त्योहार पर घर जाना है, कोई तो टिकट दिला दो ?
करवाचौथ बीतने के साथ ही दीपावली और छठ पूजा की तैयारी लोग शुरू कर देते हैं। कुछ लोग त्योहार को अपने घर पर परिवार के बीच मनाने के लिए चले जाते हैं क्योंकि त्योहारों का मजा सब के साथ आता है। मगर अपना शहर छोड़ कर के अपने परंपरागत शहर जाना क्या इतना आसान है जितना कहा जाता है? आज इसी की पड़ताल करने हमारी टीम पहुंची चंडीगढ़ रेलवे स्टेशन पर…
यू तो मोदी सरकार की स्वप्निल ट्रेन वंदे भारत चलाई जा रही है। मगर क्या वंदे भारत चला देने भर से लोगों को ट्रेन में जगह मिल पा रही है। चंडीगढ़ हो, दिल्ली हो, भोपाल हो, मुंबई हो या फिर दूसरा कोई और बड़ा महानगर, आज के दिन कोई भी बड़ा शहर ऐसा नहीं है जहां से किसी भी ट्रेन में या फिर हवाई जहाज में आपको आराम से सहूलियत के साथ टिकट मिल सके और आप सुकून के साथ अपने परिवार के बीच में जाकर त्योहारों का आनंद ले सकें। चंडीगढ़ स्टेशन पर ही हमारे संवाददाता की मुलाकात 24 – 25 साल की एक लड़की से हुई जिनके परिजन 12 तारीख को छठ पूजा का त्यौहार मनाने के लिए अपने परंपरागत शहर गोरखपुर जाना चाहते हैं। मगर परिवार के आधे लोगों की टिकट तो बन चुकी है मगर आधे लोगों की टिकट अभी तक नहीं बन पाई है। यह लोग रिजर्वेशन काउंटर के चक्कर पर चक्कर काटते हुए नजर आ रहे थे की कोई तो ऐसा मिले जो ले देकर ही सही बस टिकट तो पक्की बनवा दे। बात हवाई सफर की करें तो प्रधानमंत्री जी का सपना है कि हवाई चप्पल पहनने वाला भी हवाई जहाज का सफर करे। मगर प्रधानमंत्री जी वह करे भी तो कैसे करें? हवाई जहाज के किराए भी आसमान छू रहे हैं। त्योहारों के अवसर पर हवाई जहाज का भी किराया इस समय दुगने से ज्यादा नजर आ रहा है। इसीलिए मध्यमवर्गीय परिवार में सुकून और आरामदायक सफर किसी भी गंतव्य स्तर पर जाने के लिए भारतीय रेल को ही समझा जाता है और रेलवे में कंफर्म टिकट लेना आज के वक्त में बहुत ही मुश्किल काम है।
चंडीगढ़ से ट्रेनों की स्थिति
चंडीगढ़ से 30 से अधिक ट्रेनों का संचालन होता है। मगर आज के समय में किसी भी ट्रेन में कन्फर्म टिकट मिल जाए वो किसी सपने से कम नहीं हैं।
चंडीगढ़ से हवाई सफर की स्थिति
चंडीगढ़ से 15 से अधिक शहरों के लिए फ्लाइट्स का संचालन किया जाता है। मगर इस त्योहार सीजन में इन फ्लाइट्स का किराया कई गुना तक बढ़ गया है। इस बढ़े हुए किराए को मध्यमवर्गी परिवार के लिए वहन कर पाना बमुश्किल सा साबित होता है।
अगर आपने त्योहारों पर अपने घर जाने का कार्यक्रम पहले से बना रखा है तब तो ठीक है, हो सकता है कि तब तो आपकी टिकट कंफर्म हो गई हो मगर एन वक्त पर यानी महीना डेढ़ महीना पहले या फिर और करीब एक हफ्ता पहले अगर किसी व्यक्ति ने अपने परंपरागत शहर जाकर परिजनों के बीच त्यौहार मनाने का कार्यक्रम बनाया है तो निश्चित तौर पर आपकी टिकट किसी भी ट्रेन में हो, टिकट के कंफर्म होने की संभावना कम ही है। हवाई सफर की बात करें तो हवाई सफर आज के दौर में जेब काटने को तैयार बैठा है। जो हवाई जहाज का किराया 2 महीने पहले चंडीगढ़ से किसी भी जगह जाने को लेकर था, आज वह बढ़कर लगभग दुगने के आसपास पहुंच रहा है और आने वाले समय में इसके और भी बढ़ने के आसार नजर आ रहे हैं। जैसे जैसे त्योहार करीब आएंगे टिकट के किराए और बढ़ेंगे जो आम आदमी की जेब पर चपत लगाने को तय ही है।
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