देश का पहला मामला: सुप्रीम कोर्ट ने EVM से करवाई वोटों की गिनती, 33 महीने बाद बदला सरपंच चुनाव का नतीजा
पानीपत – हरियाणा के पानीपत जिले के बुआना लाखु गांव में हुए सरपंच चुनाव का नतीजा देश के इतिहास में एक मिसाल बन गया है। यह पहला मामला है, जिसमें सुप्रीम कोर्ट ने इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (EVM) खोलकर वोटों की पुनर्गणना करवाई और नतीजा पलट गया।
नवंबर 2022 में हुए इस चुनाव में शुरुआती गिनती के बाद कुलदीप मलिक को 51 वोट से विजेता घोषित किया गया था, लेकिन गिनती की गलती के कारण विवाद खड़ा हो गया। मोहित मलिक ने कानूनी लड़ाई लड़ी, जो 33 महीने तक चली। हाईकोर्ट में कुलदीप के पक्ष में फैसला आने के बाद मोहित सुप्रीम कोर्ट पहुंचे। अदालत ने EVM की कोर्ट परिसर में गिनती करवाई, जिसमें मोहित 51 वोट से विजेता निकले।
13 अगस्त 2025 को राज्य चुनाव आयोग ने मोहित के सरपंच बनने का नोटिफिकेशन जारी किया और 14 अगस्त को जिला विकास एवं पंचायत अधिकारी राजेश शर्मा ने उन्हें शपथ दिलाई। स्वतंत्रता दिवस पर मोहित ने बतौर सरपंच ध्वजारोहण किया।
इस फैसले ने पंचायत चुनाव से लेकर राष्ट्रीय राजनीति तक हलचल मचा दी है। बिहार के नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने इसे ‘EVM की पारदर्शिता पर सवाल’ बताते हुए सोशल मीडिया पर लिखा कि “जब साक्ष्य ही खत्म कर दिए जाएं, तो लोकतंत्र कमजोर हो जाता है।” विपक्ष ने इस मुद्दे को बिहार चुनाव से पहले ‘वोट चोरी’ के बड़े अभियान से जोड़ा है, जबकि समर्थक इसे न्याय की जीत बता रहे हैं।
मोहित मलिक ने कहा, “हिम्मत कई बार टूटी, लेकिन ग्रामीणों के समर्थन ने लड़ाई जीतने की ताकत दी। अब शिक्षा, स्वास्थ्य और खेल के विकास पर पूरा जोर रहेगा।”
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