प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम के बाद बीजेपी लोकसभा उम्मीदवारों की पहली लिस्ट कर सकती है जारी
भाजपा ने तय किए टिकट काटने के तीन पैमाने
एक चौथाई से ज्यादा उम्मीदवार बदलने पर हो रहा है विचार
लोकसभा चुनाव 2024 की तैयारी का बिगुल बद चुका है । आज हरियाणा के पंचकुला में भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा , हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर , हरियाणा के प्रभारी विप्लव देव एवं पंचकूला से विधायक वा हरियाणा विधानसभा स्पीकर ज्ञानचंद गुप्ता ने रोड शो करके इसकी शुरुआत कर दी । और इस बार भारतीय जनता पार्टी की नजर 400 सीटों पर है इसलिए इस बार भाजपा का नारा है अबकी बार 400 पार ।
रोड शो शुरू करने के लिए पंचकूला को ही क्यों चुना गया ?
हरियाणा में रोड शो शुरू करने के लिए गुरुग्राम या करनाल की बजाय पंचकूला को ही क्यों चुना गया । इस बात को लेकर आज भाजपा कार्यकर्ताओं में भी चर्चा होती रही । गुरुग्राम देश की राजधानी से लगता हुआ है और करनाल खुद मुख्यमंत्री की विधानसभा सीट है । मगर हरियाणा में रोड शो के लिए पंचकूला का चुने जाने से हरियाणा के विधानसभा स्पीकर एवं पंचकूला के विधायक ज्ञानचंद गुप्ता का कद तो बढ़ा ही है । और उन लोगों के माथे पर शिकन आ गई है जो पंचकूला से विधानसभा की टिकट की आस लगाए बैठे हुए थे । पंचकूला को चुने जाने का एक वजह तो यह भी हो सकती है कि पंचकूला हिमाचल से लगता हुआ है और हिमाचल में भारतीय जनता पार्टी की पिछले विधानसभा चुनाव में करारी शिकस्त हुई थी । तो एक यह भी कारण पंचकूला से चुनावी रोड शो शुरू करने का हो सकता है ।
एक चौथाई से ज्यादा उम्मीदवारों के काटेंगे टिकट
लोकसभा चुनाव को लेकर भारतीय जनता पार्टी लगभग एक चौथाई उम्मीदवारों को बदलने पर विचार कर रही है । बहुत ही विश्वसनीय सूत्र के अनुसार टिकट काटने के लिए जो शर्तें भाजपा में तय की जा सकती है उनमें प्रमुख रूप से 70 साल से अधिक उम्र के सांसद , तीन बार से अधिक के सांसद , और टिकट की चाह रखने वाले की पापुलैरिटी आम जनता में कैसी है , जैसी कई शर्तें शामिल की जा सकती है । हालांकि यह भी कहां जा रहा है कि अगर किसी सांसद की लोकप्रियता क्षेत्र में बहुत अच्छी है तो उसे इन नियमों से छूट भी मिल सकती है ।
सबसे पहले किन सीटों के लिए जारी होंगी उम्मीदवारों की लिस्ट
2019 में भारतीय जनता पार्टी को 133 सीट पर पराजय का मुंह देखना पड़ा था । लोकसभा चुनाव 2024 में भाजपा का फोकस इन्हीं 133 सीटों पर सबसे ज्यादा है । 2019 चुनाव में साथ रहे कुछ सहयोगी भी 2024 में साथ में नहीं है । तो ऐसे राज्यों में भाजपा नए सहयोगी भी तलाश रही है । अगर बात 2019 के चुनाव की करें तो लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने 543 सीटों में से 436 सीटों पर अकेले चुनाव लड़ा था । जिनमें से 160 सीट पर पराजय का मुंह देखना पड़ा था । जबकि जबरदस्त मोदी लहर के बावजूद 51 सीटों पर प्रत्याशियों की जमानत भी जप्त हो गई थी ।
हरियाणा की 10 लोकसभा सीटों को जीतने के लिए बनेगी रणनीति
2019 चुनाव में हरियाणा की 10 की दसों सीटों पर भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार जीत गए थे । 2024 चुनाव में भी भारतीय जनता पार्टी अपना वही प्रदर्शन दोहराना चाहती है । इसी को लेकर आज हरियाणा भारतीय जनता पार्टी की कोर कमेटी की बैठक भी पंचकूला में ही आयोजित की गई है । सभी लोकसभा की सीट जीतने से ज्यादा प्रेशर इस बार हरियाणा में सत्ता बरकरार रखने को लेकर भी है । पिछले 10 सालों से मनोहर लाल खट्टर की सरकार हरियाणा में चल रही है । और राज्य में इस बार हैट्रिक लगाने को लेकर भारतीय जनता पार्टी नेतृत्व का फोकस है ।
चंडीगढ़ मे भी आज कोर कमेटी की बैठक , जेपी नड्डा पहुंचें कमलम , अध्यक्ष जेपी मल्होत्रा का नाम लेना ही भूले
चंडीगढ़ में लोकसभा की एक सीट को लेकर भी आज चंडीगढ़ भाजपा कार्यालय में विस्तृत चर्चा हुई । लोकसभा सीट के पहले चंडीगढ़ भाजपा की नजर चंडीगढ़ की मेयर सीट पर लगी हुई है । जिसके चुनाव अगले कुछ दिनों में होने वाले हैं । मेयर चुनाव को लेकर क्या रणनीति रहेगी । इस पर भी कोर कमेटी बैठक में विचार किया गया । हालांकि आज कमलम में जब राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा कार्यकर्ताओं को संबोधित कर रहे थे तो उनके ठीक बगल में खड़े हुए चंडीगढ़ भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष जितेंद्र मल्होत्रा का जेपी नड्डा ने नाम तक नहीं लिया । कार्यकर्ताओं में यह भी चर्चा का विषय रहा । क्योंकि अभी कुछ महीना पहले ही जितेंद्र मल्होत्रा को चंडीगढ़ भाजपा का अध्यक्ष बनाया गया है और दो-तीन दिन पहले ही उन्होंने अपनी कार्यकारिणी घोषित की है ।
भाजपा निकाल रही है रोड शो विपक्ष अपनी कील कांटे दुरुस्त करने में ही बिजी
किसी भी युद्ध में विजय का आगाज युद्ध की तैयारी के साथ ही शुरू हो जाता है । आजकल का तो चुनाव भी एक तरह से युद्ध की तरीके से ही लड़ा जाता है । जहां चुनाव आयोग ने लोकसभा चुनाव को करवाने के लिए तैयारी कर ली है और आशंका इस बात की लगाई जा रही है कि फरवरी के आखिरी हफ्ते में या उसके आसपास चुनाव आचार संहिता लगाई जा सकती है । वहीं विपक्ष यानी इंडिया गठबंधन अभी तक सीट पर ही फैसला नहीं कर पाया है । कि किस राज्य में , कौन सी पार्टी कितनी सीट पर चुनाव लड़ेगी । और बात होती है भारतीय जनता पार्टी को तीसरी बार सत्ता से रोकने की । विपक्ष की तैयारी को देखते हुए तो ऐसा ही लगता है कि इस बार विपक्ष पिछली बार का ही प्रदर्शन दोहरा ले जाए वही उसके लिए सबसे बड़ी बात होगी ।
भाजपा बहुमत के लिए नहीं ज्यादा से ज्यादा नंबर के लिए लड़ रही चुनाव
2024 के लोकसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी का नेतृत्व इस बार विजय बहुमत हासिल करने के विपक्ष को कितने कम सीट पर रोका जाए इस पर काम कर रहा है । क्योंकि जिस तरीके से विपक्ष की तैयारी चल रही है उससे तो ऐसा ही लगता है कि विपक्ष ने भाजपा के सामने पूरी तरीके से हथियार डाल रखे हैं ।
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