बिलकिस बानो केस में सुप्रीम कोर्ट ने पलटा हाई कोर्ट का फैसला दोषियों को मिलेगी सजा
सुप्रीम कोर्ट का मानना है कि 13 मई, 2022 का फैसला (जिसने गुजरात सरकार को दोषी को माफ करने पर विचार करने का निर्देश दिया था) अदालत के साथ “धोखाधड़ी करके” और भौतिक तथ्यों को छिपाकर प्राप्त किया गया था।
बिलकिस बानो केस में सुप्रीम कोर्ट का मानना है कि राज्य, जहां किसी अपराधी पर मुकदमा चलाया जाता है और सजा सुनाई जाती है, वह दोषियों की माफी याचिका पर निर्णय लेने में सक्षम है। सुप्रीम कोर्ट का मानना है कि दोषियों की सजा माफी का आदेश पारित करने के लिए गुजरात राज्य सक्षम नहीं है, बल्कि महाराष्ट्र सरकार सक्षम है।
गुजरात का बहुचर्चित 2002 का बिलकिस बानो कांड पर सुप्रीम कोर्ट ने आज सुबह-सुबह फैसला सुना दिया है । इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने गुजरात हाई कोर्ट का फैसला बदल दिया है जिसमें गुजरात हाई कोर्ट ने दोषियों को माफ करने का निर्देश दिया था ।
आपको बता दे 2002 में मोदी सरकार के दौरान गुजरात में दंगे हुए थे जहां पर सैकड़ो लोगों की जान गई थी । एक वर्ग विशेष के लोगों के दुकान मकान जला दिए गए थे । वहां पर वर्ग विशेष के महिलाओं के साथ अमानवीय कृत्य किए गए थे । ऐसा ही एक केस बिलकिस बानो का था । इस केस में महाराष्ट्र में 11 दोषियों को सजा सुनाई गई थी । मगर गुजरात हाई कोर्ट द्वारा दोषियों की सजा में दिल दे दी गई थी । और कहा था कि दोषियों को मानवता के आधार पर रिहाई सरकार को दे देनी चाहिए ।
आज सोमवार को सुबह लगभग 10:50 पर जस्टिस बीवी नगरत्न और जस्टिस उज्जवल भैया की बेंच ने गुजरात हाई कोर्ट के फैसले को पलट दिया ।
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