गर्भावस्था में सलाद खाना लाभदायक या हानिकारक ?
आधुनिक शोधकर्ताओं के अनुसार गर्भवती महिलाओं के लिए सलाद खाना हानिकारक हो सकता है। ब्रिटिश मेडिकल जर्नल में प्रकाशित एक रिपोर्ट के अनुसार डॉक्टर ब्रेन कुक का कहना है कि गर्भवती महिलाओं द्वारा ज्यादा सलाद का प्रयोग करना सेहत के लिए हानिकारक साबित हो सकता है । लेकिन इसके विपरीत भारतीय विशेषज्ञों का मानना है कि सलाद खाना महिलाओं के लिए लाभदायक है, इसलिए वह महिलाओं को ज्यादा से ज्यादा सलाद खाने की सलाह देते हैं।
अमेरिकी अध्ययनकर्ताओं का कहना है कि इस बात का यह मतलब नहीं लेना चाहिए कि सलाद खाना ठीक नहीं होता या इससे बच्चे के जन्म होने के मामले में किसी प्रकार की समस्याएं पैदा हो सकती है।
आमतौर पर यह माना जाता है कि सलाद के रूप में ताजी सब्जियां,फलों और उनके पत्तों को काटकर खाने से स्वास्थ्य ठीक रहता है क्योंकि सब्जी और फलों में सभी प्रकार के विटामिन होते हैं। आमतौर पर डॉक्टर सभी को सलाद खाने की सलाह देते हैं। केवल डॉक्टर ब्रेन कुक ने गर्भवती महिलाओं को सलाह दी है कि वह सलाद खाने से परहेज करें और सलाद खाने के कई नुकसान है, इसका भी अभी-अभी पता चला है । डॉक्टरों का कहना है कि प्रत्येक 500 नवजात बच्चों में एक को हाइपोसपेडायस की शिकायत मिल रही है। इस बीमारी से बच्चों के शरीर का अगला हिस्सा बिल्कुल पतला हो जाता है जिससे उसका यौन जीवन नीरस हो जाता है।
1990-1991 में आरंभ किए गए इस सर्वेक्षण के बाद यह परिणाम उभर कर सामने आए हैं। शाकाहारी माताओं की संतानों में हाइपोस्पेडीयास की दर मांसाहारी माताओं की अपेक्षा कम होती है। सूत्रों के अनुसार सोया सहित कुछ आहारों में फाइटो एस्ट्रोजेन नामक रसायन पाया जाता है जिसकी सरंचना महिलाओं के सेक्स हार्मोन इस्ट्रोजेन से काफी मिलती जुलती होती हैं। इसके अतिरिक्त सब्जियां और फलों में कीटनाशक एव कृत्रिम उर्वरकों का छिड़काव किए जाने के कारण ये गर्भवती महिलाओं में पल रहे बच्चे के लिए काफी हानिकारक साबित हो सकता है।
भारत में भी पहले दाइयां गर्भवती महिलाओं को खीरा,टमाटर, सेब,पपीता इत्यादि खाने से परहेज करने की सलाह देती थी। यही आज अमेरिकी डॉक्टर भी कह रहे हैंं। वही मिशन अस्पताल की मेडिकल सुपरिटेंडेंट एंथली जान का भी कहना था कि वह गर्भवती महिलाओं को सात महीने के बाद सलाद छोड़ देने की सलाह दिया करती थी। ताकि नॉर्मल डिलीवरी के समय कोई समस्या ना आए।
कुछ आंकड़ों के अनुसार पिछले एक दशक से पुरुषों में जननांगों की विकृति की समस्याएं बड़ी तेजी से बढ़ रही है। आधुनिक डॉक्टरों के शोधों से पता चला है ज्यों ज्यों आदमी की उम्र बढ़ती जा रही है त्यों त्यों पुरुषों के वीर्य में शुक्राणुओं की कमी आती जा रही है। अंडकोषों के ठीक ढंग से विकसित न हो पाने से अन्य समस्याएं शनै : शनै बढ़ रही है। इसी कारण अमेरिकन डॉक्टर ने एशिया के गर्म देशों की गर्भवती महिलाओं को सलाद से परहेज करने की सलाह दी है। उनका मानना है कि सलाद महिलाओं के हार्मोन पर बुरा प्रभाव डालती है, गर्भवती को चार महीने के पश्चात प्रोटीन ज्यादा खाना चाहिए जैसे पनीर,अंडा, मीट और मछली इत्यादि लेकिन महिलाओं को नशे की दवाइयों और शराब के सेवन से कड़ा परहेज करना चाहिए।
पश्चिमी देशों में गर्भवती महिलाएं बड़ी मात्रा में नशे का सेवन कर रही है और सरेआम शराब पी रही है ,वहां पर बच्चों की मृत्यु दर बढ़ती जा रही है। डॉक्टर का कहना है कि महिलाओं को पूरे नौ महीने तक रेगुलर चेकअप कराना चाहिए, यदि कोई समस्या आती है तुरंत डॉक्टर की सलाह लेनी चाहिए। वहीं डॉक्टरों का कहना है कि गर्भवती महिलाओं को दूध ,दही ,पनीर का प्रयोग करना चाहिए तथा इसके साथ-साथ नारियल पानी पीना चाहिए। कोल्डड्रिंक और अन्य पेय पदार्थों की बजाय नींबू पानी को प्राथमिकता देनी चाहिए।
वही पी जी आई भटिंडा की गायनेकोलॉजिस्ट का कहना है कि महिलाओं को गर्भवती होते ही अपनी सेहत का ध्यान रखना चाहिए, कोई भी समस्या आने पर नजदीक वाले अस्पताल में तैनात लेडी डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए ,देसी टोटकों से दूर रहना चाहिए, गर्भवती महिलाओं को चाय से परहेज करना चाहिए । वही कुछ हकीमों का कहना है कि गर्भवती महिलाओं को गाजर और सेब के मुरब्बे अधिक मात्रा में सेवन करने चाहिए, इससे महिलाओं को घबराहट नहीं होती और बीपी भी स्थिर रहता है। किसी प्रकार की कमजोरी नहीं रहती, इसके अतिरिक्त महिलाएं एक्टिव रहती है ।
यह तो सभी जानते हैं कि गर्भवती महिलाओं का नौ मास का सफर संकट से भरा हुआ होता है। इस समय उन्हें सभी सावधानियां बरतनी चाहिए और अपने चिकित्सक के निर्देशों के अनुसार ही अपना आहार व्यवहार रखना चाहिए।
सुभाष आनंद -विनायक फीचर्स
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