पापा मंत्री है हमारे : मंत्री पुत्र को दो सरकारी प्रोटोकॉल वाला पत्र वायरल
मंत्री पुत्र के प्रोटोकॉल पत्र से मचा बवाल, अफसरों की भूमिका पर उठे सवाल
लखनऊ/जालौन
उत्तर प्रदेश के जलशक्ति मंत्री स्वतंत्र देव सिंह के पुत्र अभिषेक सिंह के लिए जिला प्रशासन द्वारा जारी कथित प्रोटोकॉल पत्र को लेकर नया विवाद खड़ा हो गया है। सोशल मीडिया पर सामने आए इस पत्र में जालौन और उरई के अधिकारियों को निर्देशित किया गया कि मंत्री पुत्र के आगमन पर संपूर्ण व्यवस्था सुनिश्चित की जाए।
मामला क्या है?
पत्र के मुताबिक डीएम और एसपी स्तर के अधिकारियों को मंत्री पुत्र के दौरे के दौरान विशेष सतर्कता बरतने और सुरक्षा-व्यवस्था चाक-चौबंद रखने के निर्देश दिए गए। आमतौर पर इस तरह का प्रोटोकॉल केवल मुख्यमंत्री, राज्यपाल और मंत्रियों जैसे संवैधानिक पदाधिकारियों को ही उपलब्ध कराया जाता है।


विपक्ष और पत्रकारों ने उठाए सवाल
वरिष्ठ पत्रकार अभिषेक उपाध्याय ने एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर पत्र साझा करते हुए लिखा— “स्वतंत्र देव जी बोल दीजिए कि आपके बेटे को मिला सरकारी प्रोटोकॉल झूठ है, या फिर स्वीकार कीजिए कि प्रशासन मंत्रीपुत्रों की सेवा में भी झुकता है।”

वहीं पत्रकार ममता त्रिपाठी ने व्यंग्य करते हुए लिखा— “OTT पर बनी फ़िल्म ‘चाचा विधायक हैं हमारे’ की तरह अब ‘पापा मंत्री हैं हमारे’ भी हकीकत बन गया है।”

परिवारवाद बनाम लोकतंत्र की बहस
विवाद गहराने के बाद राजनीतिक गलियारों में परिवारवाद पर चर्चा तेज हो गई है। आलोचकों का कहना है कि लोकतंत्र में जनता असली मालिक है, लेकिन व्यावहारिक तौर पर सरकारी मशीनरी नेताओं और उनके परिवारों की सेवा में खड़ी नज़र आती है।
सरकार की प्रतिक्रिया का इंतजार
खबर लिखे जाने तक न तो मंत्री स्वतंत्र देव सिंह और न ही राज्य सरकार की ओर से इस पत्र की सत्यता पर कोई आधिकारिक बयान जारी किया गया है। विपक्ष लगातार सरकार पर “वंशवाद और वीआईपी कल्चर” को बढ़ावा देने का आरोप लगा रहा है।
अगर यह पत्र असली है तो यह प्रशासनिक मर्यादा पर गंभीर सवाल खड़ा करता है, और अगर फ़र्ज़ी है तो इसके पीछे की साजिश की पड़ताल जरूरी है। किसी भी स्थिति में, यह विवाद सरकार और प्रशासन की पारदर्शिता पर सीधे सवाल खड़ा करता है।
मंत्री स्वतंत्र देव सिंह के बेटे को ‘वीआईपी ट्रीटमेंट’, प्रोटोकॉल देने वाले निजी सचिव पर गिरी गाज
सोशल मीडिया पर निजी सचिव का संबंधित पत्र वायरल होने पर सरकार से लेकर बीजेपी नेतृत्व तक ने नाराजगी जताई. इसके बाद मंत्री स्वतंत्र देव सिंह ने कार्रवाई करते हुए अपने निजी सचिव आनंद कुमार को हटा दिया. मंत्री स्वतंत्र देव सिंह के निजी सचिव ने लिखा पत्र
दरअसल योगी सरकार में मंत्री स्वतंत्र देव सिंह के बेटे को प्रोटोकाल संबंधी पत्र 14 अगस्त को लिखा गया था. स्वतंत्रता दिवस के मौके पर उरई में आयोजित तिरंगा यात्रा में अभिषेक सिंह शामिल हुए थे. इस दौरान उनकी सुरक्षा में एक गनर तैनात किया गया था. वहीं बिना किसी पद के मंत्री के बेटे को प्रोटोकाल पर समाजवादी पार्टी ने बीजेपी और मंत्री को घेरा है.
विपक्ष ने बीजेपी पर साधा निशाना
सपा ने सोशल मीडिया पर लिखा कि बीजेपी एक तरफ वीआइपी कल्चर घटाने और परिवारवाद खत्म करने की बात और दावे करती है जबकि सत्ता में आते ही इनका परिवारवाद और वीआइपी कल्चर किस कदर उत्पात और तांडव कर रहा है, यह सबके सामने है. जालौन में जल शक्ति मंत्री स्वतंत्र देव सिंह के बेटे अभिषेक सिंह को वीआईपी प्रोटोकॉल देने के लिए निजी सचिव ने डीएम और एसपी को पत्र लिखकर निर्देश दिया था, जबकि वह किसी राजनीतिक या संवैधानिक पद पर नहीं हैं.
तिरंगा यात्रा में शामिल हुए थे अभिषेक सिंह
बता दें कि स्वतंत्रता दिवस पर उरई में आयोजित तिरंगा यात्रा में अभिषेक सिंह शामिल होने आए थे. आयोजन के मद्देनजर जल शक्ति मंत्री के निजी सचिव ने प्रशासन को निर्देशित करते हुए प्रोटोकॉल का पत्र भेजा. इसमें कहा गया था कि जिले में मंत्री की तरह अभिषेक सिंह को भी सुरक्षा, स्वागत और अन्य सुविधाएं दी जाएं.
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