राजनीति में मोदी का VRS प्लान ?
राजनीति में भी मोदी का VRS प्लान होगा लागू ?
VRS का मतलब होता है , वॉलंटरी रिटायरमेंट स्कीम । यह योजना सरकारी कर्मचारियों के लिए लाई गई थी । जो भी सरकारी कर्मचारी सरकार के साथ काम नहीं करना चाहते उनके लिए यह योजना लाई गई थी । और तमाम सरकारी कर्मचारियों ने इस योजना का फायदा लिया । VRS लेने वाले कर्मचारियों को समय से पहले ही सरकार के जितने भी बेनिफिट प्लान होते हैं , रिटायरमेंट फंड होते हैं वह सब मिल जाते हैं ।
मगर ऐसा लगता है कि मोदी सरकार राजनीति में भी VRS लाने की तैयारी कर रही है । आप सोच रहे होंगे वह कैसे । बिल्कुल आपका सोचना जायज है । कि राजनीति में VRS कैसे आ सकता है । तो आज हम जो बताने जा रहे हैं उससे आपको पूरी तरीके से यकीन हो जाएगा की राजनीति में VRS लाया जा रहा है ,या फिर यह जबरदस्ती थोपा जा रहा है ।
हाल ही में पांच राज्यों के चुनाव हुए हैं जिनमें तीन राज्यों में भाजपा ने अभूतपूर्व विजय हासिल की है । अभूतपूर्व इसलिए , क्योंकि चुनावी नतीजे बताने वाले एग्जिट पोल भी इस बार की जीत पर फेल हो गए । और नतीजे से भाजपा की चारो तरफ बम बम बम बम हो रही है । और अब इसी बम बम को पीएम मोदी भुनाने की तैयारी में लग गए हैं । और उन नेताओं को वॉलंटरी रिटायरमेंट स्कीम में शामिल कर लिया गया है जो भविष्य में मोदी के लिए खतरा बन सकते है । यानी राजस्थान से वसुंधरा , मध्य प्रदेश से शिवराज सिंह और छत्तीसगढ़ से रमन सिंह । अगर इन तीनों के शाब्दिक अर्थ का पहला अक्षर उठाएं तो वह VRS ही होता है ।
V का मतलब वसुंधरा
R का मतलब रमन सिंह
S का मतलब शिवराज सिंह
रमन सिंह की छत्तीसगढ़ से और शिवराज सिंह की मध्य प्रदेश से तो छुट्टी हो ही चुकी है , अब सिर्फ वसुंधरा पर सबकी निगाहें टिकी हुई है । अगर राजस्थान में वसुंधरा को मुख्यमंत्री नहीं बनाया जाता है तो वसुंधरा राजे की भी सक्रिय राजनीति से छुट्टी होने की पूरी पूरी संभावना है ।और VRS प्लान पर पक्की वाली मोहर लग जायेगी ।
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