दिल्ली में प्रदूषण बना जान का दुश्मन, हर साल घट रही उम्र
नवंबर का महीना अभी शुरू नहीं हुआ, लेकिन मौसम में बदलाव के साथ ही नोएडा और ग्रेटर नोएडा की हवा दिन-प्रति-दिन प्रदूषित होती जा रही है। यहां AQI यानी वायु गुणवत्ता सूचकांक रेड जोन में पहुंच गया है।
23 अक्टूबर को ग्रेटर नोएडा राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (NCR) का सबसे ज्यादा प्रदूषित शहर रहा, जबकि दिल्ली दूसरे नंबर पर रहा।
एनर्जी पॉलिसी इंस्टीट्यूट एट द यूनिवर्सिटी ऑफ शिकागो की रिसर्च के मुताबिक-
- भारत दुनिया का दूसरा सबसे प्रदूषित देश है।
- भारत की राजधानी दिल्ली देश के सबसे प्रदूषित शहरों की लिस्ट में सबसे ऊपर है।
लेंसेट की एक स्टडी के मुताबिक दुनिया भर के 16% लोगों की मौत प्रदूषण के चलते समय से पहले ही हो जाती है।
पूरे देश की बात करें तो रिपोर्ट में बताया गया है कि भारत में लोगों की औसत उम्र प्रदूषण के चलते करीब पांच साल कम हो गई है। इसमें सबसे ज्यादा खतरनाक एयर पॉल्यूशन यानी वायु प्रदूषण को ही बताया गया है।
वायु प्रदूषण से हम खुद को सौ फीसदी तो नहीं बचा सकते, लेकिन फिर भी अपने बचाव के लिए कुछ कदम जरूर उठा सकते हैं।
आज जरूरत की खबर में हम जानेंगे कि वायु प्रदूषण से बचने के लिए क्या उपाय किए जाने चाहिए। साथ ही डाइट में कौन से हेल्दी फूड्स को शामिल करें, जिससे प्रदूषण से होने वाली हेल्थ प्रॉब्लम से बचा जा सके।
एक्सपर्ट पैनल: डॉ. शुचिन बजाज, डायरेक्टर और फाउंडर, उजाला सिग्नस ग्रुप ऑफ हॉस्पिटल्स, गुरुग्राम
सबसे पहले वायु प्रदूषण से होने वाली बीमारियों के बारे में जानते हैं।
- जुकाम
- सांस लेने में तकलीफ
- दम घुटना
- आंखों में जलन
- खांसी, टीबी और गले में इन्फेक्शन
- साइनस, अस्थमा
- लंग्स की बीमारी
वायु प्रदूषण लोगों की उम्र लगातार कम कर रहा है। दुनियाभर में हर साल करीब 90 लाख लोगों की मौत पॉल्यूशन की वजह से होती है।
प्रदूषण से बचने के कुछ कारगर उपाय हैं, जिनसे काफी हद तक अपना बचाव किया जा सकता है।
खास बात यह है कि इन उपायों को अपनाने के लिए कुछ स्पेशल काम करने की भी जरूरत नहीं है और न ही ज्यादा खर्च करने की।
- घर में उचित वेंटिलेशन की व्यवस्था करें। अगर वेंटिलेशन सही नहीं रहता तो हवा की आवाजाही ढंग से नहीं हो पाती है।
- कार्पेट पर धूल के कण और पालतू जानवर की रूसी इकट्ठा हो जाती है, जिससे अस्थमा, कफ, क्रॉनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज का खतरा बढ़ जाता है।
- किचन और नहाने वाले कमरे में नम हवा से फंगस का खतरा रहता है। फंगस से बचने के लिए इन जगहों पर एग्जॉस्ट फैन लगवाएं।
- प्रदूषण और धुआं हमारे हाथों पर भी इकट्ठा हो जाता है। इसलिए बार-बार हाथों को जरूर धोना चाहिए।
- प्रदूषण, धुआं और धुंध पानी को भी गंदा कर सकता है। इसलिए RO का पानी या उबला हुआ पानी ही छानकर पिएं।
- प्रदूषण और धुएं से बचने के लिए भाप लें। इससे फेफड़ों को हेल्दी रखने में मदद मिलती है।
- रोजाना प्राणायाम करें। इससे फेफड़ों को मजबूती मिलती है। इसके अलावा कपालभाति, अनुलोम-विलोम और एक्सरसाइज भी कर सकते हैं।
- आसपास प्रदूषण बढ़ने पर बाहर खुले में कसरत न करें क्योंकि कसरत करते हुए हम गहरी सांस लेते हैं, जिससे धूल के कण सांस के जरिए अन्दर चले जाते हैं।
आपके इलाके में कितना प्रदूषण है, इसे चेक करने के लिए आप गूगल प्ले स्टोर से एप डाउनलोड कर सकते हैं। इसमें आपको अपने शहर के हवा की गुणवत्ता के बारे में जानकारी मिल जाएगी।प्रदूषण को AQI से मापा जाता है, इसे एयर क्वालिटी इंडेक्स कहते हैं। जिसके अलग-अलग लेवल होते हैं। एक-एक करके समझते हैं-
51 और 100 के बीच ‘संतोषजनक’
101 और 200 के बीच ‘मध्यम’
201 और 300 के बीच ‘खराब’
301-400 के बीच ‘बेहद खराब’
401 से 500 के बीच ‘सीरियस’ कंडीशन
सवाल: वायु प्रदूषण से बच्चों को बचाने के लिए क्या करें?
जवाब: ऊपर लिखे उपायों को जरूर फॉलो करें। इसके अलावा बच्चों को प्रदूषण से बचाने के लिए उनका घर से बाहर निकलना थोड़ा कम कर सकते हैं।
कोशिश करें कि जब-जब प्रदूषण हो, तब-तब बच्चा घर से बाहर न जाए। घर के अंदर ही एयर प्यूरीफायर लगाएं और बच्चों के लिए इनडोर गेम्स की व्यवस्था करें। घर के दरवाजे और खिड़कियां बंद रखें।
हवा शुद्ध करने वाले पौधों को घर के अन्दर भी लगा सकते हैं। इससे घर के अन्दर की हवा शुद्ध रहेगी और भीतर का प्रदूषण कम होगा।
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