कथावाचक देवकीनंदन का मंत्री अनिल विज पर बड़ा हमला, बोले– संस्कृति को खोखला करने वाले सत्ता के लोग, नसीहत देने का हक नहीं
अंबाला में आयोजित कथा के दौरान प्रसिद्ध कथावाचक देवकीनंदन ठाकुर ने हरियाणा के मंत्री अनिल विज पर सीधा निशाना साधते हुए कहा कि संवैधानिक पद पर बैठे लोग अगर ईमानदारी से अपने कर्तव्य निभाते, तो उनकी नसीहतें मानने योग्य होतीं। उन्होंने आरोप लगाया कि आजादी के बाद से सत्ता की कुर्सी पर बैठे कई लोगों ने देश की संस्कृति को कमजोर करने का काम किया है और समाज को अंग्रेजी रंग में रंगने की कोशिश की है।
देवकीनंदन ने कहा कि अनिल विज का यह कहना कि कथावाचक और संत में फर्क होता है और कथावाचक चार किताबें पढ़कर बन जाता है, बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है। उन्होंने कहा कि संत श्री डोंगरी जी महाराज, संत राम सुखदास जी, मोरारी बापू और रमेश भाई ओझा जैसे अनेक संत भी कथावाचक रहे हैं, जिन्होंने समाज में नैतिकता और संस्कृति को जीवित रखने में अहम भूमिका निभाई।
उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि सभी कथावाचकों को एक साथ कटघरे में खड़ा करना उचित नहीं है और अगर हिम्मत है तो नाम लेकर बयान दें। देवकीनंदन ने यह भी कहा कि आज जो थोड़ी-बहुत भारतीय संस्कृति बची है, उसमें कथावाचकों का बड़ा योगदान है, लेकिन सत्ता में बैठे लोग चुन-चुनकर संस्कृति पर प्रहार करते आए हैं।
यह विवाद तब गहरा गया जब कथावाचक अनिरुद्धाचार्य के महिलाओं पर दिए विवादित बयान के बाद अनिल विज ने टिप्पणी करते हुए कहा था कि लोगों को कथावाचकों पर ध्यान नहीं देना चाहिए। इसके जवाब में देवकीनंदन ने कहा कि संस्कृति को सबसे अधिक चोट सत्ता के गलियारों से ही लगी है और अब वही लोग कथावाचकों को नसीहत दे रहे हैं।
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