वंदे भारत स्लीपर ट्रेन ने रचा इतिहास, 180 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से दौड़कर बनाया नया रिकॉर्ड
भारतीय रेलवे के इतिहास में आज एक नया अध्याय जुड़ गया है। स्वदेशी तकनीक से निर्मित वंदे भारत स्लीपर ट्रेन ने पश्चिम मध्य रेलवे के कोटा मंडल में हुए स्पीड ट्रायल के दौरान 180 किलोमीटर प्रति घंटे की अधिकतम रफ्तार हासिल कर एक नया रिकॉर्ड कायम किया। यह सफलता देश की रेल तकनीक को एक नई ऊंचाई पर ले जाने वाला कदम मानी जा रही है।
रेलवे अधिकारियों के अनुसार, यह ट्रायल ‘मिशन रफ्तार’ और ‘मेक इन इंडिया’ अभियानों की दिशा में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है। अनुसंधान डिजाइन एवं मानक संगठन (RDSO), लखनऊ की टीम ने 2 नवंबर से यह परीक्षण शुरू किया था। बताया गया कि ट्रेन ने पहले 908 टन भार के साथ और बाद में 800 टन के खाली रेक पर समान सफलता हासिल की।
तकनीकी रूप से मजबूत प्रदर्शन
इस परीक्षण के दौरान ट्रेन ने रोहलखुर्द–इंद्रगढ़–कोटा खंड पर लगभग 100 किलोमीटर की दूरी तय की। ट्रेन ने न केवल उच्च गति प्राप्त की, बल्कि स्थिरता, सुरक्षा और प्रदर्शन के सभी तकनीकी परीक्षणों में भी शानदार प्रदर्शन किया। वरिष्ठ मंडल वाणिज्यिक प्रबंधक सौरभ जैन ने बताया कि यह सफलता भारतीय इंजीनियरों और देश में बनी तकनीक की मजबूती का प्रमाण है।
इस ऐतिहासिक ट्रायल में चेन्नई की इंटीग्रल कोच फैक्ट्री (ICF), मेधा सर्वो ड्राइव्स लिमिटेड और फेवले इंडिया प्राइवेट लिमिटेड के विशेषज्ञ भी शामिल रहे। अधिकारियों का कहना है कि यह ट्रेन न केवल गति में बल्कि आराम और ऊर्जा दक्षता के मामले में भी भारतीय रेल के लिए गेमचेंजर साबित होगी।
रेलवे के अनुसार, यह ट्रायल आने वाले दिनों में वंदे भारत स्लीपर ट्रेनों के वाणिज्यिक संचालन का मार्ग प्रशस्त करेगा। यह उपलब्धि भारत को वैश्विक हाई-स्पीड रेल तकनीक की सूची में एक मजबूत दावेदार के रूप में स्थापित करती है।





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