ईडी के सम्मन को लेकर केजरीवाल ने की वर्चुअल प्रेस कॉन्फ्रेंस ,और कहा कि
आज सुबह से ही आम आदमी पार्टी कार्यकर्ताओं को लग रहा था कि आज एड के द्वारा केजरीवाल को गिरफ्तार कर लिया जाएगा । देर रात ही आम आदमी पार्टी दिल्ली की मेयर आतिशी ने इस बात के लिए मीडिया कर्मियों को जानकारी दी थी और सुबह से ही केजरीवाल के घर के बाहर पुलिस ने कड़ा पहरा रखा हुआ था । मगर उसके पहले केजरीवाल ने वर्चुअल प्रेस कॉन्फ्रेंस शराब घोटाले को लेकर कहा ।
शराब घोटाला केस में ED की तरफ से समन मिलने के बाद दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा है कि घोटाला हुआ ही नहीं है। वर्चुअल प्रेस कॉन्फ्रेंस में केजरीवाल ने कहा कि अगर घोटाला होता तो वह पैसा कहां गया।
केजरीवाल ने कहा कि हमारे नेताओं को एक-एक करके गिरफ्तार किया जा रहा है। भाजपा मुझे भी गिरफ्तार करना चाहती है। मेरी सबसे बड़ी ताकत ईमानदारी है। इनका मकसद जांच करना नहीं है, बल्कि लोकसभा चुनाव में प्रचार करने से रोकना है।
ED के तीन समन के बाद भी पेश नहीं हुए केजरीवाल
दिल्ली शराब नीति केस में ED ने केजरीवाल को तीसरी बार समन भेज कर पूछताछ के लिए बुलाया था। हालांकि, केजरीवाल पेश नहीं हुए। उनकी तरफ से 5 पन्नों के ED को कहा गया कि वे राज्यसभा चुनाव और गणतंत्र दिवस की तैयारियों में व्यस्त हैं। उनसे जो भी पूछना हो लिखित में भेज दें।
इसके पहले ED ने 2 नवंबर और 21 दिसंबर को उन्हें पेश होने को कहा था। तब, केजरीवाल ने इन दोनों समन को गैरकानूनी और राजनीति से प्रेरित बताया और ED के सामने पेश हाेने से इनकार कर दिया। 21 दिसंबर का समन मिलने के बाद केजरीवाल 10 दिन के विपश्यना के लिए पंजाब के होशियारपुर चले गए थे।
ED को गिरफ्तारी का अधिकार, केजरीवाल कोर्ट जा सकते हैं
कानून के जानकारों के अनुसार, सीएम केजरीवाल के बार-बार पेश नहीं होने पर ED उनके खिलाफ जमानती वारंट जारी कर सकती है। उसके बाद भी पेश नहीं होने पर धारा 45 के तहत गैर जमानती वारंट जारी कर सकती है।
PMLA के जानकार बताते हैं कि पेश नहीं हो पाने की ठोस वजह बताई जाती है तो ED समय दे सकती है। फिर दोबारा नोटिस जारी करती है। PMLA एक्ट में नोटिस की बार-बार अवहेलना पर गिरफ्तारी हो सकती है।
अगर सीएम केजरीवाल आगे पेश नहीं होते हैं तो जांच अधिकारी आवास पर जाकर पूछताछ कर सकते हैं। ठोस सबूत होने पर या सवालों के संतोषजनक जवाब नहीं मिलने पर गिरफ्तार कर सकते हैं।
वहीं, केजरीवाल वारंट जारी होने के बाद कोर्ट जा सकते हैं और अपने एडवोकेट की मौजूदगी में जांच में सहयोग करने का वादा कर सकते हैं। इस पर कोर्ट ईडी को उन्हें गिरफ्तार नहीं करने का निर्देश दे सकती है।
Leave a Reply
Want to join the discussion?Feel free to contribute!