किसको परवाह है एनजीटी का आदेश की : 7 दिन बाद भी हालत जस के तस
पंचकूला नगर निगम झूरीवाला साइट से रोजाना उठाए कचरा, अलीपुर में नया एमआरएफ सेंटर जल्द शुरू करने के निर्देश
पंचकूला, रीतेश माहेश्वरी : नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) ने पंचकूला नगर निगम को झूरीवाला ट्रांसफर प्वाइंट से रोजाना कचरा उठाने और वहां किसी भी तरह का कचरा जमा न होने देने का सख्त आदेश दिया है। ट्रिब्यूनल ने साथ ही निगम को बरवाला के अलीपुर गांव में बन रहे मटीरियल रिकवरी फैसिलिटी (एमआरएफ) सेंटर को जल्द चालू करने के निर्देश दिए हैं, ताकि झूरीवाला साइट पर निर्भरता खत्म की जा सके। पर 7 दिन बीतने के बाद भी हालत में कोई सुधार नहीं हुआ है । खबरी प्रसाद अखबार की पड़ताल में सामने आया कि भले एनजीटी के आदेश कुछ भी आए हो पर ना तो अधिकारियों के और ना ही ठेकेदार पर आदेश का कोई फर्क पड़ा है।
यह आदेश एनजीटी की प्रधान पीठ, नई दिल्ली ने तीन साल पुराने मामले की सुनवाई के बाद 27 अक्टूबर को पारित किया। याचिकाकर्ता संजय कुमार ने अपने आवेदन में झूरीवाला साइट पर कचरे के अनुचित प्रबंधन, पर्यावरणीय नुकसान और वन्यजीवों पर पड़ रहे असर को लेकर गंभीर चिंता जताई थी।
एनजीटी की पीठ में जस्टिस प्रकाश श्रीवास्तव (अध्यक्ष) और डॉ. ए. सेंथिल वेल (विशेषज्ञ सदस्य) शामिल थे। ट्रिब्यूनल ने नगर निगम को निर्देश दिया कि झूरीवाला साइट पर आने वाले सभी 200 मीट्रिक टन कचरे को उसी दिन निस्तारित किया जाए और कोई भी कचरा वहां रात्रि तक न रुके। निगम ने अपनी रिपोर्ट में बताया कि अलीपुर स्थित एमआरएफ सेंटर का 95 प्रतिशत निर्माण कार्य पूरा हो चुका है और सड़क संपर्क कार्य प्रगति पर है। इसके शुरू होते ही झूरीवाला साइट को पूरी तरह बंद कर दिया जाएगा।
गौरतलब है कि एनजीटी पहले भी इस साइट को लेकर सख्त रुख अपना चुका है। वर्ष 2022 में ट्रिब्यूनल ने पर्यावरणीय मानकों के उल्लंघन पर पंचकूला नगर निगम पर 9 करोड़ और कालका नगर परिषद पर 1 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया था। झूरीवाला साइट केवल 140 मीटर दूरी पर है खोह-है-रैतन वन्यजीव अभयारण्य से, जिससे पर्यावरण को भारी खतरा बताया गया था।
याचिकाकर्ता ने सुनवाई में यह भी कहा कि निगम की ओर से नियमित सफाई का दावा किया गया, लेकिन मौके पर कई बार कचरा दो से तीन दिन तक पड़ा मिला, जिससे दुर्गंध और प्रदूषण की स्थिति बनी रहती है। वहीं, एनएचएआई ने भी निगम की कार्यप्रणाली पर आपत्ति जताई थी, क्योंकि भारी वाहन और मशीनें झूरीवाला के पास राष्ट्रीय राजमार्ग और सर्विस लेन को बाधित कर रही थीं।
एनजीटी ने आदेश में कहा कि “नगर निगम को तत्काल प्रभाव से सुनिश्चित करना होगा कि झूरीवाला साइट पर किसी भी प्रकार का कचरा जमा न हो और अलीपुर एमआरएफ परियोजना को शीघ्र चालू किया जाए।”
नगर निगम अधिकारियों ने बताया कि जब तक नया सेंटर पूरी तरह चालू नहीं होता, तब तक झूरीवाला से प्रतिदिन कचरा उठाकर अंबाला जिले के पातवी स्थित प्रोसेसिंग प्लांट में भेजा जाएगा।
यह आदेश पंचकूला में ठोस कचरा प्रबंधन व्यवस्था की खामियों पर एनजीटी की लगातार निगरानी को दर्शाता है। ट्रिब्यूनल ने स्पष्ट कर दिया है कि अब किसी भी देरी या लापरवाही को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
एनजीटी के क्या आदेश आए हैं मुझे इस बारे में जानकारी नहीं है । पर कूड़ा रोज का रोज उठाया जा रहा है अगर किसी के पास इस संबंध में कोई शिकायत है कि कूड़ा नहीं उठाया जा रहा तो मुझे शिकायत दे । जो बनती कार्रवाई होगी वह की जाएगी ।
अविनाश सिंगला
CSI, नगर निगम पंचकूला
पिछले हफ्ते एनजीटी द्वारा जो आदेश दिया गया है हम शहर वासी से यह चाहते हैं कि नगर निगम उसका पालन करें और रोज का कूड़ा रोज उठाकर सोशल मीडिया पर उसकी फोटो डाल दिया करें । क्योंकि आदेश के बाद भी कूड़ा उसी तरीके से पड़ा रहता है जैसे पहले पड़ा रहता था ।
नीतीश मित्तल, निवासी सेक्टर 25 पंचकूला
एनजीटी का तो आदेश घर से कूड़ा सेग्रीगेशन करके उठाने का है पर यह लोग सिर्फ ड्रामा करते हैं और घर से कूड़ा अलग-अलग करके नहीं उठाते । अपनी गाड़ी में इन्होंने सिर्फ दिखावे के लिए अलग-अलग पार्टीशन बना रखे हैं । पर फिर भी एनजीटी के आदेश जो आए हैं , अधिकारियों को चाहिए कि उसका पालन करवाएं कहीं ऐसा ना हो कि दोबारा जुर्माना नगर निगम पर एनजीटी लगा दे ।
ओपी सिहाग, अध्यक्ष जननायक जनता पार्टी पंचकूला
जनता का पैसा ऐसे कैसे बर्बाद किया जाना चाहिए। अब भी NGT के द्वारा नगर निगम को प्रतिदिन का कूड़ा कचरा यहां से पूरा ही उठाते रहने के निर्देश दिए थे।लेकिन कूड़ा पूरा नहीं उठाने के कारण फिर से इकठ्ठा होना शुरू हो कर हालात बिगड़ेंगे।कौन कौन जिम्मेदार। कौन नगर निगम से इसके लिए पूछेगा और जिम्मेदारियां फिक्स करेगा और गलतियों पर एक्शन लेगा। जो कि लेना ही चाहिए। वर्ना तो सब ऐसे ही चलता रहेगा और चलते रहने दिया जाता रहेगा। बाकी के घोटालों की ही तरह।
राकेश अग्रवाल
विकास मंच पंचकूला
ठेकेदार कंपनी पूजा कंसल्टेशन के पंचकूला प्रतिनिधि तरुण खटाना को सवाल को लेकर उनके आधिकारिक नंबर पर फोन किया गया , तो उन्होंने फोन नहीं उठाया ना ही उन्होंने खबर लिखे जाने के समय तक कोई जवाब दिया था ।




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