है। कईं ग़लत आँकड़े दिखाने के बाद भी यह हाल है तो ना जाने सही दिखाए जाने पर क्या होगा। घर घर से कूड़ा उठाए जाने को 99% अंक दिए जब की नगरनिगम द्वारा आधे से ज़्यादा घरों से आज भी कूड़ा नहीं उठाया जाता और वह प्राइवेट कर्मचारी उठाते है, 2023 में तो घर घर से कूड़ा उठाने के नाम पर केवल अधिकारियों वह ठेकेदार द्वारा पैसों की ख़ानापूर्ति हुई है। यह आँकलन दर्शाता है की नगरनिगम पंचकुला द्वारा केवल जनता के जज़्बातों का खिलवाड़ किया जा रहा है ।
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