पूरा उत्तर भारत शीतलहर की चपेट में ,मगर,शीतलहर पर भारी “आस्था की लहर”
घनी धुंध भी नही रोक पा रही राम भक्तो के पैर
हर जगह चर्चा राम राज्य की
पूरा उत्तर भारत इस समय घने कोहरे एवम शीतलहर की चपेट में है। कहीं-कहीं पर तो पारा माइनस में चल रहा है। हाड कपा देने वाली इस सर्दी में लोग अपने-अपने घरों में रजाई में और हीटर चलाकर अपने आप को गर्म कर करने की कोशिश करते हुए नजर आ रहे हैं । तो वही जो लोग सड़क पर है वो अलाव जला रहे हैं। तो सामाजिक संस्थाएं लोगों को कंबल, जुराबे इत्यादि गर्म चीज बांट रही हैं। प्रशासन की तरफ से सड़क पर घूमने फिरने वाले लोगों के लिए रैन बसेरे की शुरुआत की गई है। डॉक्टरों की तरफ से लोगों को सलाह दी गई है कि आने वाले कुछ दिनों में शीतलहर का प्रकोप ज्यादा रह सकता है तो बच्चे और बुजुर्ग सुबह के वक्त टहलने से बचे क्योंकि यह वक्त ऐसा होता है जब बच्चों को और बुजुर्गों को ठंडक में नुकसान पहुंचाता है। आखिर ऐसा क्या हो रहा कि इस बार की शीतलहर पर आस्था की लहर लोगों पर भारी पड़ रही है । और आस्था भी कोई ऐसी वैसी आस्था नहीं है। लोग घनी धुंध और कोहरे की परवाह किए बिना सड़क पर भगवा ध्वज उठाकर प्रचार कर रहे हैं। हिंदू धर्म की मान्यता के अनुसार 500 साल के बाद भगवान श्री राम की प्राण प्रतिष्ठा का आयोजन अयोध्या में भव्य स्तर पर किया जा रहा है। यही एक सबसे बड़ी वजह है कि इस बार आस्था पर शीत का कोई असर नहीं दिखाई पड़ रहा ।
शीत लहर पर “भारी” राम लहर
भले ही उत्तर भारत में शीत लहर का प्रकोप चल रहा हो, मगर इस बार शीत लहर पर 22 जनवरी को अयोध्या में होने वाले प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम की लहर भारी पड़ रही है। देश का कोई भी कोना, गांव, शहर ऐसा नहीं है जहां पर अयोध्या से भेजे गए अक्षत चावल के साथ भगवान राम का पत्र लोगों के घरों तक पहुंचाए जा रहे हैं। जगह-जगह पर आने वाले कुछ दिनों में भगवान राम को लेकर कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा हैं या किए जाएंगे। कहीं पर पूरे पूरे मोहल्लों को लाइटों से सजाया जा रहा है या सजाए जाने की तैयारी की जा रही है तो कहीं चौक चौराहे पर राम धुन बजाए जाने की तैयारी चल रही है। बीते कल ही रामलाल के पटवारी कहे जाने वाले श्री राम तीर्थ क्षेत्र के महासचिव चंपक राय ने सोशल मीडिया पर देश की जनता से अपील की थी कि 22 जनवरी को अपने-अपने घरों में दीपक जलाएं और अपनी अपनी श्रद्धा अनुसार मंदिरों में लंगर की व्यवस्था करें। वही देश के सभी मंदिरों में 22 जनवरी को होने वाले प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम को लाइव दिखाने की तैयारी भी की जा रही है। 30 दिसंबर को ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अयोध्या में एक जनसभा के दौरान अपील की थी कि मकर संक्रांति के दिन से सभी मंदिरों में सफाई का अभियान छेड़ा जाए ताकि प्राण प्रतिष्ठा वाले दिन तक यानी 22 जनवरी के दिन सभी मंदिरों में साफ सफाई हो जाए ।
तो कहा जा सकता है कि इस बार शीत लहर जरूर है मगर आस्था की लहर शीत लहर पर भारी है।
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