जीत के लिए कांग्रेस को चाहिए “कवच कुंडल”
महाभारत की कथा हम सबको पता है। महाभारत में दानवीर कर्ण हुआ करते थे। दानवीर कर्ण के बारे में प्रचलित था कि उन्होंने कभी किसी को अपने द्वार से खाली नहीं लौटाया क्योंकि उनके पास कवच और कुंडल नाम की शक्ति थी।
क्या है भाजपा के कवच और कुंडल ?
किसी भी चुनाव में , किसी भी पार्टी की कितनी सीटों पर जीत हुई है , यही जीत का पैमाना माना जाता है । और पिछले 8 सालों से भारतीय जनता पार्टी लगभग 80-85 परसेंट नंबर से चुनाव जीतती आ रही है। तो आखिर ऐसा कौन सा कवच और कुंडल भाजपा के पास है जो उसे लगातार चुनाव में जीत दिला रहा है। तो आपको बता देता है कि भारतीय जनता पार्टी में कवच के तौर पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ एवं कुंडल के तौर पर खुद बीजेपी का निचले स्तर तक का संगठन काम करता है। कहा जाता है कि भारतीय जनता पार्टी में टिकट देने से लेकर और मंत्री पद तक राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की ही चलती है। कोई कितना भी बड़ा कद्दावर हो या कोई कितना भी बड़ा पावरफुल, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के आगे सब की पावर जीरो हो जाती है। और संगठन के तौर पर भारतीय जनता पार्टी ने पन्ना प्रमुख तक बना रखे हैं। जो कुंडल का काम करते है । यानी एक पन्ना प्रमुख की जिम्मेदारी अपने आसपास के सभी मकानों तक भारतीय जनता पार्टी की नीतियों को बताने या पहुंचाने की होती है। यहां तक की भारतीय जनता पार्टी के सर्वोच्च नेतृत्व भी पन्ना प्रमुख का काम करते हैं। यही कवच और कुंडल भारतीय जनता पार्टी को चुनाव में जीत दिलाते हैं।
तो कांग्रेस के पास क्या नहीं है कवच और कुंडल ?
ऐसा नहीं है कि कांग्रेस के पास में कवच और कुंडल नहीं है। मगर उसको सही तरीके से उपयोग करने का तरीका शायद कांग्रेस के नेतृत्व और कार्यकर्ता भूल गए है। कुछ समय पहले तक कांग्रेस में भी कांग्रेस सेवा दल हुआ करता था। कांग्रेस सेवा दल आज भी है मगर पुरानी वाली कांग्रेस में और आज की कांग्रेस में बहुत फर्क आ गया है। सबसे पहली बात तो कांग्रेस में एक ऐसे नेतृत्व का अभाव है जिसकी बात ऊपर से लेकर नीचे तक मानी जाए। लगभग सभी राज्यों में कांग्रेस के नेताओं की आपसी लड़ाई जग जाहिर है। हर राज्य के कद्दावर नेता (आज के वक्त में कांग्रेस में हर कोई कद्दावर ही अपने आप को समझता है ) सीधे मुख्यमंत्री बनने का ही सपना देखते हैं। बहुत कम ही ऐसे अवसर नजर आते हैं जब वह इकट्ठे होकर जीत हासिल करने पर विचार विमर्श करते हो। जिस तरह से आम जीवन में या स्कूल में एक बच्चा या एक आम आदमी अपने कंपटीशन रखने वाले व्यक्ति से या संस्था से अच्छी चीजों को सीखता है, कुछ ऐसी ही जरूरत आज के वक्त में कांग्रेस को भी है कि कांग्रेस के कार्यकर्ताओं को अपने समकक्षीय पार्टी जो की लगातार चुनाव जीत रही है सीखने की जरूरत है , भारतीय जनता पार्टी में किस तरीके से नेतृत्व , ऊपर से लेकर नीचे तक कंट्रोल करके रखता है, वैसे ही जरूरत आज कांग्रेस को भी है।
अगर आपस की लड़ाई झगड़ा और फूट को आज भी कांग्रेस दूर कर ले और सेवा दल पर पूरी तरीके से फिर से ध्यान दिया जाए तो यही आने वाले भविष्य के लिए कवच और कुंडल का काम करेंगे ।
Leave a Reply
Want to join the discussion?Feel free to contribute!