सड़क सुरक्षा, साइबर अपराध और नशे से दूर रहने को किया जागरूक प्रतिबंधित नशा रखना, सेवन करना, क्रय विक्रय करना, उत्पादन करना और सहायता करना दंडनीय: डॉ. अशोक
प्रवीण सिंह वालिया, करनाल,18 दिसम्बर : हरियाणा राज्य नारकोटिक्स कण्ट्रोल ब्यूरो के अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक ओपी सिंह के दिशानिर्देशों एवं पुलिस अधीक्षक शशांक कुमार सावन भापुसे और अनिल कुमार के मार्गदर्शन में नशे के विरुद्ध जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं। ब्यूरो के जागरूकता कार्यक्रम एवं पुनर्वास प्रभारी/ उप निरीक्षक डॉ. अशोक कुमार वर्मा उच्चाधिकारियों के दिशानिर्देशों से प्रतिदिन हरियाणा के विभिन्न संस्थानों में जाकर नशे के विरुद्ध प्रचार प्रसार में जुटे हुए हैं। उन्होंने पीएम श्री राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय जुंडला में एक दिवसीय 161 वां नशे के विरुद्ध जागरूकता कार्यक्रम कर 410 विद्यार्थियों एवं 30 से अधिक शिक्षक एवं अन्य कर्मचारियों को विस्तारपूर्वक जागरूक किया। विद्यालय के प्राचार्य लक्ष्मी नारायण चोपड़ा की अध्यक्षता में यह कार्यक्रम हुआ। ब्यूरो के जागरूकता कार्यक्रम एवं पुनर्वास प्रभारी/ उप निरीक्षक डॉ. अशोक कुमार वर्मा ने उपस्थित विद्यार्थियों के साथ वार्तालाप के माध्यम से तीन महत्वपूर्ण बिंदुओं पर वाद-विवाद के रूप में सड़क सुरक्षा-जीवन रक्षा, साइबर अपराध से बचने के उपाय और सबसे महत्वपूर्ण नशा जीवन की करता दुर्दशा पर चर्चा की और सिद्ध किया कि एक जागरूक नागरिक के लिए इन तीनों महत्वपूर्ण बातों को लेकर जागरूक होना अति आवश्यक है। राष्ट्रीय अपराध अभिलेख ब्यूरो के आंकड़ों पर चर्चा करते हुए डॉ. वर्मा ने बताया कि भारत में प्रति वर्ष साढ़े चार लाख सड़क दुर्घटनाएं होती हैं जिसमें 5 लाख लोग सड़क दुर्घटनाओं का शिकार होते हैं और लगभग 1 लाख 50 हज़ार लोग मृत्यु को प्राप्त होते हैं। उन्होंने बताया कि आंकड़ों के अनुसार 25 वर्ष से कम आयु के 1000 युवा सड़क दुर्घटना में मरते हैं। उन्होंने युवाओं को सड़क सुरक्षा के नियमों का पालन करने के लिए प्रेरित किया और साइबर अपराध से बचने के उपाय बताते हुए कहा कि साइबर ठगी होने पर 1930 पर सम्पर्क करें। उन्होंने आगे कहा कि अधिकतर 90 प्रतिशत अपराधों की जड़ केवल और केवल नशा है। इस विषय पर उन्होंने खुले मंच पर विद्यार्थियों को आमंत्रित कर उनके विचार जानकार उनसे ही समाधान ढूंढ़ने को कहा और वार्तालाप के माध्यम से उन्हें नशे से दूर रहने के लिए जागरूक किया। नशे के कारण, निवारण और समाधान पर चर्चा करते हुए डॉ. वर्मा ने कहा कि विधि अनुसार प्रतिबंधित नशा रखना, सेवन करना, क्रय विक्रय करना, उत्पादन करना और ऐसे कार्य में किसी की सहायता करना पूर्ण रूप से प्रतिबंधित एवं दंडनीय है। कार्यशाला में इस महत्वपूर्ण विषय पर चर्चा परिचर्चा में विद्यार्थियों को जोड़कर इसे और अधिक रोचक बनाया गया। डॉ. वर्मा ने बताया कि नशा मुक्त समाज के लिए हरियाणा सरकार बहुत ही महत्वपूर्ण कार्य भी कर रही है। यदि कोई व्यक्ति नशे का शिकार हो चूका है और नशा छोड़ना चाहता है तो वह नागरीक अस्पताल के नशा मुक्ति केंद्र में निशुल्क उपचार करा सकता है। प्रतिभागिता कर रहे विद्यार्थियों को उपहार स्वरूप बैज लगाकर सम्मानित भी किया गया। कार्यक्रम के अंत में सभी उपस्थित विद्यार्धियों एवं शिक्षकों ने हृदय पर हाथ रहकर शपथ ली कि वे जीवन में किसी भी प्रकार का नशा नहीं करेंगे और अन्य लोगों को भी नशा न करने के लिए प्रेरित करेंगे। यदि कोई नशे का कारोबार करता है तो इसकी सूचना 9050891508 पर देंगे। कार्यक्रम के अंत में प्राचार्य लक्ष्मी नारायण चोपड़ा ने कहा कि आज का दिन बहुत ही उपयोगी सिद्ध होगा क्योंकि आज बहुत अधिक महत्वपूर्ण विषय पर ज्ञानार्जन हुआ है। उन्होंने ब्यूरो के अधिकारी डॉ. अशोक कुमार वर्मा का धन्यवाद किया।
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