देश भर में थम गए कमर्शियल व्हीकल के पहिए
केंद्र सरकार द्वारा लागू किए गए नए मोटर व्हीकल एक्ट का विरोध शुरू हो गया है । और पूरे देश में कमर्शियल व्हीकल जगह पर खड़े हो गए हैं । नए कमर्शियल व्हीकल एक्ट में एक्सीडेंट होने की स्थिति में 7 साल की कैद और 10 लख रुपए का जुर्माना का कानून बनाया गया है , जिसको लेकर ट्रक यूनियन , बस यूनियन सहित सभी कमर्शियल व्हीकल चलने वाले लोग इसका विरोध कर रहे हैं ।
हरियाणा के जींद, पानीपत, सिरसा, करनाल, कैथल, हिसार समेत कई जिलों में प्राइवेट बसों के पहिए थम गए हैं प्राइवेट बस चालकों ने हाल ही में केंद्र सरकार द्वारा 26 दिसंबर को लोकसभा में न्याय संहिता बिल पारित किया गया है, उसका विरोध जताया है और इस बिल को वापस लेने की मांग की है ।
जींद में 165 से ज्यादा प्राइवेट बसों का चक्का सुबह से जाम है। प्राइवेट यूनियनों के प्रधान और बस ऑपरेटर अजय, राकेश आदि का कहना है कि केन्द्र सरकार द्वारा 26 दिसम्बर को लोकसभा में न्याय सहिंता बिल पारित किया गया हैं। चालकों की सुरक्षा को मध्य नजर रखते हुए यूनियन इसका विरोध करती हैं, क्योंकि इस बिल के लागू होने से देशभर के चालक बर्बाद हो जाएगा।
इस बिल में यह प्रावधान किया है कि वाहन चालक द्वारा घायल व्यक्ति को हस्तपाल तक इलाज के लिए पहुंचाना होगा। अगर वाहन चालक द्वारा घायल व्यक्ति को हस्पताल तक नही पहुंचाया तो वाहन चालक को 10 साल की सजा व 10 लाख रुपये जुर्माना होगा। अगर घायल व्यक्ति ईलाज के बाद भी मृत्यु हो गई तो सात साल की सजा और सात लाख का जुर्माना किया जाएगा।
देश भर के चालक इस बिल का विरोध कर रहे हैं क्योकि इस बिल के लागू होने से चालको पर दोहरी मार पड़ेगी। अगर चालक घायल व्यक्ति को मानवता के तौर पर हस्तपाल में ले जाने की हिम्मत भी करता है तो उसको डर होता है कि वहां मौजूद आक्रोशित जनता उसे जान न मार दे। अगर वाहन चालक मौके से भाग कर किसी प्रकार से अपनी जान बचाता है तो उसे अब नया कानून के तहत 10 साल की सजा व 10 लाख जुर्माना जीते जी ही मार देगा।
इस बिल में सजा व जुर्माना के डर से चालक मजबूरी में चालक की नोकरी छोड़ने पर मजबूर होंगे। वाहन संचालको को भी बहुत नुकसान होगा। यूनियन मांग करतीं है इस बिल को तुरन्त वापिस लिया जाए, अन्यथा यूनियन इस बिल के विरोध में बड़ा आंदोलन चलाएगी।
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